एटा: जलेसर क्षेत्र का एक युवक पत्नी के साथ चीन के वुहान शहर में फंस गया है. कोरोना वायरस की दहशत से पति-पत्नी दोनों घर से नहीं निकल पा रहे हैं. यही कारण है कि जब चीन से लोग भारत लौट रहे थे, तो लिस्ट में नाम होने के बाद भी दोनों भारत नहीं लौट पाए. दंपति ने भारत सरकार से स्वदेश लौटने की गुहार लगाई है. इधर युवक के बुजुर्ग माता-पिता बेटे के स्वदेश न लौट पाने के चलते परेशान हैं.
एटा के जलेसर क्षेत्र निवासी आशीष यादव चीन के एक विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. साल 2019 के नवंबर महीने में आशीष अपनी पत्नी नेहा के साथ चीन के वुहान शहर गए थे. आशीष को 1 फरवरी को वापस लौटना था, लेकिन कोरोना वायरस की दहशत के चलते वह घर से नहीं निकल पाए. कुछ दिन पहले जब भारत सरकार द्वारा कुछ लोगों को स्वदेश वापस लाया गया. उस समय आशीष और उनकी पत्नी को भी वापस आना था.
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इधर एटा जिले में आशीष के बुजुर्ग माता-पिता परेशान हैं. लगातार मां-बाप की बूढ़ी आंखें बेटे और बहू का इंतजार कर रही हैं. आशीष के पिता भंवर सिंह यादव ने बताया कि उनका बेटा वापस आने के लिए कह रहा है, लेकिन फ्लाइट न होने की वजह से वह चीन में ही फंस गया है.
आशीष की मां सरोज ने बताया कि बेटे से आज ही बात हुई थी. 14 या 15 फरवरी को आने की बात कह रहा था. उन्होंने बताया कि बेटे ने कई जगह गुहार लगाई है. भारत सरकार के मंत्रियों से भी बात हुई है. सरोज के मुताबिक उनका बेटा आशीष बीते 20 दिनों से चीन में अपने कमरे में ही बंद है.
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वहीं फोन पर हुई बातचीत में आशीष ने ईटीवी को बताया है कि वुहान शहर में करीब 80 भारतीय फंसे हुए हैं. आशीष ने बताया कि भारत में सांसद से लेकर भारत सरकार के मंत्री तक से उन्होंने गुहार लगाई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वुहान शहर में फंसे बहुत से भारतीय कैद कर दिए गए हैं. अब उनके पास खाने के लिए एक दो दिन का ही भोजन बचा है.