चित्रकूट: मानिकपुर थाना क्षेत्र के सरैया चौकी में नाबालिग की हत्या के वक्त लगी चोट के गहरे निशान को पोस्टमार्टम में नहीं दर्शाया गया. हत्या को आत्महत्या की रिपोर्ट के रूप में पेश कर परिजनों को सौंप दिया. परिजनों की मांग पर बच्चे के शव को कब्र से निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया.
अहिरी पुरवा के रहने वाले 14 वर्षीय बालक धन्नू विश्कर्मा की बीते 25 अप्रैल को हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया गया था. इसका खुलासा करते हुए पुलिस ने गांव के ही एक युवक सहित दो नाबालिकों को गिरफ्तार भी कर लिया था.
धन्नू के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या के वक्त पत्थरों से कुचलने पर आए चोट के निशान नहीं दर्शाये गए. चिकित्सकों ने रिपोर्ट में फांसी लगाने से मौत की वजह दर्शाई.
परिजनों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखी तो प्रशासन से दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग की. परिजनों की मांग पर बच्चे का शव निकाल कर दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया और उसके बाद शव को परिजनों को सौप दिया गया.
परिजनों का कहना है कि बच्चे की हत्या तीन लोगों ने मिलकर की है. उन्होंने गला दबाने के बाद पत्थरों से बच्चे के चेहरे में पर कई वार किए थे, जिससे 9 घाव साफ रूप से दिखाई दे रहे थे. पोस्टमार्टम करने गए डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में उन चोटों को नहीं दिखाया है.
सीएमओ विनोद कुमार यादव ने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. चार दिन पहले बच्चे के शव का पोस्टमार्टम हुआ था, जिसमें थोड़े मिस्टेक थे. पोस्टमार्टम में चोट के निशान नहीं आये थे. इसलिए बच्चे के शव को दोबारा निकलवाया गया है और दोबारा पोस्टमार्टम किया गया है.