एटाः जिले में बीती रात्रि हुए हंगामे व पथराव मामले में 242 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें 17 नामजद व 225 अज्ञात शामिल हैं. निधौली रोड किनारे स्थित क्लीनिक पर मरीज की मौत के बाद सोमवार रात जमकर बवाल हुआ था. आक्रोशित लोगों ने करीब चार घंटे जलेसर-एटा रोड पर जाम लगाए रखा था. वहीं, पथराव में एसडीएम घायल हो गए थे. वीडियो ग्राफी के आधार पर पुलिस ने बवाल करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया है.
कोतवाली देहात उपनिरीक्षक दयाशंकर ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि निधौली मार्ग पर एक व्यक्ति का शव रखकर भारी संख्या में लोगों ने जाम लगा दिया है. मौके पर पहुंचने के बाद पता चला कि एक अपंजीकृत चिकित्सक द्वारा लगाए गए इंजेक्शन के रिएक्शन से गांव बारथर के अरविंद की मौत हुई है. लोगों का आक्रोश देख दुकानदार दुकानें बंद कर चला गये. मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गईं थी. कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए आरोपियों को समझाया गया, लेकिन नहीं माने. तभी मौके पर पहुंचे सदर एसडीएम शिवकुमार व सीओ सिटी ने समझाने का प्रयास किया. इस दौरान भीड़ नारेबाजी करने लगी. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भीड़ को रोकने की कोशिश की गई, जिस पर भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया. इससे एसडीएम सदर सहित कई पुलिस कर्मियों के चोटे आईं हैं. वीडियोग्राफी से पहचान होने पर 17 नामजद व 225 अज्ञात अराजकतत्वों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. इन पर जानलेवा हमले सहित उपद्रव आदि 10 धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.
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वहीं मरीज की मौत के मामले में उसके परिजन ने क्लीनिक संचालक के खिलाफ तहरीर देकर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया है. बारथर निवासी मृतक के भाई आकाश ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 25 वर्षीय भाई अरविंद एटा में सोमवार को मजदूरी करने आया था. जहां उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई. उसे लेकर निधौली रोड वनगांव में एक क्लीनिक पर पहुंचे. क्लीनिक संचालक ने भाई को एक इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन लगते ही भाई की हालत खराब होने लगी.जब क्लीनिक संचालक से दवा देने को कहा तो उसने कहीं और ले जाने की बात कह दी और जातिसूचक गालियां दीं. बाद में क्लीनिक संचालक दुकान से बाहर भाई को फेंककर चला गया. जिससे भाई की मौत हो गई.
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