चित्रकूट: जनपद में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान में पलीता लगता नजर आ रहा है. तहसील मानिकपुर को आदर्श नगर पंचायत का दर्जा मिला है, इसके बावजूद यहां जगह-जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है जो नगर पंचायत के कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही को दिखाता है. नगर पंचायत मानिकपुर कस्बे के वार्डों में जगह-जगह फैली गंदगी से आम जनमानस परेशान है. साथ ही रिहायशी इलाकों में एनजीटी के नियमों को ताक में रखकर कूड़े के ढेर में आग लगा दी जाती है.
स्वच्छ भारत अभियान की उड़ रही धज्जियां
- जनपद चित्रकूट की तहसील मानिकपुर को आदर्श नगर पंचायत का दर्जा मिला है.
- इस आदर्श नगर पंचायत में 13 वार्ड बनाए गए हैं.
- सूखे और गीले कचरे के निपटारे के लिए डोर टू डोर सफाई कर्मियों द्वारा रिक्शा से रिहायशी इलाकों से दूर निर्धारित डंप में कचरा एकत्र करने का प्रावधान नगर पंचायत द्वारा किया गया है.
- नगर पंचायत के कर्मचारी और अधिकारियों के सही ढंग से ध्यान न देने से नगर पंचायत के वार्ड और खाली जगहों पर कचरा एकत्र कर दिया जाता है.
- इस कारण पूरे नगर पंचायत में फैल रही गंदगी से निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
- अधिकारियों को भी जगह-जगह फैले कचरे के संबंध में अवगत कराया गया.
- इसके बावजूद नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा खुलेआम रिहायशी इलाके के बीचों-बीच कचरा जला दिया जाता है.
- इस कारण जले हुए कचरे का धुआं लोगों के घरों तक पहुंच रहा है और इस वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी ) ने इस संबंध में गाइड लाइन भी जारी की है. एनजीटी की गाइड लाइन के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सभी राज्य ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 के मद्देनजर कचरे के निपटारे को लेकर एक्शन प्लान तैयार कर समुचित व्यवस्था करें. खुले में कचरा न जलाया जाए. सभी राज्य और संघ शासित प्रदेशों में समय रहते ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 को प्रभावी रूप से लागू किया जाए.
जब इस संबंध में तहसील के उच्च अधिकारियों से बात की गई तो अधिकारियों का कहना था कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. जल्द ही जांच की जाएगी और अगर नगर पंचायत द्वारा एनजीटी के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.