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चित्रकूट: गणतंत्र दिवस समारोह में पुलिसकर्मियों को किया गया सम्मानित - चित्रकूट में गणतंत्र दिवस

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में 71वां गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया. इस समारोह में पुलिस के जवानों को सम्मानित किया गया, साथ ही 303 राइफल को इस समारोह में अलविदा कर दिया.

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पुलिसकर्मियों को बेहतर काम के लिए किया गया सम्मानित.
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Published : Jan 27, 2020, 12:05 AM IST

चित्रकूट: जिले में 71वां गणतंत्र दिवस ऐतिहासिक साबित हुआ. इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में पुलिस के जवानों को सम्मानित किया गया. वहीं 1945 से ब्रिटिश आर्मी के बाद भारतीय पुलिस में लगातार अपनी सेवा देती आ रही 303 राइफल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सम्मानित कर अलविदा किया गया. द्वितीय विश्वयुद्ध में अपनी अग्रणी भूमिका निभा चुकी इस राइफल और उत्तर प्रदेश पुलिस का साथ 75 सालों का है. इस राइफल को कनाडियन नागरिक जेम्स ली ने 1880 में बनाया था.

पुलिसकर्मियों को बेहतर काम के लिए किया गया सम्मानित.

गणतंत्र दिवस पर चित्रकूट के परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी रहे. उनके देरी से पहुंचने की वजह से कार्यक्रम विलंब से शुरू हुआ. गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा झंडा फहराने के बाद परेड की सलामी और निरक्षण किया गया.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: 71वें गणतंत्र दिवस की परेड में स्वच्छ भारत का दिया गया संदेश

इस कार्यक्रम में चित्रकूट के बीहड़ के संवेदनशील इलाकों के थानों में तैनात सब इंस्पेक्टर अकरम खान को लगातार डकैतों के ऊपर कार्रवाई करने और निष्ठा से अपने शासकीय कार्यों को निभाने, जनपद में नियुक्ति के दौरान विभिन्न प्रकार की ड्यूटी करने की वजह से इनके उच्च अधिकारियों द्वारा इनकी सराहना की गई. उन्हें पुरस्कृत भी किया गया.

वहीं सन 1880 में ब्रिटिश आर्मी के कारखाने से तैयार हुई 303 राइफल, जिसको कारखाने के एक कनाडियन नागरिक जेम्स ली द्वारा बनाया गया था, उन्हीं के नाम पर ली एफील्ड रखा गया. 303 राइफल ने द्वितीय विश्व युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी. इस राइफल को सन 1945 में भारतीय पुलिस को सौंपा गया था. इस राइफल ने बिना रुके पुलिस में अपनी 75 साल तक लगातार सेवा दी थी. इसे आज उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा आखिरी सलामी दी गई है.

चित्रकूट: जिले में 71वां गणतंत्र दिवस ऐतिहासिक साबित हुआ. इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में पुलिस के जवानों को सम्मानित किया गया. वहीं 1945 से ब्रिटिश आर्मी के बाद भारतीय पुलिस में लगातार अपनी सेवा देती आ रही 303 राइफल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सम्मानित कर अलविदा किया गया. द्वितीय विश्वयुद्ध में अपनी अग्रणी भूमिका निभा चुकी इस राइफल और उत्तर प्रदेश पुलिस का साथ 75 सालों का है. इस राइफल को कनाडियन नागरिक जेम्स ली ने 1880 में बनाया था.

पुलिसकर्मियों को बेहतर काम के लिए किया गया सम्मानित.

गणतंत्र दिवस पर चित्रकूट के परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी रहे. उनके देरी से पहुंचने की वजह से कार्यक्रम विलंब से शुरू हुआ. गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा झंडा फहराने के बाद परेड की सलामी और निरक्षण किया गया.

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इस कार्यक्रम में चित्रकूट के बीहड़ के संवेदनशील इलाकों के थानों में तैनात सब इंस्पेक्टर अकरम खान को लगातार डकैतों के ऊपर कार्रवाई करने और निष्ठा से अपने शासकीय कार्यों को निभाने, जनपद में नियुक्ति के दौरान विभिन्न प्रकार की ड्यूटी करने की वजह से इनके उच्च अधिकारियों द्वारा इनकी सराहना की गई. उन्हें पुरस्कृत भी किया गया.

