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चित्रकूट: बाढ़ में उफनती बरदाहा नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन इन रपटों और पुलों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ती जा रही हैं. हमें अपनी जान खतरे में डालकर नाला पार करना पड़ रहा है.

बाढ़ में उफनती बरदाहा नदी पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण
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Published : Jul 12, 2019, 12:23 AM IST

चित्रकूट: जनपद में लगातार हो रही 3 दिनों की बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. लगातार बारिश होने से कई नदी नालों में पानी का बहाव तेज हो चुका है. जिसके चलते लोगों को अब अपनी जान की परवाह किए बगैर इन उफनती हुई नदी और नालों को पार करके उस पार जाने को मजबूर हैं.

बाढ़ में उफनती बरदाहा नदी पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण
  • ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन इन रपटों और पुलों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
  • जिससे इन लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ती जा रही हैं.
  • पिछले बार के विधायक और इस बार बांदा चित्रकूट से सांसद आर.के. पटेल ने यहां गांव में आकर हमें आश्वासन दिया था.
  • हमारी समस्या खाने-पीने से लेकर स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं भी बरसात के समय बंद हो जाती हैं.
  • हमें स्वास्थ्य की भी कोई सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं जिससे हम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.

पहाड़ी नदियां होने के कारण यह इन नदियों में जल्दी पानी भर जाता है. और तेज बहाव में यह बहने लगती है जो कि 4 से 5 घंटे तक ही इनमें तेज बहाव रहता है. ऐसे में मेरे द्वारा जिला अधिकारी के माध्यम से शासन से लिखित रूप में यह मांग कर रहा हूं. कि इसका कोई मजबूत विकल्प निकले और यह रपटे पुल ऊंचे हो ग्रामीणों का आवागमन बाधित न हो और न स्वस्थ या शिक्षा संबंधी योजनाओ का कोई इस पानी की बहाव से असर हो. शासन की सभी योजनाए सुचारू रुप से संचालित हो सके.
संगम लाल गुप्ता,उपजिलाधिकारी चित्रकूट

चित्रकूट: जनपद में लगातार हो रही 3 दिनों की बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. लगातार बारिश होने से कई नदी नालों में पानी का बहाव तेज हो चुका है. जिसके चलते लोगों को अब अपनी जान की परवाह किए बगैर इन उफनती हुई नदी और नालों को पार करके उस पार जाने को मजबूर हैं.

बाढ़ में उफनती बरदाहा नदी पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण
  • ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन इन रपटों और पुलों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
  • जिससे इन लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ती जा रही हैं.
  • पिछले बार के विधायक और इस बार बांदा चित्रकूट से सांसद आर.के. पटेल ने यहां गांव में आकर हमें आश्वासन दिया था.
  • हमारी समस्या खाने-पीने से लेकर स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं भी बरसात के समय बंद हो जाती हैं.
  • हमें स्वास्थ्य की भी कोई सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं जिससे हम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.

पहाड़ी नदियां होने के कारण यह इन नदियों में जल्दी पानी भर जाता है. और तेज बहाव में यह बहने लगती है जो कि 4 से 5 घंटे तक ही इनमें तेज बहाव रहता है. ऐसे में मेरे द्वारा जिला अधिकारी के माध्यम से शासन से लिखित रूप में यह मांग कर रहा हूं. कि इसका कोई मजबूत विकल्प निकले और यह रपटे पुल ऊंचे हो ग्रामीणों का आवागमन बाधित न हो और न स्वस्थ या शिक्षा संबंधी योजनाओ का कोई इस पानी की बहाव से असर हो. शासन की सभी योजनाए सुचारू रुप से संचालित हो सके.
संगम लाल गुप्ता,उपजिलाधिकारी चित्रकूट

Intro:चित्रकूट में लगातार हो रही 3 दिनों की बारिश से लोगों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं लगातार बारिश होने से कई नदी नालों में पानी का बहाव तेज हो चुका है जिसके चलते लोगों को अब अपनी जान की परवाह किए बगैर इन उफनती हुए नदी और नालों को पार करके उसपार जाने को मजबूर हैं ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन इन रपटों और पुलों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है जिससे हम लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ती जा रही हैं हमें अपनी जिम्मेदारी पर यह नाला पार करना पड़ रहा है पिछले बार के विधायक और इस बार बाँदा चित्रकूट सांसद हुए आरके पटेल ने यहां गांव में आकर हमें आश्वासन दिया था कि यह रपटा बारिश आने के पहले बनकर तैयार हो जाएगा पर उन्होंने भी हम लोगों के साथ वादाखिलाफी की और आज स्थिति वही जस के तस है।


