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चित्रकूट: पं0 दीनदयाल की 103वीं जयन्ती, सासंद आरके सिंह पटेल ने दी श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 103वीं जयन्ती मनाई गई. इस दौरान सांसद आर के सिंह ने महापुरूषों की प्रतिमाओं को साफ कर उन पर माल्यार्पण किया.

आर के सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को दी श्रद्धांजलि
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Published : Sep 25, 2019, 10:07 PM IST

चित्रकूट: पंडित दीनदयाल की 103वीं जयंती के अवसर पर जनपद में भाजपा सांसद आरके सिंह पटेल ने महापुरुषों की प्रतिमा साफ कर उन पर माल्यार्पण किया. साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं सहित सांसद आरके पटेल ने जिला अस्पताल में दूरदराज से आए गरीब मरीजों को फल वितरण कर कर्वी रेलवे स्टेशन पर स्वच्छ भारत अभियान को गति देते हुए प्लेटफार्म को झाड़ू लगाकर साफ किया.

आर के सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को दी श्रद्धांजलि.

इसे भी पढ़ें :- चित्रकूट: गंदे पड़े स्कूलों के शौचालय, खुले में शौच को मजबूर छात्र

भारतीय जनसंघ के थे अध्यक्ष
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर को 1916 को मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय और माता का नाम रामप्यारी था. पंडित दीनदयाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक संगठन कर्ता और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी थे. साथ ही ये पत्रकार होने के साथ साथ लेखक भी थे.

उपाध्याय ने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकुल रूप में प्रस्तुत किया और देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी. ये समावेशित विचारधारा के समर्थक थे और एक मजबूत, सशक्त भारत चाहते थे. राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी रुचि थी. उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कई लेख लिखे और प्रकाशित भी किये. 11 फरवरी 1968 की रात्रि में मुगलसराय स्टेशन पर उपाध्याय की हत्या कर दी गई.

पंडित दीनदयाल की पुस्तकों के नाम
दो योजनाएं
राजनीतिक डायरी
भारतीय अर्थनीति का अवमूल्यन
सम्राट चंद्रगुप्त
जगतगुरु शंकराचार्य
एकात्म मानववाद
राष्ट्र जीवन की दिशा
एक प्रेम कथा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ही सोच के आधार पर अंत्योदय योजना का उदय किया गया है. अंत्योदय का मतलब अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का उदय करना. पंडित दीनदयाल के ही विचारों पर चलते हुए हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गरीबों, मजदूरों, मजलुमो और आखिरी पायदान पर खड़े लोगों तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है.
-आर के पटेल, सांसद

चित्रकूट: पंडित दीनदयाल की 103वीं जयंती के अवसर पर जनपद में भाजपा सांसद आरके सिंह पटेल ने महापुरुषों की प्रतिमा साफ कर उन पर माल्यार्पण किया. साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं सहित सांसद आरके पटेल ने जिला अस्पताल में दूरदराज से आए गरीब मरीजों को फल वितरण कर कर्वी रेलवे स्टेशन पर स्वच्छ भारत अभियान को गति देते हुए प्लेटफार्म को झाड़ू लगाकर साफ किया.

आर के सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को दी श्रद्धांजलि.

इसे भी पढ़ें :- चित्रकूट: गंदे पड़े स्कूलों के शौचालय, खुले में शौच को मजबूर छात्र

भारतीय जनसंघ के थे अध्यक्ष
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर को 1916 को मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय और माता का नाम रामप्यारी था. पंडित दीनदयाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक संगठन कर्ता और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी थे. साथ ही ये पत्रकार होने के साथ साथ लेखक भी थे.

उपाध्याय ने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकुल रूप में प्रस्तुत किया और देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी. ये समावेशित विचारधारा के समर्थक थे और एक मजबूत, सशक्त भारत चाहते थे. राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी रुचि थी. उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कई लेख लिखे और प्रकाशित भी किये. 11 फरवरी 1968 की रात्रि में मुगलसराय स्टेशन पर उपाध्याय की हत्या कर दी गई.

पंडित दीनदयाल की पुस्तकों के नाम
दो योजनाएं
राजनीतिक डायरी
भारतीय अर्थनीति का अवमूल्यन
सम्राट चंद्रगुप्त
जगतगुरु शंकराचार्य
एकात्म मानववाद
राष्ट्र जीवन की दिशा
एक प्रेम कथा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ही सोच के आधार पर अंत्योदय योजना का उदय किया गया है. अंत्योदय का मतलब अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का उदय करना. पंडित दीनदयाल के ही विचारों पर चलते हुए हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गरीबों, मजदूरों, मजलुमो और आखिरी पायदान पर खड़े लोगों तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है.
-आर के पटेल, सांसद

Intro:जनपद चित्रकूट में पंडित दीनदयाल की 103 वी जयंती के अवसर पर भाजपा सांसद आरके सिंह पटेल ने महापुरुषों की प्रतिमा को साफ कर उस माला चढ़ाई। जिला अस्पताल में भाजपा कार्यकर्ताओं सहित सांसद आरके पटेल ने दूरदराज से आए गरीब मरीजों को फल वितरण कर कर्वी रेलवे स्टेशन पहुंचकर स्वच्छ भारत अभियान को गति देते हुए भाजपा कार्यकर्ता सहित प्लेटफार्म को झाड़ू लगाकर साफ किया।Body:पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर को 1916 में मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय था। यह नगला चंद्रभान मथुरा की निवासी थे। माता का नाम रामप्यारी था ।पंडित दीनदयाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक संगठन करता और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकुल रूप में प्रस्तुत किया और देश की एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी ।समावेशित विचारधारा के समर्थक भी थे। वह एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे ।राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी रुचि थी उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कई लेख लिखे पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित दीजिए उपाध्याय भारतीय जन संघ के महामंत्री रहे ।कालीकट अधिवेशन में उपाध्याय ने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
11 फरवरी 968 की रात्रि में मुगलसराय स्टेशन पर उनकी हत्या कर दी गई पंडित दीनदयाल पत्रकार होने के साथ-साथ चिंतक और लेखक भी उनकी पुस्तकों के नाम
दो योजनाएं
राजनीतिक डायरी
भारतीय अर्थनीति का अवमूल्यन
सम्राट चंद्रगुप्त
जगतगुरु शंकराचार्य
एकात्म मानववाद
राष्ट्र जीवन की दिशा
एक प्रेम कथा
पंडित दीनदयाल की 103वी जेयन्ति के अवसर पर सांसद आर के पटेल ने कहा कि पंडित दीन दयाल का मुख्य उद्देश्य आखिरी पायदान पर खड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ही सोच के आधार पर अंत्योदय योजना का उदय किया गया है। अंतोदय का मतलब अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का उदय करना । उसको भी लाभ मिले पंडित दीनदयाल के ही विचारों पर चलते हुए हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबों मजदूरों मजलुमो और आखिरी पायदान पर खड़े लोगों तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
बाइट-आर के पटेल(सांसद बाँदा चित्रकूट)Conclusion:
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