वहीं सन 1880 में ब्रिटिश आर्मी के कारखाने से तैयार हुई 303 राइफल, जिसको कारखाने के एक कनाडियन नागरिक जेम्स ली द्वारा बनाया गया था, उन्हीं के नाम पर ली एफील्ड रखा गया. 303 राइफल ने द्वितीय विश्व युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी. इस राइफल को सन 1945 में भारतीय पुलिस को सौंपा गया था. इस राइफल ने बिना रुके पुलिस में अपनी 75 साल तक लगातार सेवा दी थी. इसे आज उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा आखिरी सलामी दी गई है.

Intro:उत्तर प्रदेश के जनपद चित्रकूट में 71 वा गणतंत्र दिवस ऐतिहासिक साबित हुआ। जहां पुलिस के जवानों को सम्मानित किया गया। वहीं आजादी के पूर्व 1945 से ब्रिटिश आर्मी के बाद भारतीय पुलिस में अपनी लगातार सेवा देती आ रही 303 राइफल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा आज सम्मानित अलविदा किया गया ।द्वितीय विश्वयुद्ध में अपनी अग्रणी भूमिका निभा चुकी इस राइफल का उत्तर प्रदेश पुलिस का साथ 75 सालों का इस राइफल को कनाडियन नागरिक जेम्स ली ने 1880 में बनाया था।


Body:उत्तर प्रदेश के जनपद चित्रकूट में 71वां गणतंत्र दिवस बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया ।ढाई घंटे की देरी से शुरू हुआ परेड मार्च लगभग 2:20 तक चला । गणतंत्र गणतंत्र दिवस पर चित्रकूट के परेड ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के प्रभारी मंत्री नंद गोपाल नंदी के देरी से पहुंचने के चलते कार्यक्रम विलंब से शुरू हुआ ।गणतंत्र दिवस के अवसर पर जहां तिरंगा झंडा फहराने के बाद परेड की सलामी व निरक्षण किया गया ।वही कई मायनों में यह 71 वां गणतंत्र दिवस चित्रकूट के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ
जिसमें चित्रकूट के बीहड़ के संवेदन शील इलाकों के थानों में तैनात सब इंस्पेक्टर अकरम खान को लगातार डकैतों के ऊपर कार्यवाही और लग्न एवं निष्ठा से अपने कार्यों के संपादन करने शासकीय कार्यों को बखूबी निभाने जनपद में नियुक्ति के दौरान विभिन्न प्रकार की ड्यूटी का संपादन करने , जिससे इनके उच्च अधिकारियों द्वारा सराहना की गई इनकी सेवा काल में 25 नगद पुरस्कार एवं दो उत्तम प्रविष्टि से विभूषित किया गया पुलिस विभाग ने इन्हें अप्रतिम योगदान के लिए दरोगा अकरम खान को पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा इन्हें पुलिस महानिदेशक लखनऊ का प्रशंसा स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया गया।
वही सन 1880 में ब्रिटिश आर्मी के कारखाने से तैयार हुई 303 राइफल जिसको कारखाने के एक कनाडियन नागरिक जेम्स ली द्वारा बनाया गया था। जिसके चलते इसका नाम उन्ही के नाम पर ली एफील्ड रखा गया 303 राइफल ने द्वितीय विश्व युद्ध मे अहम भूमिका निभाई थी। इस राइफल को सन 19 45 में भारतीय पुलिस को सौंपा गया था। इस राइफल ने बिना रुके पुलिस में अपनी 71 साल तक लगातार सेवा दी थी। जिसे आज उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा आखिरी सलामी दी गई है ।परेड ग्राउंड
में इनके द्वारा 303 राइफल द्वारा आखिरी बार सलामी के साथ इन्हें नालो ने शायद आखरी बार गोली छोड़ी थी। सलामी और परेड के बाद यह राइफल को आप किसी म्यूजियम में ही देख सकेंगे।
303 राइफल
का वजन 4.9 किलोग्राम
इसकी लंबाई 49.6 इंच
इसका वेग 744 मीटर या 2441 फुट / सेकंड
मारक क्षमता 550 गज 503 मीटर स अधिकतम सीमा 3000 का या 2734 मीटर
फीड रखने के लिए 10 राउंड मैगजीन

बाइट-अंकित मित्तल (पुलिसअधीक्षक भाषण देते)
बाइट-मो0 अकरम(सब इंस्पेक्टर)


Conclusion:
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