एटा : जिले में जलेसर थाना क्षेत्र में आगरा रोड पर स्थिति सोडा फैक्ट्री की गोदाम में 22 जनवरी की रात करीब 11 बजे आग लगने से हड़कंप मच गया. सूचना पर पहुंची फायर बिग्रेड की टीमों ने कई घंटों में आग पर काबू पाया. तब तक फैक्ट्री की गोदाम में रखा लाखों का माल जलकर खाक हो गया. आग की सूचना पाकर जलेसर विधायक संजीव दिवाकर, चैयरमेन विकास मित्तल, एसडीएम एसपी सिंह भी मौके पर पहुंच गए. हालांकि आग का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. गोदाम में लाइट की भी कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे सार्ट सर्किट हो सके.
सूत्रों की माने तो जलेसर में सोडा का कारोबार चोरी से किया जाता है, जिसकी भनक प्रशासन तक को नहीं होती. सोडा के कारोबार के चलते यहां का पानी भी दूषित होने लगा है. दरअसल सोडा की सफाई में निकलने वाले केमिकल (तेजाब अन्य रासायनिक पदार्थ) से मृदा दूषित होती है. इसको लेकर जलेसर में किसानों ने पहले धरना प्रदर्शन भी किये थे, तो प्रशासन ने फैक्ट्रियों को बंद कराने के आदेश दिया थे. बाबजूद इसके कारोबारियों ने प्रशासन की नजरों में काम बंद कर चोरी से रात में काम करना शुरू कर दिया. यहां तक कि सोडा से निकलने वाले तरल पदार्थ को जमीन में 4 इंची बोरिंग कराकर पाइप लाइन द्वारा जमीन के अंदर डाला जा रहा है.
वहीं इस संबंध में सोडा फैक्ट्री के गोदाम मालिक जलेसर चैयरमेन विकास मित्तल ने बताया कि यह गोदाम पहले सोडा की थी. इसके बाद यह गोदाम ग्रोसरी के सामान की कर दी गयी थी. आग लगने से नुकसान का आंकलन तो कागजात देखकर ही पता चलेगा. अब सोडा का कारोबार तो बंद है, गोदाम में लाइट की कोई फिटिंग नहीं थी तो आग सार्ट सर्किट से नहीं लगी है. साथ ही एसडीएम जलेसर एसपी सिंह ने बताया कि गोदाम में आग लगने की सूचना पर जब हम मौके पर पहुंचे तो आग विकराल रूप ले चुकी थी. गोदाम के मालिक ने बताया है कि इसमें ग्रोसरी का सामान था. सोडा की गोदाम होने की जानकारी हमें नहीं थी, जांच के बाद ही पता चल पाएगा.