चित्रकूट: जिले में 71वां गणतंत्र दिवस ऐतिहासिक साबित हुआ. इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में पुलिस के जवानों को सम्मानित किया गया. वहीं 1945 से ब्रिटिश आर्मी के बाद भारतीय पुलिस में लगातार अपनी सेवा देती आ रही 303 राइफल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सम्मानित कर अलविदा किया गया. द्वितीय विश्वयुद्ध में अपनी अग्रणी भूमिका निभा चुकी इस राइफल और उत्तर प्रदेश पुलिस का साथ 75 सालों का है. इस राइफल को कनाडियन नागरिक जेम्स ली ने 1880 में बनाया था.
गणतंत्र दिवस पर चित्रकूट के परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी रहे. उनके देरी से पहुंचने की वजह से कार्यक्रम विलंब से शुरू हुआ. गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा झंडा फहराने के बाद परेड की सलामी और निरक्षण किया गया.
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इस कार्यक्रम में चित्रकूट के बीहड़ के संवेदनशील इलाकों के थानों में तैनात सब इंस्पेक्टर अकरम खान को लगातार डकैतों के ऊपर कार्रवाई करने और निष्ठा से अपने शासकीय कार्यों को निभाने, जनपद में नियुक्ति के दौरान विभिन्न प्रकार की ड्यूटी करने की वजह से इनके उच्च अधिकारियों द्वारा इनकी सराहना की गई. उन्हें पुरस्कृत भी किया गया.
वहीं सन 1880 में ब्रिटिश आर्मी के कारखाने से तैयार हुई 303 राइफल, जिसको कारखाने के एक कनाडियन नागरिक जेम्स ली द्वारा बनाया गया था, उन्हीं के नाम पर ली एफील्ड रखा गया. 303 राइफल ने द्वितीय विश्व युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी. इस राइफल को सन 1945 में भारतीय पुलिस को सौंपा गया था. इस राइफल ने बिना रुके पुलिस में अपनी 75 साल तक लगातार सेवा दी थी. इसे आज उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा आखिरी सलामी दी गई है.