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एटा: स्वास्थ्य महकमे के पास एक करोड़ का बजट, फिर भी पनप रहा डेंगू का खतरा - etah updates news

उत्तर प्रदेश के एटा में डेंगू का सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. जानकारी के अनुसार यहां कई मौतें डेंगू से हुई है. एक करोड़ का बजट स्वास्थ्य विभाग के पास होने के बावजूद भी फॉगिंग ठीक से नहीं हो रही है.

स्वास्थ्य महकमे के पास एक करोड़ का बजट.
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Published : Nov 7, 2019, 11:34 PM IST

एटा: जिले में मच्छर जनित रोगों से यहां के निवासी दहशत में है. सबसे ज्यादा खतरा डेंगू का बना हुआ है. जानकारी के मुताबिक, जिले में कई मौतें डेंगू से हुई है. बीते दिनों जिला निगरानी समिति की बैठक के दौरान जब सांसद राजवीर सिंह और डीएम सुखलाल भारती मौजूद थे. उस दौरान मारहरा क्षेत्र के विधायक वीरेंद्र लोधी ने स्वास्थ्य महकमे के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि एक करोड़ का बजट स्वास्थ्य महकमे के पास होने के बाद भी फॉगिंग भी ठीक से नहीं हो रही है, जिससे मच्छर जनित रोग फैल रहा है.

स्वास्थ्य महकमे के पास एक करोड़ का बजट.

एक करोड़ होता है ग्रामीण क्षेत्रों का बजट
जिले के सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल का कहना है कि एक करोड़ का बजट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होता है. यह पैसा स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के खाते में डाल दिया जाता है. इसका संचालन ग्राम प्रधान और आशा के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है. इस खाते में प्रतिवर्ष 10 हजार दिए जाते हैं और इन्हें खर्च करना होता है.

10 हजार से ज्यादा इस खाते से खर्च नहीं किया जा सकता. यदि हम उससे कम धन खर्च करते हैं तो अगले वित्तीय वर्ष में कम बजट की प्राप्ति होती है. जिले के विभिन्न गांव में ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति बनी है, जिनकी संख्या 500 से अधिक है. इन्हीं के खातों में पैसे डाले जाते हैं.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज में डेंगू का कहर जारी, मरीजों की संख्या पहुंची 300 पार

विधायक का यह कथन की ग्राम प्रधानों को मिले पैसे बिल्कुल खर्च नहीं हुए हैं. ऐसा नहीं है क्योंकि ग्राम प्रधान और आशा का संयुक्त खाता होता है. दोनों मिलकर अपने गांव की स्वच्छता पोषण और स्वास्थ्य के लिए जो योजनाएं होती हैं. उनके लिए इन्हीं खातों से पैसा निकाल कर खर्च किया जाता है.
-डॉ अजय अग्रवाल, सीएमओ स्वास्थ्य विभाग

एटा: जिले में मच्छर जनित रोगों से यहां के निवासी दहशत में है. सबसे ज्यादा खतरा डेंगू का बना हुआ है. जानकारी के मुताबिक, जिले में कई मौतें डेंगू से हुई है. बीते दिनों जिला निगरानी समिति की बैठक के दौरान जब सांसद राजवीर सिंह और डीएम सुखलाल भारती मौजूद थे. उस दौरान मारहरा क्षेत्र के विधायक वीरेंद्र लोधी ने स्वास्थ्य महकमे के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि एक करोड़ का बजट स्वास्थ्य महकमे के पास होने के बाद भी फॉगिंग भी ठीक से नहीं हो रही है, जिससे मच्छर जनित रोग फैल रहा है.

स्वास्थ्य महकमे के पास एक करोड़ का बजट.

एक करोड़ होता है ग्रामीण क्षेत्रों का बजट
जिले के सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल का कहना है कि एक करोड़ का बजट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होता है. यह पैसा स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के खाते में डाल दिया जाता है. इसका संचालन ग्राम प्रधान और आशा के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है. इस खाते में प्रतिवर्ष 10 हजार दिए जाते हैं और इन्हें खर्च करना होता है.

