देवरियाः देवरिया के भालुअनी गांव का रहने वाला नीतीश अफगानिस्तान में फंसा है. अब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है. वहां के हालात ठीक नहीं रह गए हैं. इसके बावजूद नीतीश का कहना है कि वो जिस कंपनी में काम कर रहा है, वहां अभी तक सुरक्षित है. एयरपोर्ट के हालात ठीक होने पर वो खुद अपने वतन वापस लौट आएगा.
दरअसल आप को बता दें कि 13 जुलाई 2021 को दूसरी बार नीतीश 'खान स्टिल कंपनी' में काम करने गया था. उसे क्या पता था कि वहां के हालात इतने जल्द खराब हो जाएंगे. अपने घर में 5 भाई बहनों में नीतीश दूसरे नंबर का है. इनके पिता आटा-चक्की की दुकान चलाते हैं. मगर बीमारी की वजह से उनका काम बंद हो गया है. ऐसे में परिवार की सारी जिम्मेदारी नीतीश के ऊपर आ गई है. इसका एक भाई इलेक्ट्रिशियन तो दूसरा भाई मुंबई में मजदूरी का काम करता है और सबसे छोटा भाई अभी घर पर रहकर पढ़ाई कर रहा है. एक बहन की शादी हो गई है. नीतीश इसलिए विदेश कमाने गया है ताकि वो अपने परिवार का भरण पोषण ठीक से कर सके. नीतीश ने कई मुल्कों के लिए वीजा अप्लाई किया था. लेकिन संयोगवश या रोजी कमाने की मजबूरी में उसे अफगानिस्तान जाना पड़ा. अब अफगानिस्तान में तालिबानियों ने कब्जा कर लिया है. जिससे अब वहां के लोग भय के साये में जिंदगी जीने को मजबूर हैं. ऐसे में अफगान में फंसे बेटे की चिंता पिता को सताना लाजमी है. इसी को लेकर परिवार सरकार से अपील कर रहा है.
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अफगानिस्तान के खराब हालात को देखते हुए नीतीश की मां पार्वती और पिता नन्द जी गुप्ता अपने बच्चे को वापस बुलाना चाहते हैं. हालांकि नीतीश ने वीडियो कॉल के जरिये बताया है कि हालात तो खराब हैं, लेकिन हम लोग अपने कंपनी के भीतर अभी सुरक्षित हैं. ऐसे हालात में मां-बाप की सरकार से गुहार है कि उनके बेटे को सकुशल भारत वापस बुला लिया जाए.
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