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एटा महोत्सव: 9 कवयित्रियों ने बांधा समा, CAA और NPR पर सुनाई कविताएं

उत्तर प्रदेश के एटा में बुधवार रात को एटा महोत्सव में कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आईं 9 कवयित्रियों ने हिस्सा लिया. कवयित्रियों ने सीएए और एनपीआर पर भी अपनी कविताएं सुनाईं.

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एटा महोत्सव में कवयित्री सम्मेलन का किया गया आयोजन.
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Published : Jan 9, 2020, 11:32 AM IST

एटा: जिले के सैनिक पड़ाव पर चल रहे एटा महोत्सव में बुधवार रात कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से आई 9 कवयित्रियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान हास्य, व्यंग की कविताओं के साथ ही नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर पर कवयित्रियों ने बेबाकी से अपनी बात रखी.

एटा महोत्सव में कवयित्री सम्मेलन का किया गया आयोजन.

देश के विभिन्न हिस्सों से आई महिला कवयित्रियों ने जमकर लूटी वाहवाही
देश के विभिन्न हिस्सों से आई महिला कवि व्यंजना शुक्ला, सरला, आसमा, मणिका दुबे, शिखा सिंह, पल्लवी त्रिपाठी, प्रीति अग्रवाल, योग्यता चौहान, एकता भारती, रुबिया खान समेत समीक्षा ने अपनी-अपनी कविताओं से श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी.

सीएए को लेकर कवयित्री योग्यता चौहान ने सुनाई कविता
इस दौरान इटावा से आई कवयित्री योग्यता चौहान ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अपनी कविता में हुई बेखबर की दरबदर हो गई, वह उधर हो गया, मैं इधर हो गई सुनाई. उसके बाद कवयित्री योगिता चौहान ने नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए कहा कि जो लोग इस कानून के खिलाफ हैं, देश में जो आंदोलन कर रहे हैं और पथराव कर रहे हैं. तोड़फोड़ कर रहे, आग लगा रहे हैं. उनके लिए मैं पंक्तियां बोलना चाहती हूं. हमने वादा सदा निभाया था, तुमको हमने गले लगाया था. तुमने मजहब ही लाल कर डाला, कौम ने क्या यही सिखाया था.

इसे भी पढ़ें- एटा महोत्सव में पहुंचे निजामी बंधु, कव्वालियां सुनाकर दर्शकों को झूमने पर किया मजबूर

कविता से एनपीआर की खिलाफत कर रहे लोगों पर कटाक्ष
इसके अलावा योग्यता चौहान ने एनपीआर योजना की खिलाफत कर रहे लोगों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि लोग अपनी पहचान बताने से डरते हैं, लेकिन खुलकर फेसबुक, इंस्टाग्राम टि्वटर पर अपनी आईडी बना रहे हैं. पूरा डेटा दिखा रहे हैं. इस पर भी कटाक्ष करते हुए उन्होंने अपनी कविता इंस्टा, ट्विटर और फेसबुक पर डाल रहे हो, अपनी सभी पहचान वहां खोल रहे हो. एनपीआर योजना से फिर संकोच क्यों हुआ, क्या होटलों से सस्ता देश तौल रहे हो.

एटा: जिले के सैनिक पड़ाव पर चल रहे एटा महोत्सव में बुधवार रात कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से आई 9 कवयित्रियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान हास्य, व्यंग की कविताओं के साथ ही नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर पर कवयित्रियों ने बेबाकी से अपनी बात रखी.

एटा महोत्सव में कवयित्री सम्मेलन का किया गया आयोजन.

देश के विभिन्न हिस्सों से आई महिला कवयित्रियों ने जमकर लूटी वाहवाही
देश के विभिन्न हिस्सों से आई महिला कवि व्यंजना शुक्ला, सरला, आसमा, मणिका दुबे, शिखा सिंह, पल्लवी त्रिपाठी, प्रीति अग्रवाल, योग्यता चौहान, एकता भारती, रुबिया खान समेत समीक्षा ने अपनी-अपनी कविताओं से श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी.