10 हजार से ज्यादा इस खाते से खर्च नहीं किया जा सकता. यदि हम उससे कम धन खर्च करते हैं तो अगले वित्तीय वर्ष में कम बजट की प्राप्ति होती है. जिले के विभिन्न गांव में ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति बनी है, जिनकी संख्या 500 से अधिक है. इन्हीं के खातों में पैसे डाले जाते हैं.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज में डेंगू का कहर जारी, मरीजों की संख्या पहुंची 300 पार

विधायक का यह कथन की ग्राम प्रधानों को मिले पैसे बिल्कुल खर्च नहीं हुए हैं. ऐसा नहीं है क्योंकि ग्राम प्रधान और आशा का संयुक्त खाता होता है. दोनों मिलकर अपने गांव की स्वच्छता पोषण और स्वास्थ्य के लिए जो योजनाएं होती हैं. उनके लिए इन्हीं खातों से पैसा निकाल कर खर्च किया जाता है.
-डॉ अजय अग्रवाल, सीएमओ स्वास्थ्य विभाग

Intro:एटा जनपद में स्वास्थ्य महकमे के पास एक करोड़ का बजट होने के बाद भी जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए फागिंग तक नहीं हो पा रही है। बजट का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। यह हम नहीं बल्कि जिले के मारहरा विधायक वीरेंद्र लोधी ने जिला निगरानी समिति की बैठक के दौरान स्वास्थ्य महकमे के ऊपर आरोप लगाते हुए कहे थे। जब इस बारे में जिले के सीएमओ से जानकारी हासिल की गई। तो उन्होंने अपने पाले की गेंद ग्राम प्रधानों व आशा के पाले में फेंक दी और यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि पैसा देना विभाग का काम है। लेकिन काम कराना ग्राम प्रधान और आशा का काम है । आरोप-प्रत्यारोप के दौर में डेंगू फल-फूल रहा है और लोगों की जान ले रहा है।


Body:एटा जनपद में मच्छर जनित रोगों से जिले के निवासी दहशत में है। सबसे ज्यादा खतरा डेंगू का बना हुआ है। जिले में कई मौतें डेंगू से होना बताई जा रही है। बीते दिनों जिला निगरानी समिति की बैठक के दौरान जब सांसद राजवीर सिंह व डीएम सुखलाल भारती मौजूद थे । उस दौरान मारहरा क्षेत्र के विधायक वीरेंद्र लोधी ने स्वास्थ्य महकमे के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि एक करोड़ का बजट स्वास्थ्य महकमे के पास होने के बाद भी फॉगिंग भी ठीक से नहीं हो रही है। जिससे मच्छर जनित रोग फैल रहा है।
जब इस बारे में जिले के सीएमओ डॉ अजय अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एक करोड़ का बजट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होता है। यह पैसा स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के खाते में डाल दिया जाता है। जिसका संचालन ग्राम प्रधान और आशा के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। इस खाते में प्रतिवर्ष 10 हजार दिए जाते हैं और इन्हें खर्च करना होता है। 10 हजार से ज्यादा इस खाते से खर्च नहीं किया जा सकता। यदि हम उससे कम धन खर्च करते हैं। तो अगले वित्तीय वर्ष में कम बजट की प्राप्ति होती है । बता दे जिले के विभिन्न गांव में ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति बनी है। जिनकी संख्या 500 से अधिक है। इन्हीं के खातों में पैसे डाले जाते हैं।


Conclusion:सीएमओ डॉ अजय अग्रवाल के मुताबिक विधायक का यह कथन की ग्राम प्रधानों को मिले पैसे बिल्कुल खर्च नहीं हुए हैं। ऐसा नहीं है । क्योंकि ग्राम प्रधान और आशा का संयुक्त खाता होता है । दोनों मिलकर अपने गांव की स्वच्छता पोषण और स्वास्थ्य के लिए जो योजनाएं होती हैं । उनके लिए इन्हीं खातों से पैसा निकाल कर खर्च किया जाता है।
बाइट: डॉ अजय अग्रवाल ( सीएमओ स्वास्थ्य विभाग एटा)
पीटूसी:वीरेन्द्र पाण्डेय
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