चित्रकूट: जिले में श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यात्रियों का आना जारी है. मानिकपुर जंक्शन पहुंचे लगभग 500 श्रमिक यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया इसके बाद उन्हें रोडवेज बसों के जरिए उनके गृह जनपद पहुंचा गया. 24 घंटों से भी अधिक की यात्रा कर मानिकपुर स्टेशन पहुंचे यात्रियों की संख्या अनुमान से ज्यादा होने पर स्थानीय प्रशासन उनके खान-पान की समुचित व्यवस्था करने में नाकाम रहा. वहीं देर से आए लंच पैकेट देख यात्री सोशल डिस्टेंसिंग भूल कर लंच पैकेट लेने में जुट गए.
श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार करीब दोपहर 12:00 बजे पहुंची. ट्रेन से विभिन्न जनपदों को जाने के लिए लगभग 500 से अधिक यात्री आए. स्टेशन पहुंचे यात्रियों का बारी-बारी से स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उनके गृह जनपद का नाम, पता भी रजिस्टर में अंकित किया गया. अनुमान था कि लगभग 100 से डेढ़ सौ यात्री ही मानिकपुर पहुंचेंगे लेकिन अनुमान से अधिक आए यात्रियों के चलते उनके खानपान की समय रहते व्यवस्था नहीं हो सकी. 24 घंटों से भूखे प्यासे यात्री लंच पैकेट देखते ही उन पर टूट पड़े.
यात्री ने बताया कि हमें गाजियाबाद रेलवे स्टेशन बस के माध्यम से पहुंचाया गया. स्टेशन पर हमारे खानपान की व्यवस्था नहीं की गई. यात्रा के दौरान भी हमें भोजन नहीं मिला और न ही पानी. वहीं मानिकपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद मुझे तो लंच पैकेट मिल गया लेकिन बाद में पहुंचे कई यात्रियों को लंच पैकेट नहीं मिल सका.
चित्रकूट: रेलवे स्टेशन पर दिखी अव्यवस्था, लंच पैकेट देख यात्री भूल गए सोशल डिस्टेंसिंग
चित्रकूट जिले में मानिकपुर जंक्शन पहुंचे 500 यात्रियों का पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया. इसके बाद उन्हें बसों के माध्यम से गृह जनपद पहुंचाया गया. जंक्शन पहुंचे यात्रियों को खाने के पैकेट समय से नहीं मिले. देर से आए लंच पैकेट को देख यात्री सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार करते हुए खाना लेने में जुट गए.
चित्रकूट: जिले में श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यात्रियों का आना जारी है. मानिकपुर जंक्शन पहुंचे लगभग 500 श्रमिक यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया इसके बाद उन्हें रोडवेज बसों के जरिए उनके गृह जनपद पहुंचा गया. 24 घंटों से भी अधिक की यात्रा कर मानिकपुर स्टेशन पहुंचे यात्रियों की संख्या अनुमान से ज्यादा होने पर स्थानीय प्रशासन उनके खान-पान की समुचित व्यवस्था करने में नाकाम रहा. वहीं देर से आए लंच पैकेट देख यात्री सोशल डिस्टेंसिंग भूल कर लंच पैकेट लेने में जुट गए.
श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार करीब दोपहर 12:00 बजे पहुंची. ट्रेन से विभिन्न जनपदों को जाने के लिए लगभग 500 से अधिक यात्री आए. स्टेशन पहुंचे यात्रियों का बारी-बारी से स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उनके गृह जनपद का नाम, पता भी रजिस्टर में अंकित किया गया. अनुमान था कि लगभग 100 से डेढ़ सौ यात्री ही मानिकपुर पहुंचेंगे लेकिन अनुमान से अधिक आए यात्रियों के चलते उनके खानपान की समय रहते व्यवस्था नहीं हो सकी. 24 घंटों से भूखे प्यासे यात्री लंच पैकेट देखते ही उन पर टूट पड़े.
यात्री ने बताया कि हमें गाजियाबाद रेलवे स्टेशन बस के माध्यम से पहुंचाया गया. स्टेशन पर हमारे खानपान की व्यवस्था नहीं की गई. यात्रा के दौरान भी हमें भोजन नहीं मिला और न ही पानी. वहीं मानिकपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद मुझे तो लंच पैकेट मिल गया लेकिन बाद में पहुंचे कई यात्रियों को लंच पैकेट नहीं मिल सका.