देवरिया: सपा के पूर्व मंत्री शाकिर अली की प्रथम पुण्यतिथि में शिरकत करने उनके पैतृक गांव करजहा पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पाण्डेय ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित किया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी विपक्ष को अपने मित्र की तरह व्यवहार करती है. लेकिन यह सरकार अपने विरोधियों से शत्रु की तरह व्यवहार कर रही है. इससे शत्रु व्यवहार के नाते यह किसी के लिए कुछ करना नहीं चाहती है. यह जो बजट आया है इसमें किसान, नौजवान के लिए कुछ नहीं है. यह केवल पूजीपतियों के लिए है.
शाकिर अली को दी श्रद्धांजलि
माता प्रसाद पांडे ने कहा कि मैं यहां हमारे साथी और वरिष्ठ मंत्री रहे शाकिर अली की पुण्यतिथि के मौके पर आया हूं. वह काफी लोकप्रिय थे. काम चाहे जो भी रहे वह बहुत तेजी से करते थे. उन्होंने कहा कि हमें याद है कि वह लघु सिंचाई मंत्री थे. हमारा गांव पचपेड़वा के पास है. वहां पानी नहीं निकलता था. लोग नालों से लाकर पानी पीते थे. इस समस्या को लेकर मैं उनके पास गया था तो उन्होंने बहुत ही अच्छी व्यवस्था कराई थी. वह जब भी मिलते थे मुस्कुराते हुए मिलते थे. कभी गमगीन मुद्रा में नहीं मिले और उनसे जो भी हो सकता था वह अपने हित मित्र और पार्टी की भलाई का काम किया करते थे.
सपा नेता ने सरकार पर बोला हमला
सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष मौन नहीं है. इस लोकतंत्र में दो विधा है. लोकतंत्र में सत्ताधारी पार्टी अपने विपक्ष से मित्र की तरह व्यवहार करती है, लेकिन सरकार अपने विपक्षियों से शत्रु की तरह व्यवहार कर रही है. इस नाते यह किसी के लिए कुछ करना नहीं चाहते हैं. यह जो बजट आया है इसमें किसान, नौजवान के लिए कुछ नहीं है. यह केवल पूंजीपतियों के लिए है. यह सरकार अधिनायकवादी सरकार है, जब अधिनायकवादी सरकार हो जाती है तो ऐसे अनाप-शनाप काम करती है. लोगों को झूठे वादे, झूठी बातें करके फंसा कर अपनी अपनी सरकार चलाती है.
माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि जब हम लोग धरना प्रदर्शन और सभाएं करते हैं तो यह सरकार हमें नहीं करने देती है. यह सरकार अपनी बड़ी सभाएं कर लेती है और जब हम करने जाएंगे तो यह कह देंगे कि धारा 144 लागू है. आप नहीं कर सकते हैं. हमें अपनी बात जितनी कहनी है हम कहते हैं. उन्होंने कहा कि पेपर और मीडिया किसका है. यह सब कहां हैं, सब गुमनाम हैं. हमारे देश पर बड़ा संकट है. यह सरकार हमारी संस्कृति को समाप्त करने जा रही है, जब संस्कृति ही नहीं रहेगी तो आपको कौन पूछेगा.