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एटाः इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटक्शन स्कीम में तैनात संविदा कर्मियों को दिखाया बाहर का रास्ता

यूपी के एटा जिले में प्रोबेशन कार्यालय के इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटक्शन स्कीम में तैनात 6 संविदा कर्मचारियों को निकाले जाने का मामला प्रकाश में आया है. वहीं निकाले गए कर्मचारियों का आरोप है कि बिना सूचना के ही उन्हें निकाल दिया गया और नए कर्मचारियों की भर्ती भी कर दी गई.

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संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया.
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Published : Jun 9, 2020, 2:21 PM IST

एटाः जिला प्रोबेशन कार्यालय के इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटक्शन स्कीम में तैनात 6 संविदा कर्मचारियों को 2 दिन पहले निकल दिया गया. इतना ही नहीं उनकी जगह नए संविदा कर्मचारियों की भर्ती भी कर ली गई. अचानक हुई इस कार्रवाई से संविदा पर तैनात कर्मचारियों में आक्रोश है. साथ ही कर्मचारियों ने डीएम से मिलकर इस मामले में शिकायत की है. वहीं एएसडीएम एसपी वर्मा ने संविदा कर्मचारियों को निकालने तथा नए कर्मचारियों को रखने की बात की पुष्टि की है.

जानकारी देते संविदा कर्मचारी.

दरअसल, जिला प्रोबेशन कार्यालय की इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटक्शन स्कीम में विभिन्न पदों पर लम्बे समय से 8 संविदा कर्मचारी काम किया करते थे. संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति कासगंज जिले की सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के तहत की गई थी. आरोप है कि 2 दिन पहले इन 8 संविदा कर्मचारियों में से 6 संविदा कर्मचारियों को बिना जानकारी दिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

इसे भी पढ़ें- एटा: कोरोना की मार से टमाटर की खेती करने वाले किसान बदहाल

इतना ही नहीं निकाले गए संविदा कर्मचारियों की जगह पर आनन-फानन में तैनाती भी कर ली गई. निकाले गए संविदा कर्मचारियों का आरोप है कि बिना नोटिस के संविदा कर्मचारियों को निकाला जाना गलत है. इसके अलावा बिना विज्ञापन और इंटरव्यू के नए संविदा कर्मचारियों को रखना शासनादेश के खिलाफ है. वहीं इस मामले में एएसडीएम एसपी वर्मा के मुताबिक डूडा के माध्यम से नए संविदा कर्मचारियों को विभाग में रखा गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि जो लोग हटाए गए हैं, उनकी संविदा 24 दिसंबर 2019 को ही समाप्त हो गई थी.

एटाः जिला प्रोबेशन कार्यालय के इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटक्शन स्कीम में तैनात 6 संविदा कर्मचारियों को 2 दिन पहले निकल दिया गया. इतना ही नहीं उनकी जगह नए संविदा कर्मचारियों की भर्ती भी कर ली गई. अचानक हुई इस कार्रवाई से संविदा पर तैनात कर्मचारियों में आक्रोश है. साथ ही कर्मचारियों ने डीएम से मिलकर इस मामले में शिकायत की है. वहीं एएसडीएम एसपी वर्मा ने संविदा कर्मचारियों को निकालने तथा नए कर्मचारियों को रखने की बात की पुष्टि की है.

जानकारी देते संविदा कर्मचारी.

दरअसल, जिला प्रोबेशन कार्यालय की इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटक्शन स्कीम में विभिन्न पदों पर लम्बे समय से 8 संविदा कर्मचारी काम किया करते थे. संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति कासगंज जिले की सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के तहत की गई थी. आरोप है कि 2 दिन पहले इन 8 संविदा कर्मचारियों में से 6 संविदा कर्मचारियों को बिना जानकारी दिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

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इतना ही नहीं निकाले गए संविदा कर्मचारियों की जगह पर आनन-फानन में तैनाती भी कर ली गई. निकाले गए संविदा कर्मचारियों का आरोप है कि बिना नोटिस के संविदा कर्मचारियों को निकाला जाना गलत है. इसके अलावा बिना विज्ञापन और इंटरव्यू के नए संविदा कर्मचारियों को रखना शासनादेश के खिलाफ है. वहीं इस मामले में एएसडीएम एसपी वर्मा के मुताबिक डूडा के माध्यम से नए संविदा कर्मचारियों को विभाग में रखा गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि जो लोग हटाए गए हैं, उनकी संविदा 24 दिसंबर 2019 को ही समाप्त हो गई थी.

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