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चित्रकूट: पराली न जलाने को लेकर जन जागरूकता अभियान की शुरुआत

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में पराली जलाने की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने एक पहल की है. इसके लिए जिले में तीन दिवसीय जन जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई.

जन जागरूकता अभियान की शुरुआत
जन जागरूकता अभियान की शुरुआत
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Published : Oct 10, 2020, 12:57 PM IST

चित्रकूट: जिले में पराली न जलाने को लेकर कृषि विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत तीन दिवसीय जन जागरूकता अभियान की शुरुआत की. कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी शेषमणि पांडे ने हरी झंडी दिखाकर इस अभियान की शुरुआत की. डीएम ने लोगों से आह्वान किया कि पराली को गोवंश आश्रय केंद्रों में स्वेच्छा से दान दें, क्योंकि पराली जलाना अपराध की श्रेणी में आता है.

पराली जलाने से वातावरण में प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है. पराली न जलाने को लेकर जिले में जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया गया. कृषि विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत पराली न जलाने के लिए जन जागरूकता अभियान का आयोजन किया. यह आयोजन तीन दिवसीय होगा. जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया.

जिलाधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत किसानों को धान की पराली न जलाने के प्रति जागरूक किया जाएगा. गांव-गांव जाकर टीम किसानों को जागरूक करेगी. पराली को आग लगाने से हवा में प्रदूषण के साथ-साथ जमीन में रहते बहुत से सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, इसीलिए लोगों से अपील है कि पराली न जलाएं.

कृषि उपनिदेशक टीपी शाही ने कहा कि पराली जलाना दंडनीय अपराध है. पराली को जलाने की बजाय गौशालाओं को दी जाए. विभाग की ओर से अलग-अलग मशीनें सब्सिडी पर दी जा रही हैं. पराली जलाने को लेकर जनपद में कई कार्रवाई की गई हैं. इसमें पराली जलाते हुए मिलने पर 2500 रुपये से 15 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. दोबारा पराली जलाते हुए मिलने पर 6 माह तक कैद की सजा हो सकती है.

चित्रकूट: जिले में पराली न जलाने को लेकर कृषि विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत तीन दिवसीय जन जागरूकता अभियान की शुरुआत की. कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी शेषमणि पांडे ने हरी झंडी दिखाकर इस अभियान की शुरुआत की. डीएम ने लोगों से आह्वान किया कि पराली को गोवंश आश्रय केंद्रों में स्वेच्छा से दान दें, क्योंकि पराली जलाना अपराध की श्रेणी में आता है.

पराली जलाने से वातावरण में प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है. पराली न जलाने को लेकर जिले में जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया गया. कृषि विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत पराली न जलाने के लिए जन जागरूकता अभियान का आयोजन किया. यह आयोजन तीन दिवसीय होगा. जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया.

जिलाधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत किसानों को धान की पराली न जलाने के प्रति जागरूक किया जाएगा. गांव-गांव जाकर टीम किसानों को जागरूक करेगी. पराली को आग लगाने से हवा में प्रदूषण के साथ-साथ जमीन में रहते बहुत से सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, इसीलिए लोगों से अपील है कि पराली न जलाएं.

कृषि उपनिदेशक टीपी शाही ने कहा कि पराली जलाना दंडनीय अपराध है. पराली को जलाने की बजाय गौशालाओं को दी जाए. विभाग की ओर से अलग-अलग मशीनें सब्सिडी पर दी जा रही हैं. पराली जलाने को लेकर जनपद में कई कार्रवाई की गई हैं. इसमें पराली जलाते हुए मिलने पर 2500 रुपये से 15 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. दोबारा पराली जलाते हुए मिलने पर 6 माह तक कैद की सजा हो सकती है.

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