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कोरोना के इलाज पर लाखों लूटने वाले डॉक्टर पर मुकदमा और नर्सिंगहोम सील

देवरिया के भटनी नगर में अवैध नर्सिंगहोम संचालित कर कोरोना के संदिग्ध मरीजों का इलाज कर लाखों रुपये वसूलने वाले डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. इसके साथ ही पुलिस ने डॉक्टर के नर्सिंग होम को सील कर दिया है.

भटनी नगर
भटनी नगर
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Published : May 22, 2021, 5:57 AM IST

देवरियाः जिले के भटनी कस्बे में कोरोना महामारी का इलाज करने के नाम पर लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ करने वाले एक अवैध नर्सिंग होम संचालक पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. फर्जी डॉक्टर के खिलाफ दो पीड़ित लोगों ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की थी. कोरोना के इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूलने और ऑक्सिजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने की शिकायतें सही पाई जाने पर यह कार्रवाई हुई. चिकित्सा अधिकारी की तहरीर पर भटनी पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ आपदा प्रबंधन और महामारी अधिनियम समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नर्सिंग होम को सील कर दिया.

दो लोगों ने डॉक्टर के खिलाफ की थी शिकायत
जिले के भटनी कस्बे के हरिकीर्तन मोहल्ले में डॉक्टर उपहार चेस्ट केयर सेंटर के नाम से अवैध नर्सिंग होम चलाता था. यहां आने वाले मरीजों में कोविड का लक्षण बताकर ऑक्सीजन सिलेंडर और दवा के नाम पर मोटी रकम वसूलता था. भटनी कस्बे के रामपुर खुरहुरिया वार्ड के सभासद अविनाश सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने शिकायत की थी कि बीते 25 अप्रैल को उनके भाई की तबीयत खराब होने पर नगर के हरिकीर्तन मोहल्ले में उपहार चेस्ट केयर सेंटर चलाने वाले डॉ. मनोज शर्मा को दिखाया. डॉ. मनोज शर्मा ने कोविड का लक्षण बताकर उनके भाई अविनाश को अपने नर्सिंग होम में भर्ती कर लिया और 15 हजार रुपये लेकर इलाज शुरू किया. दो दिन बाद डॉक्टर ने उनसे एक लाख रुपये और ऑक्सीजन सिलेंडर भी ले लिया. 29 अप्रैल को भाई की हालत खराब होने पर उसने जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जहां पर 5 मई को अविनाश सिंह की मौत हो गई. इसी तरह की शिकायत भटनी थाना क्षेत्र के कुरमौटा घुरी गांव निवासी विशाल शर्मा ने भी की थी. विशाल के मुताबिक उक्त डॉक्टर ने उनके पिता इंद्रदेव शर्मा को हल्का बुखार होने पर नर्सिंग होम में भर्ती कर लिया और ऑक्सीजन और वेंटीलेटर के नाम पर 70 हजार रुपये ले लिया. डॉक्टर के गलत इलाज के चलते उनके पिता की मौत भी हो गई.

यह भी पढ़ें-बिल चुकाने में सक्षम नहीं था कोरोना मरीज, अस्पताल ने बनाया बंधक


शिकायत पर जागा महकमा
पीड़ितों की शिकायत पर भटनी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनपी सिंह की ओर से की गई जांच में दोनों मामले सही पाए गए. डॉक्टर के पास न तो कोई डिग्री मिली और न ही नर्सिंग होम का लाइसेंस. जबकि उसकी ओर से चलाए जा रहे उपहार चेस्ट केयर सेंटर के नाम से अवैध नर्सिंग होम में अंग्रेजी दवाखाना, मेडिकल उपकरण आदि बरामद हुआ. इस मामले में भटनी के चिकित्सा अधिकारी डॉ एमपी सिंह की तहरीर पर पुलिस ने उपहार चेस्ट केयर सेंटर के नाम से अवैध नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टर मनोज कुमार शर्मा के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 15( 3) और महामारी अधिनियम समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नर्सिंग होम को सील कर दिया है. पुलिस गिरफ्त से अभी फर्जी डॉक्टर फरार है.

देवरियाः जिले के भटनी कस्बे में कोरोना महामारी का इलाज करने के नाम पर लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ करने वाले एक अवैध नर्सिंग होम संचालक पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. फर्जी डॉक्टर के खिलाफ दो पीड़ित लोगों ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की थी. कोरोना के इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूलने और ऑक्सिजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने की शिकायतें सही पाई जाने पर यह कार्रवाई हुई. चिकित्सा अधिकारी की तहरीर पर भटनी पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ आपदा प्रबंधन और महामारी अधिनियम समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नर्सिंग होम को सील कर दिया.

दो लोगों ने डॉक्टर के खिलाफ की थी शिकायत
जिले के भटनी कस्बे के हरिकीर्तन मोहल्ले में डॉक्टर उपहार चेस्ट केयर सेंटर के नाम से अवैध नर्सिंग होम चलाता था. यहां आने वाले मरीजों में कोविड का लक्षण बताकर ऑक्सीजन सिलेंडर और दवा के नाम पर मोटी रकम वसूलता था. भटनी कस्बे के रामपुर खुरहुरिया वार्ड के सभासद अविनाश सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने शिकायत की थी कि बीते 25 अप्रैल को उनके भाई की तबीयत खराब होने पर नगर के हरिकीर्तन मोहल्ले में उपहार चेस्ट केयर सेंटर चलाने वाले डॉ. मनोज शर्मा को दिखाया. डॉ. मनोज शर्मा ने कोविड का लक्षण बताकर उनके भाई अविनाश को अपने नर्सिंग होम में भर्ती कर लिया और 15 हजार रुपये लेकर इलाज शुरू किया. दो दिन बाद डॉक्टर ने उनसे एक लाख रुपये और ऑक्सीजन सिलेंडर भी ले लिया. 29 अप्रैल को भाई की हालत खराब होने पर उसने जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जहां पर 5 मई को अविनाश सिंह की मौत हो गई. इसी तरह की शिकायत भटनी थाना क्षेत्र के कुरमौटा घुरी गांव निवासी विशाल शर्मा ने भी की थी. विशाल के मुताबिक उक्त डॉक्टर ने उनके पिता इंद्रदेव शर्मा को हल्का बुखार होने पर नर्सिंग होम में भर्ती कर लिया और ऑक्सीजन और वेंटीलेटर के नाम पर 70 हजार रुपये ले लिया. डॉक्टर के गलत इलाज के चलते उनके पिता की मौत भी हो गई.

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शिकायत पर जागा महकमा
पीड़ितों की शिकायत पर भटनी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनपी सिंह की ओर से की गई जांच में दोनों मामले सही पाए गए. डॉक्टर के पास न तो कोई डिग्री मिली और न ही नर्सिंग होम का लाइसेंस. जबकि उसकी ओर से चलाए जा रहे उपहार चेस्ट केयर सेंटर के नाम से अवैध नर्सिंग होम में अंग्रेजी दवाखाना, मेडिकल उपकरण आदि बरामद हुआ. इस मामले में भटनी के चिकित्सा अधिकारी डॉ एमपी सिंह की तहरीर पर पुलिस ने उपहार चेस्ट केयर सेंटर के नाम से अवैध नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टर मनोज कुमार शर्मा के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 15( 3) और महामारी अधिनियम समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नर्सिंग होम को सील कर दिया है. पुलिस गिरफ्त से अभी फर्जी डॉक्टर फरार है.

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