एटा: जिला मुख्यालय के किदवई नगर इलाके में जलनिकासी के लिए नाले का निर्माण किया जा रहा है. आरोप है कि नाले के निर्माण में जमकर खेल हो रहा है. नाले के निर्माण में पीली ईंट और नाम मात्र की सीमेंट के साथ भारी मात्रा में बालू का इस्तेमाल होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. वहीं नाले के निर्माण में गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ होने पर ईओ नगर पालिका डॉ. दीप ने जांच के आदेश दिए हैं.
दरअसल, जिला मुख्यालय के किदवई नगर इलाके में जलभराव की समस्या आम बात है. यहां पर जलनिकासी की उचित व्यवस्था नहीं है. आम लोगों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका ने एक नाले का निर्माण शुरू कराया. किदवई नगर से लेकर आवास विकास कॉलोनी तक नाले का निर्माण कराया जा रहा है. आरोप है कि नाले के निर्माण कार्य में ठेकेदार जमकर भ्रष्टाचार कर रहा है. ईंट हो या फिर मसाला दोनों की ही गुणवत्ता खराब है. स्थानीय लोगों ने गुणवत्ताविहीन नाले के निर्माण के खिलाफ आवाज उठाई है.
स्थानीय निवासी मनसुख गुप्ता के मुताबिक नाले के निर्माण में पीली ईंट का उपयोग हो रहा है. मानकों के विपरीत नाले का निर्माण हो रहा है. ठेकेदार मनमानी कर रहा है. इतना ही नहीं मनसुख गुप्ता के मुताबिक नाले के निर्माण से पहले किसी भी व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं दी गई. रात के समय जेसीबी से खुदाई शुरू करा दी गई. उन्होंने कहा कि नाले के निर्माण में जो मसाला लगाया जा रहा है, उसमें सीमेंट का पता ही नहीं चलता.
वहीं इस मामले में ईओ नगरपालिका डॉ. दीप के मुताबिक नाले के निर्माण में लापरवाही का मामला सामने आया है. जांच के लिए मौके पर जेई को भेजा गया है. मैटेरियल की सैंपलिंग कराई जा रही है. सैंपल लेकर पीडब्ल्यूडी को भेजा जाएगा. यदि ईंट और मसाला मानक के अनुरूप नहीं पाया जाता है, तो कार्रवाई करते हुए ठेकेदार का भुगतान नहीं किया जाएगा. इसके अलावा जिला स्तरीय कमेटी से भी जांच कराई जाएगी.