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जानें क्यों नर्क सी जिंदगी जीने को मजबूर हैं बुंदेलखंड के ग्रामीण - chitrakoot news

बुन्देलखंड के चित्रकूट में पानी का संकट और गहराता जा रहा है. दशकों से पानी का दंश झेल रहे चित्रकूट वासियों को पानी नहीं मिल पा रहा है. यहां के लोग कीड़ों और जंग से भरे पानी पीने को है मजबूर हैं, जिससे यहां तरह-तरह की बीमारियां भी फैल रहीं हैं.

कुछ यूं पानी बचाने को मजबूर हैं लोग
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Published : May 15, 2019, 1:11 PM IST

चित्रकूट : गर्मियां शुरु होते ही बुंदेलखंड में पानी का संकट भी मुंह खोले खड़ा हो जाता है. संकट भी ऐसा कि जिस पानी से नहाये उसे ही जमा करके कपड़े और बर्तन धोने के लिए उपयोग कर रहे हैं. जैसे-जैसे चित्रकूट का तापमान बढ़ता है उसी गति से पानी का संकट भी बढ़ता जाता है.

कुछ यूं पानी बचाने को मजबूर हैं लोग.

पानी के लिए तरस रहे लोग-

  • मामला चित्रकूट के पाठा गांव का है.
  • आजादी के 70 साल बाद भी यहां पानी का स्थाई समाधान नहीं निकल सका है.
  • ग्रामीणों को पानी भरने के लिए कई किलामीटर दूर पैदल जाना पड़ता है.
  • गर्मियों में चित्रकूट का नजारा मरुस्थल से कम नहीं होता.
  • यहां लोग एक कुएं में बचा कीड़ों भरा और बदबूदार पानी इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.
  • ग्रामीण खाट पर बैठकर नहाते हैं ताकि नीचे इखट्टा हुए पानी से दूसरे काम निपटाए जा सकें.

मुझे ऐसी समस्या के बारे में कुछ पता नहीं था. अभी आपने बताया है तो मैं इसमें जरूरी कदम उठाकर समस्या के समाधान का प्रयास करूंगा.

- संगमलाल गुप्ता, उपजिलाधिकारी

चित्रकूट : गर्मियां शुरु होते ही बुंदेलखंड में पानी का संकट भी मुंह खोले खड़ा हो जाता है. संकट भी ऐसा कि जिस पानी से नहाये उसे ही जमा करके कपड़े और बर्तन धोने के लिए उपयोग कर रहे हैं. जैसे-जैसे चित्रकूट का तापमान बढ़ता है उसी गति से पानी का संकट भी बढ़ता जाता है.

कुछ यूं पानी बचाने को मजबूर हैं लोग.

पानी के लिए तरस रहे लोग-

  • मामला चित्रकूट के पाठा गांव का है.
  • आजादी के 70 साल बाद भी यहां पानी का स्थाई समाधान नहीं निकल सका है.
  • ग्रामीणों को पानी भरने के लिए कई किलामीटर दूर पैदल जाना पड़ता है.
  • गर्मियों में चित्रकूट का नजारा मरुस्थल से कम नहीं होता.
  • यहां लोग एक कुएं में बचा कीड़ों भरा और बदबूदार पानी इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.
  • ग्रामीण खाट पर बैठकर नहाते हैं ताकि नीचे इखट्टा हुए पानी से दूसरे काम निपटाए जा सकें.

मुझे ऐसी समस्या के बारे में कुछ पता नहीं था. अभी आपने बताया है तो मैं इसमें जरूरी कदम उठाकर समस्या के समाधान का प्रयास करूंगा.

- संगमलाल गुप्ता, उपजिलाधिकारी

Intro:एंकर-बुन्देलखण्ड के चित्रकूट में पानी का संकट और गहराता जा रहा है दसको से पानी का दंश झेल रहे चित्रकूट वाशियो को पानी नही मिल पा रहा है कीड़ो और जंग से भरे पानी को पीने को है मजबूर
चित्रकूट-बुंदेलखंड में गर्मियां चालू होते ही पानी का संकट भी अपना मुंह खोले खड़ा हो जाता है ।जैसे-जैसे चित्रकूट का तापमान बढ़ता है उसी गति से पानी का संकट भी बढ़ता जाता है ।सबसे बत्तर हालात चित्रकूट के पाठा के है यहाँ पर आजादी के 70 सालो के बाद से आज तक कोई पानी का स्थाई समाधान नही निकल सका है ।और मजबूरन ग्रामीणों को पानी भरने के लिए कई किलामीटर दूर पैदल जा कर पानी भरना पड़ता है।कोई स्थाई समाधान न होने से गर्मियों में चित्रकूट का नजारा मरुस्थल से कम नही दिखता ।


Body:वीओ-चित्रकूट में बढ़ते तापमान ने पानी की जरूरत को और बढ़ा दिया है पर ग्रामपंचायत अलैहाबढ़ैया में पानी का संकट गहराने से लोगों को एक कुँए में बचा कीड़ो और बदबूदार पानी स्तेमाल करने को है मजबूर।
गांव में पानी की कमी और पानी के संकट बढ़ जाने से ग्रामीणों ने खाट में नहाने शुरू किया है ताकि नीचे इखट्टा हुए पानी से दूसरे काम निपटाए जा सके।
अलैहाबढ़ैया ग्रामपंचायत में कुँए पूरी तरह सूख चुके हैं और एक कुँए में बचे कीड़ो का पानी और एक हैंडपम्प 500 की आबादी को पिला रहा है पानी।
ग्रामीणों ने कई बार उच्चाधिकारियो को अवगत कराया पर हालात बद से बत्तर होते जा रहे हैं
उच्चाधिकारियो का कहना है कि ग्रामपंचायत को हैंडओवर किए गए हैंडपम्पपो को जल्द ही ठीक करवाया जाएगा।


Conclusion:बाइट-अशोक कुमार यादव(ग्रामीण)
बाइट-अमरजीत (ग्रामीण)
बाइट- संगमलाल गुप्ता(उपजिलाधिकारी चित्रकूट)
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