देवरिया: देवरिया लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद का चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नियाज अहमद का शनिवार को लखनऊ में निधन हो गया. 58 वर्षीय नियाज किडनी की बीमारी से लम्बे समय से पीड़ित थे. वे एक बार एमएलसी, दो बार लोकसभा और एक बार पथरदेवा विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं.
साधारण परिवार के थे नियाज अहमद
देवरिया के देसही के रहने वाले नियाज अहमद एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे. व्यवसाय की तलाश में उन्होंने मुम्बई का सफर किया. मुम्बई में व्यवसाय में सफलता मिलने के बाद वह अपने परिवार के साथ लखनऊ में रहने लगे और वहीं से अपना व्यवसाय देखने लगे. इसी दौरान नियाज अहमद ने राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हो गये.
2009 में राजनीति में लड़ा पहला चुनाव
नियाज अहमद पहली बार राजनीति में 2009 में देवरिया कुशीनगर से एमएलसी का चुनाव लड़े और निराशा उनको हाथ लगी, जिसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें पथरदेवा विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बना चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन अंतिम समय मे कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया, जिसके बाद वह निर्दलीय चुनाव लड़े.
कलराज मिश्र के खिलाफ लड़ा था चुनाव
नियाज अहमद 2014 के लोकसभा चुनाव के समय बसपा में शामिल हो गए. बसपा से देवरिया संसदीय क्षेत्र से भाजपा के कद्दावर नेता कलराज मिश्र के खिलाफ चुनाव लड़े. उस चुनाव में उन्हें 2 लाख 31 हजार मत मिले और हार का सामना करना पड़ा.
...फिर हाथ लगी निराशा
लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा ने उनका टिकट काट दिया, जिसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस के टिकट पर देवरिया लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े, लेकिन उनको निराशा हाथ लगी. चुनाव के दौरान ही उनकी तबियत थोड़ी खराब होनी शुरू हो गई, जिसके बाद उन्होंने अपना चेकअप पीजीआई में कराया. इस दौरान डॉक्टरों ने उनको किडनी की समस्या बताई और उनको डायलिसिस की सलाह दी, जिसके बाद नियाज अहमद राजनीति से दूरी बनाने लगे.
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने जताया शोक
शनिवार को नियाज अहमद अपने आवास लखनऊ पर थे, अचानक उनकी तबियत खराब हो गयी. परिजन उनको लेकर पीजीआई पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके निधन से कांग्रेस पार्टी व अन्य राजनीतिक दलों में शोक की लहर है. वहीं इस मामले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत कर नियाज अहमद के इंतकाल पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनके आकस्मिक मौत से कांग्रेस पार्टी को बहुत भारी क्षति हुई है.