चित्रकूट: जिले के पाठा के गांव में गर्मियां शुरू होते ही जल संकट गहरा जाता है. साथ ही लोगों को एक बाल्टी पानी के लिए कई किलोमीटर दूर पैदल जा कर पानी भरना पड़ता है. वहीं कई गांवों में लगे हैंडपंप खराब होने से गांव के एकमात्र जल स्रोत में ग्रामीण एकत्रित होते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार कर देते हैं.
ऐसे में पूरे इलाके में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत की पहल के बाद जिलाधिकारी ने गांव में टैंकर से पानी वितरण की बात की है. चित्रकूट के विधानसभा मानिकपुर के अंतर्गत पाठा कहलाने वाले कुछ गांव जोकि पहाड़ी क्षेत्र में हैं. इन गांव में हमेशा से ही पानी की समस्या लगातार बनी रहती है.
हैंडपंप की नहीं हो पा रही मरम्मत
गर्मियां शुरू होते ही कई गांवों में जल संकट गहरा जाता है. वहीं पेयजल समस्या से दो-चार हो रहे इन लोगों को कई किलोमीटर दूर पैदल जा कर पानी भरना पड़ता है. विकास खंड द्वारा लगवाए गए हैंड पंप की समय से मरम्मत न होने के कारण कई हैंडपंप खराब पड़े हैं. क्योंकि हैंडपंम्प की मरम्मत करने वाले कारीगरों को लॉकडाउन के बाद घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है.
पानी भरने के लिए लगती है भीड़
साथ ही कई गांव ऐसे हैं जिनमें अब मात्र एक जल स्रोत ही बाकी बचा है, जिनमें अभी भी पानी बचा हुआ है. बता दें कि सुबह होते ही ग्रामीण अपने-अपने घरों से डिब्बे और बाल्टियां लेकर इन जल स्रोतों की तरफ अपनी दिनचर्या के हिसाब से निकल पड़ते हैं, जिसके चलते अनायास ही जल स्रोत में भीड़ लग जाती है.
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इसी को लेकर ईटीवी भारत ने पहल करके जिलाधिकारी के सामने इन समस्याओं को रखा. जिस पर जिलाधिकारी शेषमणि पांडे ने कहा कि ऐसे गांव को टैंकरों के द्वारा पेयजल की सप्लाई कराकर समस्या को समाप्त किया जाएगा. साथ ही कहा कि ग्राम पंचायतों के द्वारा टैंकरों से हर एक घर में पानी पहुंचाया जाएगा. साथ ही कहा कि जितने भी गांव में हैंडपंप लगे हुए हैं. वह विकासखंड के माध्यम से 1 सप्ताह के अंदर उनकी मरम्मत की जाएगी.