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बीजेपी विधायक की पत्नी और भतीजा बीडीसी का चुनाव हारे - देवरिया खबर

देवरिया में सलेमपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक काली प्रसाद की पत्नी और भतीजा बीडीसी का चुनाव हार गए हैं. विधायक की पत्नी भागलपुर विकासखंड के इसारु गांव और भतीजा धरमेर गांव से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे थे.

भाजपा विधायक काली प्रसाद
भाजपा विधायक काली प्रसाद
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Published : May 3, 2021, 11:31 PM IST

देवरिया: सलेमपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक काली प्रसाद की पत्नी और भतीजा बीडीसी का चुनाव हार गए हैं. विधायक ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भागलपुर विकासखंड से ब्लॉक प्रमुख पद का चुनाव लड़ाने के लिए दोनों को चुनाव मैदान में उतारा था. विधायक की पत्नी ने भागलपुर ब्लॉक के इसारु गांव और भतीजे ने धरमेर गांव से बीडीसी का चुनाव लड़ा था.

विधायक की पत्नी हारी बीडीसी का चुनाव
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अबकी बार भागलपुर ब्लॉक प्रमुख की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. सलेमपुर के भाजपा विधायक काली प्रसाद का गांव इसी ब्लॉक क्षेत्र के जिरासो ग्राम पंचायत में है. चर्चा है कि वह ब्लॉक प्रमुख की सीट पर अपने परिवार के सदस्य को बैठाने का सपना संजोए हुए थे. उन्होंने अपनी पत्नी स्वर्णलता देवी को इसारु और भतीजे हेमंत कुमार को धरमेर से बीडीसी का चुनाव लड़ाया था. लेकिन, दोनों सीटों पर पराजय का मुंह देखना पड़ा. विधायक की पत्नी वाले सीट पर कुल पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. यहां से देवेन्द्र कुमार 250 वोट पाकर जीत गए. अनिल कुमार को 208 वोट, मुन्ना को 158 वोट, छेदी को 131 वोट जबकि विधायक की पत्नी स्वर्णलता देवी को मात्र 103 वोट मिला है. इस तरह वह पांचवें स्थान पर रहीं.

इसे भी पढ़ें-जूते-चप्पल के गोदाम में लगी आग, फंसे लोगों को निकाला

चौथे स्थान पर रहा विधायक का भतीजा

इसी तरह धरमेर गांव में विधायक का भतीजा चौथे स्थान पर रहा. इस सीट पर आशुतोष मणि त्रिपाठी, अजीत प्रसाद, प्रेम प्रकाश गुप्ता, हंसनाथ कुशवाहा और बीजेपी विधायक का भतीजा हेमंत कुमार भोला मैदान में थे. 7 प्रत्याशियों में आशुतोष मणि त्रिपाठी 311 वोट पाकर जीत गए. विधायक के भतीजे हेमंत कुमार चौथे स्थान पर रहे. राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा जोरों पर है. वहीं सलेमपुर से सांसद रविन्द्र कुशवाहा के छोटे भाई जयनाथ कुशवाहा की पत्नी ममता देवी महथापार गांव से प्रधान चुनीं गई हैं, इस बार इस गांव में काफी रोचक लड़ाई थी और इलाके के लोगों की नजर भी इस गांव के चुनाव पर थी.

देवरिया: सलेमपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक काली प्रसाद की पत्नी और भतीजा बीडीसी का चुनाव हार गए हैं. विधायक ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भागलपुर विकासखंड से ब्लॉक प्रमुख पद का चुनाव लड़ाने के लिए दोनों को चुनाव मैदान में उतारा था. विधायक की पत्नी ने भागलपुर ब्लॉक के इसारु गांव और भतीजे ने धरमेर गांव से बीडीसी का चुनाव लड़ा था.

विधायक की पत्नी हारी बीडीसी का चुनाव
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अबकी बार भागलपुर ब्लॉक प्रमुख की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. सलेमपुर के भाजपा विधायक काली प्रसाद का गांव इसी ब्लॉक क्षेत्र के जिरासो ग्राम पंचायत में है. चर्चा है कि वह ब्लॉक प्रमुख की सीट पर अपने परिवार के सदस्य को बैठाने का सपना संजोए हुए थे. उन्होंने अपनी पत्नी स्वर्णलता देवी को इसारु और भतीजे हेमंत कुमार को धरमेर से बीडीसी का चुनाव लड़ाया था. लेकिन, दोनों सीटों पर पराजय का मुंह देखना पड़ा. विधायक की पत्नी वाले सीट पर कुल पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. यहां से देवेन्द्र कुमार 250 वोट पाकर जीत गए. अनिल कुमार को 208 वोट, मुन्ना को 158 वोट, छेदी को 131 वोट जबकि विधायक की पत्नी स्वर्णलता देवी को मात्र 103 वोट मिला है. इस तरह वह पांचवें स्थान पर रहीं.

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चौथे स्थान पर रहा विधायक का भतीजा

इसी तरह धरमेर गांव में विधायक का भतीजा चौथे स्थान पर रहा. इस सीट पर आशुतोष मणि त्रिपाठी, अजीत प्रसाद, प्रेम प्रकाश गुप्ता, हंसनाथ कुशवाहा और बीजेपी विधायक का भतीजा हेमंत कुमार भोला मैदान में थे. 7 प्रत्याशियों में आशुतोष मणि त्रिपाठी 311 वोट पाकर जीत गए. विधायक के भतीजे हेमंत कुमार चौथे स्थान पर रहे. राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा जोरों पर है. वहीं सलेमपुर से सांसद रविन्द्र कुशवाहा के छोटे भाई जयनाथ कुशवाहा की पत्नी ममता देवी महथापार गांव से प्रधान चुनीं गई हैं, इस बार इस गांव में काफी रोचक लड़ाई थी और इलाके के लोगों की नजर भी इस गांव के चुनाव पर थी.

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