चित्रकूट: जिले में आत्महत्या के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिछले 24 अप्रैल को दो नाबालिग लड़कियों ने पेड़ पर लटक कर आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद बाद अब लड़की के पिता ने भी फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. इससे पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठ रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
- जिले के मऊ थाना क्षेत्र के कटाया खादर गांव के रहने वाले किसान गिरधारी केवट का शव मंगलवार को हन्ना गांव के नए तालाब के पास पेड़ में लटका दिखा.
- ग्रामीणों ने इसकी जानकारी तुरंत पुलिस और परिजनों को दी.
- परिजनों ने बताया कि सविता और उसकी सहेली शिव देवी ने 25 अप्रैल को फांसी लगाकर खुदकुशी की थी.
- दोनों को खुदकुशी के लिए मजबूर करने के पीछे पुलिस को एक लड़के का नाम बताते हुए कार्रवाई की मांग की.
घर से निकले, मगर वापस नहीं आए...
- सोमवार दो बजे गिरधारी घर से यह कहकर निकले थे कि लड़कियों की खुदकुशी मामले में पूछताछ के लिए उन्हें पुलिस ने बुलाया है.
- देर रात तक जब वह घर नहीं लौटे तो परिजनों ने रिश्तेदारों और परिचितों से उनके बारे में पूछा.
- गिरधारी की खोजबीन चल ही रही थी कि मंगलवार सुबह उनका शव पेड़ से बंधे फंदे पर लटका मिला.
- मृतक के भाई छोटेलाल ने इसे खुदकुशी बताते हुए पुलिस को इसका दोषी ठहराया है.
सविता और शिव देवी की खुदकुशी के मामले में गांव के एक लड़के का नाम पुलिस को बताने पर आरोपी पक्ष और पुलिस गिरधारी पर बयान बदलने का दबाव बनाने लगे. बयान न बदलने पर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी. बात न मानने पर पुलिस ने उसकी पिटाई भी की. पुलिस के ऐसे रवैए से टूटकर ही उन्होंने खुदकुशी की है.
-छोटेलाल, मृतक का भाईसविता और शिव देवी की खुदकुशी मामले में परिजनों द्वारा किसी पर आरोप नहीं लगाया है और न ही पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए कभी थाने पर बुलाया है. लिहाजा, जांच का क्रम ही आगे नहीं बढ़ा. किसी निजी या परिवारिक कारण से गिरधारी ने जान दी है.
-मनोज कुमार झा, एसपी, चित्रकूट