एटा: जिले में मच्छर जनित रोगों से यहां के निवासी दहशत में है. सबसे ज्यादा खतरा डेंगू का बना हुआ है. जानकारी के मुताबिक, जिले में कई मौतें डेंगू से हुई है. बीते दिनों जिला निगरानी समिति की बैठक के दौरान जब सांसद राजवीर सिंह और डीएम सुखलाल भारती मौजूद थे. उस दौरान मारहरा क्षेत्र के विधायक वीरेंद्र लोधी ने स्वास्थ्य महकमे के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि एक करोड़ का बजट स्वास्थ्य महकमे के पास होने के बाद भी फॉगिंग भी ठीक से नहीं हो रही है, जिससे मच्छर जनित रोग फैल रहा है.
एक करोड़ होता है ग्रामीण क्षेत्रों का बजट
जिले के सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल का कहना है कि एक करोड़ का बजट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होता है. यह पैसा स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के खाते में डाल दिया जाता है. इसका संचालन ग्राम प्रधान और आशा के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है. इस खाते में प्रतिवर्ष 10 हजार दिए जाते हैं और इन्हें खर्च करना होता है.
10 हजार से ज्यादा इस खाते से खर्च नहीं किया जा सकता. यदि हम उससे कम धन खर्च करते हैं तो अगले वित्तीय वर्ष में कम बजट की प्राप्ति होती है. जिले के विभिन्न गांव में ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति बनी है, जिनकी संख्या 500 से अधिक है. इन्हीं के खातों में पैसे डाले जाते हैं.
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विधायक का यह कथन की ग्राम प्रधानों को मिले पैसे बिल्कुल खर्च नहीं हुए हैं. ऐसा नहीं है क्योंकि ग्राम प्रधान और आशा का संयुक्त खाता होता है. दोनों मिलकर अपने गांव की स्वच्छता पोषण और स्वास्थ्य के लिए जो योजनाएं होती हैं. उनके लिए इन्हीं खातों से पैसा निकाल कर खर्च किया जाता है.
-डॉ अजय अग्रवाल, सीएमओ स्वास्थ्य विभाग