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एटा: बकरीद से पहले शहर काजी ने मुस्लिम समुदाय से की अपील

12 अगस्त को बकरीद और सावन का अंतिम सोमवार एक साथ मनाए जा रहे हैं. इसे देखते हुए एटा के शहर काजी ने मुस्लिम समुदाय से शांतिपूर्ण तरीके से ईद मनाने की अपील की है.

एटा शहर काजी ने ईद को लेकर मुस्लिम समुदाय से की अपील.
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Published : Aug 11, 2019, 3:14 PM IST

एटा: जिले के शहर काजी बुदूद अहमद ने मुस्लिम समुदाय से ईद पर सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. शहर काजी ने कहा है कि बकरीद के अवसर पर कुर्बानी के समय नालियों में खून न बहाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कुर्बानी के वाजिब होने के मायने भी समझाए.

एटा शहर काजी ने ईद को लेकर मुस्लिम समुदाय से की अपील.

सावन का सोमवार और ईद का त्योहार एक साथ
12 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार है, इसी दिन बकरीद भी मनाई जाएगी. ऐसे में हिंदू-मुस्लिम समुदाय का आपसी सौहार्द बनाए रखने के लिए शहर काजी बुदूद अहमद ने लोगों से अपील की है. शहर काजी ने कहा कि कुर्बानी देते समय इस बात का ध्यान रखें कि खून नालियों में न बहने पाए. इसके लिए कुर्बानी देने वाली जगह पर मिट्टी रखी जाए, बाद में उस मिट्टी को दफन कर दिया जाए. इसके अलावा उन्होंने बताया है कि बकरीद के अवसर पर साहिबे निसाब पर कुर्बानी वाजिब है. उन्होंने बताया कि जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े 52 तोला चांदी हो या इसके बराबर कीमत उनके पास हो तो वह साहिबे निसाब कहलाते हैं और उन पर ही कुर्बानी वाजिब है.

एटा: जिले के शहर काजी बुदूद अहमद ने मुस्लिम समुदाय से ईद पर सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. शहर काजी ने कहा है कि बकरीद के अवसर पर कुर्बानी के समय नालियों में खून न बहाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कुर्बानी के वाजिब होने के मायने भी समझाए.

एटा शहर काजी ने ईद को लेकर मुस्लिम समुदाय से की अपील.

सावन का सोमवार और ईद का त्योहार एक साथ
12 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार है, इसी दिन बकरीद भी मनाई जाएगी. ऐसे में हिंदू-मुस्लिम समुदाय का आपसी सौहार्द बनाए रखने के लिए शहर काजी बुदूद अहमद ने लोगों से अपील की है. शहर काजी ने कहा कि कुर्बानी देते समय इस बात का ध्यान रखें कि खून नालियों में न बहने पाए. इसके लिए कुर्बानी देने वाली जगह पर मिट्टी रखी जाए, बाद में उस मिट्टी को दफन कर दिया जाए. इसके अलावा उन्होंने बताया है कि बकरीद के अवसर पर साहिबे निसाब पर कुर्बानी वाजिब है. उन्होंने बताया कि जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े 52 तोला चांदी हो या इसके बराबर कीमत उनके पास हो तो वह साहिबे निसाब कहलाते हैं और उन पर ही कुर्बानी वाजिब है.

Intro:एटा जिले के शहर काजी बुदूद अहमद ने सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि बकरीद के अवसर पर कुर्बानी के समय नालियों में खून ना बहने पाए। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया है कि बकरीद पर किसके लिए कुर्बानी वाजिब है और किसके लिए कुर्बानी वाजिब नहीं है।


Body:सावन का अंतिम सोमवार 12 अगस्त को पड़ रहा है और उसी दिन बकरीद भी मनाई जानी। ऐसे में हिंदू मुस्लिम में आपसी सौहार्द बना रहे। इसलिए शहर काजी बुदूद अहमद ने अहम फैसला लेते हुए लोगों से अपील की है कि कुर्बानी देते समय इस बात का ध्यान रखें कि खून नालियों में ना बहने पाए। इसके लिए कुर्बानी देने वाली जगह पर मिट्टी रखी जाए। बाद में उस मिट्टी को दफन कर दिया जाए। इसके अलावा उन्होंने बताया है कि बकरीद के अवसर पर साहिबे निसाब पर कुर्बानी वाजिब है। उन्होंने बताया कि जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े 52 तोला चांदी हो या इसके बराबर कीमत उनके पास हो तो वह साहिबे निसाब कहलाते हैं और उन पर ही कुर्बानी वाजिब है।


Conclusion:शहर काजी बुदूद अहमद ने बताया है कि बकरीद पर सुबह 8 बजे जीटी रोड पर तथा साढ़े 8 बजे पोता के नगला में नमाज अदा की जाएगी।
बाइट:बुदूद अहमद (शहर काजी,एटा)
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