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चित्रकूट: जिला अस्पताल में जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण, अस्पताल में गंदगी का अंबार

चित्रकूट जिला अस्पताल में सौ बेड युक्त है. यहां पर इलाज के सारे बंदोबस्त भी हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और मनमानी के चलते यहां पर दूर दराज से इलाज कराने के लिए आने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

चित्रकूट के जिला अस्पताल में जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण.
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Published : Aug 5, 2019, 8:40 PM IST

चित्रकूट: जिला अस्पताल चित्रकूट बदहाली से क्यों जूझ रहा है? आखिरकार जब यहां पर डॉक्टरों की तैनाती है. फिर भी दूर दराज से आने वाले मरीजो की भीड़ लगी रहती है. लेकिन डॉक्टर है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. तमाम शिकायतें मिलने के बाद आज जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय ने जिला मुख्यालय सोनेपुर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो अस्पताल में हड़कम्प मच गया.

चित्रकूट के जिला अस्पताल में जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण.

जिलाधिकारी का फूटा गुस्सा-

  • चित्रकूट जिला अस्पताल में 32 डॉक्टरों की जगह में मात्र 12 डॉक्टरों की पोस्टिंग है.
  • उसमे भी 4 डॉक्टर वीआईपी ड्यूटी में चले जाते हैं.
  • मात्र 8 डॉक्टरों के बल पर ही मरीजों की भीड़ निपटाई जाती है.
  • छोटी-छोटी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भी रेफर कर दिया जाता है.
  • डॉक्टर न होने की वजह से बाहर जाकर ईलाज कराने को मजबूर होना पड़ता है.
  • जननी सुरक्षा का भी यहां पर मजाक उड़ाया जा रहा है.
  • जच्चा बच्चा वार्डो में कूलर पंखे शोपीस बने हुए हैं और गंदगी का अंबार लगा है.
  • जिलाधिकारी सी.एम.ओ. और सी.एम.एस. के ऊपर भड़क गए और तुरन्त सफाई करने के आदेश दिए.
  • साथ ही नदारद डॉक्टरों के वेतन काटने के निर्देश दिए.
  • साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एस.एन. मिश्रा को फटकार लगाई.

चित्रकूट: जिला अस्पताल चित्रकूट बदहाली से क्यों जूझ रहा है? आखिरकार जब यहां पर डॉक्टरों की तैनाती है. फिर भी दूर दराज से आने वाले मरीजो की भीड़ लगी रहती है. लेकिन डॉक्टर है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. तमाम शिकायतें मिलने के बाद आज जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय ने जिला मुख्यालय सोनेपुर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो अस्पताल में हड़कम्प मच गया.

चित्रकूट के जिला अस्पताल में जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण.

जिलाधिकारी का फूटा गुस्सा-

  • चित्रकूट जिला अस्पताल में 32 डॉक्टरों की जगह में मात्र 12 डॉक्टरों की पोस्टिंग है.
  • उसमे भी 4 डॉक्टर वीआईपी ड्यूटी में चले जाते हैं.
  • मात्र 8 डॉक्टरों के बल पर ही मरीजों की भीड़ निपटाई जाती है.
  • छोटी-छोटी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भी रेफर कर दिया जाता है.
  • डॉक्टर न होने की वजह से बाहर जाकर ईलाज कराने को मजबूर होना पड़ता है.
  • जननी सुरक्षा का भी यहां पर मजाक उड़ाया जा रहा है.
  • जच्चा बच्चा वार्डो में कूलर पंखे शोपीस बने हुए हैं और गंदगी का अंबार लगा है.
  • जिलाधिकारी सी.एम.ओ. और सी.एम.एस. के ऊपर भड़क गए और तुरन्त सफाई करने के आदेश दिए.
  • साथ ही नदारद डॉक्टरों के वेतन काटने के निर्देश दिए.
  • साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एस.एन. मिश्रा को फटकार लगाई.
Intro: आखिर जिला अस्पताल चित्रकूट बदहाली से क्यो जूझ रहा है, आखिरकार जब यहाँ पर डॉक्टरों की तैनाती है फिर भी दूर दराज से आने वाले मरीजो की भीड़ लगी रहती है लेकिन डॉक्टर है कि सुधरने का नाम नही ले रहे है । तमाम शिकायतें मिलने के बाद आज जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय ने जिला मुख्यालय सोनेपुर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो अस्पताल में हड़कम्प मच गया । अस्पताल की अव्यवस्था और गंदगी को देखकर जिलाधिकारी का गुस्सा फूट गया और सख्त कार्यवाही के निर्देश दिया ।

Body:
आपको बता दे कि चित्रकूट जिला अस्पताल में 32 डॉक्टरों की जगह में मात्र 12 डॉक्टरों की पोस्टिंग है उसमे भी 4 डॉक्टर वीआईपी डियूटी में चले जाते है तो मात्र 8 डॉक्टरों के बल पर ही मरीजो की भीड़ निपटाई जाती है । इतना ही नही छोटी छोटी बीमारियों से ग्रसित मरीजो को भी रिफर कर दिया जाता है या तो डॉक्टर न होने की वजह से बाहर जाकर ईलाज कराने को मजबूर होना पड़ता है। जननी सुरक्षा का भी यहाँ पर मजाक उड़ाया जा रहा है , जच्चा बच्चा वार्डो में कूलर पंखे शो पीस बने हुए है और गंदगी का अंबार लगा है ।
अब आखिर कैसे दूर होगी जिला अस्पताल की बदहाली । यह चित्रकूट के लिए बड़ा प्रश्न है?

आपको बता दे कि चित्रकूट जिला अस्पताल 100 शैया युक्त है और यहाँ पर इलाज के सारे बंदोबस्त भी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और मनमानी के चलते यहाँ पर दूर दराज से इलाज कराने के लिए आने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान पूरे अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा था और कई डॉक्टर भी अपनी ड्यूटी से नदारद मिले ।जिसको देख जिलाधिकारी CMO और CMS के ऊपर भड़क गए और तुरन्त सफाई करने के आदेश दिए साथ ही नदारद डॉक्टरों के वेतन काटने के निर्देश दिए । साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एस. एन . मिश्रा को फटकार लगाई ।Conclusion:आलम यह है कि गर्मी की वजह से महिलाएं अपने नवजात बच्चो को लेकर अपने नवजात बच्चो को बाहर लिटाने को मजबूर होती है जहाँ पर खुलेआम कुत्ते घूमते रहते है जो कभी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते है । मरीज की मदद करने आये तीमारदार भी यहाँ आकर आधे बीमार नजर आने लगते है ।
बाइट-शेषमणि पाण्डेय (जिलाधिकारी चित्रकूट)
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