Body: चित्रकूट का पाठा पानी की समस्या से जूझता रहा है यहां पर पहाड़ी इलाका होने से वर्षा का पानी तेज बहाव के साथ बहकर बड़ी नदियों में चला जाता है इससे यहां पर पीने और पशु और खेती पानी की समस्या लगातार बनी रहती है जबकि यहां का जलस्तर भी दिनों दिन गिरता जा रहा है इन सब समस्याओं के बीच इस वर्ष अच्छी बारिश होने की बावजूद लोगों की मुश्किलें बारिश के पानी से भी बढ़ गई हैं कारण है यहां पर3 वर्ष पूर्व 2016 में आई हुई बाढ़ ने कई पुलों और रपटों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. बरदाहा नदी के धवाईया नाला उफान के बावजूद इसमें अभी तक प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया नतीजा अब ग्रामीणों को ऐसे तेज बहाव की उफनती नदियों को अपनी जिम्मेदारी में अपने परिवार के साथ पार करके अपने गांव जाना पड़ रहा है ऐसे में कोई भी मानो जनित घटना हो सकती है वही ग्रामीणों का आरोप है कि हमारे जनप्रतिनिधि पूर्व के विधायक और इस बार बांदा चित्रकूट के सांसद आरके पटेल ने यहां आकर हमें आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द बरसात के पहले आपका यह रपटे में पुल बनकर तैयार हो जाएगा पर उन्होंने भी वादाखिलाफी की है और नतीजा यह है कि हमें अपने आप ही उफनती नदी पार करके इस पार से उस पार आना जाना पड़ रहा है ।हमारी समस्या यही समाप्त नहीं होती हैं खाने-पीने से लेकर स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं भी बरसात के समय बंद हो जाती हैं क्योंकि हमारे गांव के विद्यालय के मास्टर को बाहर से गांव आना जाना पड़ता है नदी का बहाव ज्यादा होने से वह भी नहीं पहुंच पाते वही हमें स्वास्थ्य की भी कोई सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं जिससे हम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।

वहीं जब उप जिला अधिकारी संगम लाल गुप्ता से इस संबंध में बात की गई तब उन्होंने बताया कि पहाड़ी नदियां होने के कारण यह इन नदियों में जल्दी पानी भर जाता है और तेज बहाव में यह बहने लगती है जो कि 4 से 5 घंटे तक ही इनमें तेज बहाव रहता है ऐसे में मेरे द्वारा जिला अधिकारी के माध्यम से शासन से लिखित रूप में यह मांग कर रहा हूं कि इसका कोई मजबूत विकल्प निकले और यह रपटे पुल ऊंचे हो ग्रामीणों का आवागमन बाधित न हो और न स्वस्थ या शिक्षा संबंधी योजनाओ का कोई इस पानी की बहाव से असर हो शासन की सभी योजनाए सुचारू रुप से संचालित हो सके


Conclusion:चित्रकूट के बीहड़ के इलाकों में लगभग 30 दशक पहले बने रपटों और पुल से ही आम जनता का आवागमन होता रहा है पर पूर्व में आए हुए बाढ़ के चलते इन पुलों और र रपटों को तेज बहाव के कारण बेहद नुकसान हुआ था पर प्रशासन ने आज तक इन जीर्ण शीर्ण पड़े रपटो और पुलों की सुध नहीं ली वहीं जनप्रतिनिधि लगातार ग्रामीणों को यह आश्वासन और ढांढस बंधाते आ रहे हैं कि हम जल्द ही इन पुलों और रपटों में काम लगा कर आवागमन सुचारू रूप से चालू करवा देंगे ऐसे में अगर कोई मानव जनित कोई अनहोनी घटी है तो आखिर किसकी जिम्मेदारी मानी जाएगी यह सोचने का विषय है

बाइट-बृजेश यादव(ग्रामीण रानीपुर)
बाइट-संगम लाल गुप्ता (उपजिलाधिकारी चित्रकूट)
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