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यूपी एक खोज: एटा की कपूरकंद मिठाई के लोग हैं दीवाने, जानें क्यों? - यूपी एक खोज की लेटेस्ट स्टोरी

ईटीवी भारत के विशेष कार्यक्रम यूपी एक खोज के तहत आज हम आपको देश की सबसे सस्ती और सेहत के लिए फायदेमंद अनोखी मिठाई कपूरकंद के बारे में बताने जा रहे हैं. एटा जिले के राजा का रामपुर कस्बे की मिठाई कपूरकंद के लोग किस कदर दीवाने हैं और यह मिठाई कैसे सेहत के लिए भी लाभप्रद है आप भी जानिए...

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कपूरकंद बनाते पप्पू हलवाई
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Published : Jun 9, 2022, 5:06 PM IST

एटा: उत्तर प्रदेश के जनपद एटा का छोटा सा कस्बा राजा का रामपुर तंबाकू उत्पादन के लिए जाना जाता है. लेकिन यहां की एक अनोखी मिठाई की मिठास देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक दस्तक दे रही है. लगभग 50 वर्षों से राजा का रामपुर कस्बे में कपूरकंद नाम की मिठाई का चलन है, जो छोटी-छोटी मिठाई की दुकानों की शोभा बढ़ाता है.

मुख्यतः गर्मियों में कपूरकंद का प्रयोग अत्यधिक किया जाता है. इसका मुख्य कारण है कि यह लौकी और चीनी की चाशनी के साथ तैयार किया जाता है, जिससे कपूरकंद खाने के बाद शरीर में शीतलता आती है और लोगों को गर्मी से राहत मिलती है. अक्सर यहां लोग कपूरकंद खाकर पानी पीते हैं. यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है.

कपूरकंद के बारे में जानकारी देते पप्पू गुप्ता (हलवाई)
कपूरकंद बनाने वाले पप्पू गुप्ता कूपरकंद की पाक विधि के बारे में जानकारी देते हुए बताते हैं कि सबसे पहले लौकी को साफ करके काटते हैं और उसके गूदे को चाकू की सहायता से निकाल देते हैं. उसके बाद लौकी के गूदे के निचली सतह को नूडल जैसे आकार में निकाल लेते हैं. फिर उन लच्छों को कई बार पानी में धोकर एक तार की चाशनी में उबालते हैं. एक घंटे तक उबालने के बाद चाशनी और लौकी के लच्छे जो आपस में गुंथ जाते हैं, उसमें घी डालकर उन्हें सुलझाया जाता है. उसके बाद स्वादिष्ट और लाजवाब कपूरकंद बनकर तैयार हो जाता है.

यह भी पढ़ें: यूपी एक खोज: काशी में दक्षिण भारत की शैली जैसा एक मंदिर, जिसका स्कंद पुराण में है जिक्र

स्थानीय निवासी मनीष गुप्ता बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में हम अपने रिश्तेदारों के यहां कई किलो कपूरकंद भेजते हैं. वहीं हमारे कई रिश्तेदार एब्रॉड और अन्य देशों में हैं जो गर्मियों में यहां आते हैं तो कपूरकंद साथ ले जाना नहीं भूलते हैं.राजा का रामपुर में जो भी इस मौसम में आता है वह कपूरकंद ज़रूर खरीदकर ले जाता है.

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एटा: उत्तर प्रदेश के जनपद एटा का छोटा सा कस्बा राजा का रामपुर तंबाकू उत्पादन के लिए जाना जाता है. लेकिन यहां की एक अनोखी मिठाई की मिठास देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक दस्तक दे रही है. लगभग 50 वर्षों से राजा का रामपुर कस्बे में कपूरकंद नाम की मिठाई का चलन है, जो छोटी-छोटी मिठाई की दुकानों की शोभा बढ़ाता है.

मुख्यतः गर्मियों में कपूरकंद का प्रयोग अत्यधिक किया जाता है. इसका मुख्य कारण है कि यह लौकी और चीनी की चाशनी के साथ तैयार किया जाता है, जिससे कपूरकंद खाने के बाद शरीर में शीतलता आती है और लोगों को गर्मी से राहत मिलती है. अक्सर यहां लोग कपूरकंद खाकर पानी पीते हैं. यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है.

कपूरकंद के बारे में जानकारी देते पप्पू गुप्ता (हलवाई)
कपूरकंद बनाने वाले पप्पू गुप्ता कूपरकंद की पाक विधि के बारे में जानकारी देते हुए बताते हैं कि सबसे पहले लौकी को साफ करके काटते हैं और उसके गूदे को चाकू की सहायता से निकाल देते हैं. उसके बाद लौकी के गूदे के निचली सतह को नूडल जैसे आकार में निकाल लेते हैं. फिर उन लच्छों को कई बार पानी में धोकर एक तार की चाशनी में उबालते हैं. एक घंटे तक उबालने के बाद चाशनी और लौकी के लच्छे जो आपस में गुंथ जाते हैं, उसमें घी डालकर उन्हें सुलझाया जाता है. उसके बाद स्वादिष्ट और लाजवाब कपूरकंद बनकर तैयार हो जाता है.

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स्थानीय निवासी मनीष गुप्ता बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में हम अपने रिश्तेदारों के यहां कई किलो कपूरकंद भेजते हैं. वहीं हमारे कई रिश्तेदार एब्रॉड और अन्य देशों में हैं जो गर्मियों में यहां आते हैं तो कपूरकंद साथ ले जाना नहीं भूलते हैं.राजा का रामपुर में जो भी इस मौसम में आता है वह कपूरकंद ज़रूर खरीदकर ले जाता है.

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