सीएए को लेकर कवयित्री योग्यता चौहान ने सुनाई कविता
इस दौरान इटावा से आई कवयित्री योग्यता चौहान ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अपनी कविता में हुई बेखबर की दरबदर हो गई, वह उधर हो गया, मैं इधर हो गई सुनाई. उसके बाद कवयित्री योगिता चौहान ने नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए कहा कि जो लोग इस कानून के खिलाफ हैं, देश में जो आंदोलन कर रहे हैं और पथराव कर रहे हैं. तोड़फोड़ कर रहे, आग लगा रहे हैं. उनके लिए मैं पंक्तियां बोलना चाहती हूं. हमने वादा सदा निभाया था, तुमको हमने गले लगाया था. तुमने मजहब ही लाल कर डाला, कौम ने क्या यही सिखाया था.

इसे भी पढ़ें- एटा महोत्सव में पहुंचे निजामी बंधु, कव्वालियां सुनाकर दर्शकों को झूमने पर किया मजबूर

कविता से एनपीआर की खिलाफत कर रहे लोगों पर कटाक्ष
इसके अलावा योग्यता चौहान ने एनपीआर योजना की खिलाफत कर रहे लोगों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि लोग अपनी पहचान बताने से डरते हैं, लेकिन खुलकर फेसबुक, इंस्टाग्राम टि्वटर पर अपनी आईडी बना रहे हैं. पूरा डेटा दिखा रहे हैं. इस पर भी कटाक्ष करते हुए उन्होंने अपनी कविता इंस्टा, ट्विटर और फेसबुक पर डाल रहे हो, अपनी सभी पहचान वहां खोल रहे हो. एनपीआर योजना से फिर संकोच क्यों हुआ, क्या होटलों से सस्ता देश तौल रहे हो.

Intro:एटा। जिले के सैनिक पड़ाव पर चल रहे राजकीय जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी 2020 यानी कि एटा महोत्सव में बुधवार रात कवियत्री सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से आई 9 कवियत्रियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान हास्य, व्यंग की कविताओं के साथ ही नागरिकता संशोधन कानून व एनपीआर पर कवियत्रियों ने बेबाकी से अपनी बात रखी।


Body:देश के विभिन्न हिस्सों से आई महिला कवियों व्यंजना शुक्ला, सरला आसमा,मणिका दुबे,शिखा सिंह, पल्लवी त्रिपाठी, प्रीति अग्रवाल,योग्यता चौहान, एकता भारती,रुबिया खान समेत समीक्षा ने अपनी अपनी कविताओं से श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी। इस दौरान इटावा से आई कवियत्री योग्यता चौहान ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अपनी कविता मैं हुई बेखबर की दरबदर हो गई, वह उधर हो गया, मैं इधर हो गई सुनाई। उसके बाद कवियत्री योगिता चौहान ने नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए कहा कि जो लोग इस कानून के खिलाफ है, देश में जो आंदोलन कर रहे हैं और पथराव कर रहे हैं। तोड़फोड़ कर रहे,आग लगा रहे हैं। उनके लिए मैं पंक्तियां बोलना चाहती हूं । हमने वादा सदा निभाया था ,तुमको हमने गले लगाया था। तुमने मजहब ही लाल कर डाला,कौम ने क्या यही सिखाया था।


Conclusion:इसके अलावा योग्यता चौहान ने एनपीआर योजना की खिलाफत कर रहे लोगों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि लोग अपनी पहचान बताने से डरते हैं। लेकिन खुलकर फेसबुक,इंस्टाग्राम टि्वटर पर अपनी आईडी बना रहे हैं। पूरा डेटा दिखा रहे हैं। इस पर भी कटाक्ष करते हुए,उन्होंने अपनी कविता इंस्ट्रा, ट्विटर और फेसबुक पर डोल रहे हो, अपनी सभी पहचान वहां खोल रहे हो। एनपीआर योजना से फिर संकोच क्यों हुआ, क्या होटलों से सस्ता देश तौल रहे हो।
बाइट: योग्यता चौहान ( कवियत्री)
पीटूसी:वीरेंद्र
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