देवरिया: प्रदेश में विधानसभा की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव का माहौल बेहद रोचक हो गया है. देवरिया सदर से विधायक रहे जन्मेजय सिंह के निधन के बाद खाली सीट पर सभी पार्टियों ने ब्राह्मण उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतार दिया. वहीं बीजेपी विधायक स्वर्गीय जन्मेजय सिंह के बेटे अजय प्रताप सिंह ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय रूप से चुनावी मैदान में उतरकर शुक्रवार को अपना नामांकन किया.
देवरिया सदर उपचुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने के बाद भी स्वर्गीय विधायक जन्मेजय सिंह के बड़े बेटे अजय प्रताप सिंह ने चुनाव मैदान में बने रहने का फैसला किया. देवगांव के हनुमान मंदिर में पूजा-पाठ करने के बाद अजय प्रताप सिंह अपने काफिले के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान उन्होंने गाड़ी के आगे अपने पिता की तस्वीर लगा रखी थी. अजय प्रताप सिंह ने निर्दल प्रत्याशी से अपना नामांकन किया, जहां इस दौरान उनके हजारों समर्थक भी मौजूद रहे.
बता दें कि देवरिया सदर विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार भाजपा के टिकट पर जन्मेजय सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे थे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार जेपी जायसवाल को 46,236 मतों से पराजित किया था. स्वर्गीय जन्मेजय सिंह को 88,030 व जेपी जायसवाल को 41,794 मत मिले थे, जबकि बसपा के अभय नाथ त्रिपाठी 29,218 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.
अजय प्रताप सिंह ने बताया कि एक पार्टी से वार्ता चल रही थी, लेकिन तकनीकी कारण और कार्यकर्ताओं की राय के बाद निर्दल प्रत्याशी के रूप में लड़ने का निर्णय लिया गया. वे निर्दल प्रत्याशी के रूप में ही भाजपा से आरपार की लड़ाई लड़ेंगे. अजय प्रताप सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने उनके साथ विश्वासघात किया है. साथ ही कहा कि वे अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं.