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एटा: बीमारी से परेशान शख्स ने खुद को लगाई आग, फिर ऐसे बची जान - एटा समाचार

एटा में बीमारी से तंग आकर एक अधेड़ ने खुद को आग ली. इसके बाद वह पास के नहर में कूद गया. इसके बाद दो तैराक भाईयों ने अधेड़ की जान बचा ली.

man attempt to suicide
बीमारी से परेशान शख्स ने खुद को लगाई आग
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Published : Nov 9, 2020, 2:24 AM IST

एटा: जिले में बीमारी से तंग आकर एक अधेड़ ने केरोसिन डालकर खुद को किया आग लगाकर हजारा नहर में कूद गया. तैराक बंधु रवेंद्र और जुगेंद्र ने अधेड़ की जान बचाई. अधजले हालत में अधेड़ को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहा से उसे हालत गंभीर में हायर सेंटर रेफर कर दिया गया.

मामला एटा-टूंडला मार्ग पर हजारा नहर का है. नई बस्ती के रहने वाले 35 वर्षीय प्रशांत उर्फ कान्हा वार्ष्णेय कई वर्षों से बीमारी से ग्रसित है. बीमारी से तंग आकर उन्होंने खुद को आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. एटा से करीब 10 किलोमीटर दूर हजारा नहर पर पहुंचकर अधेड़ ने अपने शरीर पर केरोसिन डालकर आग लगा ली. जब प्रशांत जलने लगा तो वह अपनी जान बचाने के लिए हजारा नहर में कूद गया. तभी नहर के पंचर की दुकान किए तैराक दो भाइयों की नजर नहर में डूबते प्रशांत पर पड़ी. दोनों भाई युवक को बचाने के लिए नदी में कूद गए. कड़ी मशक्कत के बाद प्रशांत को नदी से बाहर निकाला गया और पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस प्रशांत को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने हालात गंभीर देखते हुए उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया.

दोनों तैराक भाईयों को सीए योगी कर चुकें हैं सम्मानित
दोनों तैराक भाई रवेंद्र राठौर और जुगेंद्र राठौर कई बर्षो से डूबते लोगों की जाने बचाते आ रहे हैं, अभी तक के रिकॉर्ड में दोनों भाइयों ने लगभग 400 लोगों की जान बचाई है. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण दोनों भाई नहर किनारे पंचर की दुकान चलाते हैं. इस कार्य के लिए दोनों भाईयों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मानित कर चुके हैं. वहीं जिला प्रशासन भी इन दोनों भाइयों को कई बार सम्मानित कर चुका है.

एटा: जिले में बीमारी से तंग आकर एक अधेड़ ने केरोसिन डालकर खुद को किया आग लगाकर हजारा नहर में कूद गया. तैराक बंधु रवेंद्र और जुगेंद्र ने अधेड़ की जान बचाई. अधजले हालत में अधेड़ को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहा से उसे हालत गंभीर में हायर सेंटर रेफर कर दिया गया.

मामला एटा-टूंडला मार्ग पर हजारा नहर का है. नई बस्ती के रहने वाले 35 वर्षीय प्रशांत उर्फ कान्हा वार्ष्णेय कई वर्षों से बीमारी से ग्रसित है. बीमारी से तंग आकर उन्होंने खुद को आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. एटा से करीब 10 किलोमीटर दूर हजारा नहर पर पहुंचकर अधेड़ ने अपने शरीर पर केरोसिन डालकर आग लगा ली. जब प्रशांत जलने लगा तो वह अपनी जान बचाने के लिए हजारा नहर में कूद गया. तभी नहर के पंचर की दुकान किए तैराक दो भाइयों की नजर नहर में डूबते प्रशांत पर पड़ी. दोनों भाई युवक को बचाने के लिए नदी में कूद गए. कड़ी मशक्कत के बाद प्रशांत को नदी से बाहर निकाला गया और पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस प्रशांत को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने हालात गंभीर देखते हुए उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया.

दोनों तैराक भाईयों को सीए योगी कर चुकें हैं सम्मानित
दोनों तैराक भाई रवेंद्र राठौर और जुगेंद्र राठौर कई बर्षो से डूबते लोगों की जाने बचाते आ रहे हैं, अभी तक के रिकॉर्ड में दोनों भाइयों ने लगभग 400 लोगों की जान बचाई है. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण दोनों भाई नहर किनारे पंचर की दुकान चलाते हैं. इस कार्य के लिए दोनों भाईयों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मानित कर चुके हैं. वहीं जिला प्रशासन भी इन दोनों भाइयों को कई बार सम्मानित कर चुका है.

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