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चित्रकूट: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक पर मारा छापा, 2 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में लोगों की जान के साथ खेलने वाले झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक पर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा. इस दौरान दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

चित्रकूट में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मारा छापा.
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Published : Sep 5, 2019, 10:59 AM IST

Updated : Sep 5, 2019, 11:11 AM IST

चित्रकूट: जिले में फैले झोलाछाप डॉक्टरों के मकड़जाल से आम जनता को बचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को कई क्लीनिकों में छापेमारी की. इस दौरान टीम ने दो युवकों को गिरफ्तार किया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यह कार्रवाई मानिकपुर थाना क्षेत्र की पुलिस के साथ मिलकर की.

मामले की जानकारी देते चिकित्सा अधीक्षक.

पकड़े गए दोनों युवक बंगाल के रहने वाले हैं. उनमें से एक युवक कई सालों से चित्रकूट में ही रह रहा है. वहीं सूचना मिलने के बाद कई झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिकों में ताले जड़ कर भाग निकले.

लोगों की मजूबरी का फायदा उठा रहे झोलाछाप डॉक्टर

जिले में गांव ही नहीं कस्बों में भी ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी जड़ें जमा रखी है, जो कि 10वीं और 12वीं पास होकर अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं. गरीब और अनपढ़ जनता इनको डॉक्टर समझकर उतना ही सम्मान करती है, जितना सम्मान एक डॉक्टर को मिलता है. ऐसे में यह उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल करते हैं.

ये भी पढ़ें: चित्रकूट: अनाधिकृत विद्यालयों के संचालन पर होगा 1 लाख का जुर्माना

सरकारी अस्पतालों में नहीं रहते डॉक्टर

ऐसा नहीं है कि गांव में सरकार द्वारा अस्पताल नहीं बनाया गया है पर इन अस्पतालों में कभी-कभी ही डॉक्टर मिलते हैं, जिसका फायदा यह झोलाछाप डॉक्टर उठाते हैं. कई बेरोजगार युवक पैसा कमाने के उद्देश्य से दूसरे प्रांतों जैसे-बंगाल और बिहार से आकर खुद को डॉक्टर बता अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं. जो कभी क्लीनिक में वार्ड बॉय हुआ करते थे. वह आज उत्तर प्रदेश में आकर डॉक्टर बन गरीब और अनपढ़ जनता का इलाज करते हैं.

दो लोगों को टीम ने गिरफ्तार किया है. इनके पास भारतीय चिकित्सा परिषद से रजिस्ट्रेशन है, लेकिन सीएमओ के यहां रजिस्ट्रेशन नहीं है. उन्हें रजिस्ट्रेशन दिखाने के लिए कहा गया है. ये लोग धोखाधड़ी के तहत धन अर्जित कर रहे थे. मुख्य चिकित्साधिकारी के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है.
-डालचंद्र, चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

चित्रकूट: जिले में फैले झोलाछाप डॉक्टरों के मकड़जाल से आम जनता को बचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को कई क्लीनिकों में छापेमारी की. इस दौरान टीम ने दो युवकों को गिरफ्तार किया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यह कार्रवाई मानिकपुर थाना क्षेत्र की पुलिस के साथ मिलकर की.

मामले की जानकारी देते चिकित्सा अधीक्षक.

पकड़े गए दोनों युवक बंगाल के रहने वाले हैं. उनमें से एक युवक कई सालों से चित्रकूट में ही रह रहा है. वहीं सूचना मिलने के बाद कई झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिकों में ताले जड़ कर भाग निकले.

लोगों की मजूबरी का फायदा उठा रहे झोलाछाप डॉक्टर

जिले में गांव ही नहीं कस्बों में भी ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी जड़ें जमा रखी है, जो कि 10वीं और 12वीं पास होकर अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं. गरीब और अनपढ़ जनता इनको डॉक्टर समझकर उतना ही सम्मान करती है, जितना सम्मान एक डॉक्टर को मिलता है. ऐसे में यह उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल करते हैं.

