एटा: जिले के शहर काजी बुदूद अहमद ने मुस्लिम समुदाय से ईद पर सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. शहर काजी ने कहा है कि बकरीद के अवसर पर कुर्बानी के समय नालियों में खून न बहाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कुर्बानी के वाजिब होने के मायने भी समझाए.
सावन का सोमवार और ईद का त्योहार एक साथ
12 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार है, इसी दिन बकरीद भी मनाई जाएगी. ऐसे में हिंदू-मुस्लिम समुदाय का आपसी सौहार्द बनाए रखने के लिए शहर काजी बुदूद अहमद ने लोगों से अपील की है. शहर काजी ने कहा कि कुर्बानी देते समय इस बात का ध्यान रखें कि खून नालियों में न बहने पाए. इसके लिए कुर्बानी देने वाली जगह पर मिट्टी रखी जाए, बाद में उस मिट्टी को दफन कर दिया जाए. इसके अलावा उन्होंने बताया है कि बकरीद के अवसर पर साहिबे निसाब पर कुर्बानी वाजिब है. उन्होंने बताया कि जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े 52 तोला चांदी हो या इसके बराबर कीमत उनके पास हो तो वह साहिबे निसाब कहलाते हैं और उन पर ही कुर्बानी वाजिब है.