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सरकारी अस्पतालों में नहीं रहते डॉक्टर

ऐसा नहीं है कि गांव में सरकार द्वारा अस्पताल नहीं बनाया गया है पर इन अस्पतालों में कभी-कभी ही डॉक्टर मिलते हैं, जिसका फायदा यह झोलाछाप डॉक्टर उठाते हैं. कई बेरोजगार युवक पैसा कमाने के उद्देश्य से दूसरे प्रांतों जैसे-बंगाल और बिहार से आकर खुद को डॉक्टर बता अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं. जो कभी क्लीनिक में वार्ड बॉय हुआ करते थे. वह आज उत्तर प्रदेश में आकर डॉक्टर बन गरीब और अनपढ़ जनता का इलाज करते हैं.

दो लोगों को टीम ने गिरफ्तार किया है. इनके पास भारतीय चिकित्सा परिषद से रजिस्ट्रेशन है, लेकिन सीएमओ के यहां रजिस्ट्रेशन नहीं है. उन्हें रजिस्ट्रेशन दिखाने के लिए कहा गया है. ये लोग धोखाधड़ी के तहत धन अर्जित कर रहे थे. मुख्य चिकित्साधिकारी के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है.
-डालचंद्र, चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

Intro:उत्तर प्रदेश के जिला चित्रकूट में फैले झोलाछाप डॉक्टरों के मकड़जाल से आम जनता को बचाने और शासन की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को जन-जन तक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा आज थाना मानिकपुर के साथ छापामारी में दो युवकों को गिरफ्तार किया गया वहीं सूचना मिलते ही कई झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक में ताले लटक गए


Body: चित्रकूट मे गांव गांव और कस्बों में फैले झोलाछाप डॉक्टर को खत्म करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज थाना पुलिस के साथ छापामारी में दो युवकों को गिरफ्तार किया गया यह दोनों युवक बंगाल के रहने वाले है और उनमें से एक युवक कई सालों से चित्रकूट में ही रह रहा है वहीं सूचना मिलने के बाद कई झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लिनिको में ताले जड़ कर भाग निकले
चित्रकूट में गांव ही नहीं कस्बों में भी ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी जड़ें जमा रखी है जो की 10वीं से 12वीं पास होकर अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं और गरीब अनपढ़ जनता इनको डॉक्टर्स समझकर उतना ही सम्मान करती है जितना सम्मान एक डॉक्टर को मिलता है ऐसे में यह डॉक्टर उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उनका इलाज करते हैं और फीस के नाम पर मोटी रकम वसूल कर अपनी जेब गर्म करते हैं
ऐसा नहीं है कि गांव में सरकार द्वारा अस्पताल ना बनाया गया हो पर इन अस्पतालों में कभी कदार ही डॉक्टर उपलब्ध हो पाते हैं जिसका फायदा यह झोलाछाप डॉक्टर उठाते हैं जिससे इन झोलाछाप डॉक्टर को कमाई करने का मौका मिल जाता है

ऐसे में कई बेरोजगार युवक पैसा कमाने के उद्देश्य से दूसरे प्रांतों जैसे बंगाल बिहार से आकर खुद को डॉक्टर बता अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं जो कभी क्लीनिक में वार्ड बॉय हुआ करते थे वह आज उत्तर प्रदेश में आकर डॉक्टर बन गरीब और अनपढ़ जनता का इलाज करते हैं ऐसे में कई मरीज अपने आपसे ही जान गवा देते हैं
कई डॉक्टर तो बी ऐं एम एस और होम्यो पैथ की डिग्री लेकर धड़ल्ले से एलोपैथ से इलाज करते है और इंजेक्शन लगते है
कई बार केस बिगड़ने से यही डॉक्टर अपने हाथ खड़े कर देते है थक हार कर इलाज के लिए मरीज को फिर उसी स्वास्थ केंद्र आना पड़ता जो कभी मरीजो को दूर लगता था वही कई बार ऐसे मरीजों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है

बाइट-डालचंद्र ( चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र)


Conclusion:
Last Updated : Sep 5, 2019, 11:11 AM IST
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