चित्रकूट : दरअसल, ये मामला चित्रकूट के मऊ थाना क्षेत्र के ओझर गांव का है. आरोप है कि 15 अक्टूबर को सुधीर नामक नाबालिग युवक को उसी के गांव के कुछ दबंगों ने बंधक बना लिया. उसके बाद उसे नदी के किनारे ले जाकर हाथ-पैर बांधकर जमकर पिटाई की और मौके से फरार हो गए. जानकारी के बाद लोगों ने बुरी तरह से घायल युवक को अस्पताल पहुंचाया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है.
घटना के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक पीड़ित नाबालिग दलित युवक सुधीर की, गांव के ही संतोष शुरूआ और उसके परिवार से पुरानी रंजिश चल रही है. इसी के चलते दबंगों ने को युवक को बंधक बना लिया. उसके बाद नदी किनारे ले जाकर उसकी जमकर पिटाई कर फरार हो गए. जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने युवक को अस्पताल पहुंचाने के साथ मामले के बारे में पुलिस को सूचना दी. लेकिन आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया.
पीड़ित परिवार परिवार का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तार करने के एवज में पुलिस पैसे का डिमांड कर रही थी. पीड़ित परिजनों के द्वारा पैसे न दिए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गयी. दूसरी तरफ बुरी तरह घायल युवक को डॉक्टरों ने जिला अस्पताल से प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया. लेकिन पीड़ित परिजनों के पास पैसे के अभाव के चलते उसका इलाज नहीं हो सका और युवक की मौत हो गई. युवक की मौत की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में परिजनों की तहरीर पर अब पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा पंजीकृत कर दिया है.
इस मामले में पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल का कहना है कि प्रथम दृष्टया पुलिस ने 151 की कार्रवाई की थी. मेडिकल रिपोर्ट में कोई गंभीर चोटें नहीं आई थी, जिसकी वजह से मुकदमा नहीं पंजीकृत किया गया था. उन्होंने कहा कि युवक की मौत के बाद परिजनों की तहरीर पर अब चार लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. साथ ही उनका कहना था कि जो पीड़ित परिजनों द्वारा पुलिस पर पैस की डिमांड करने का आरोप लगाया गया है वह सरासर गलत है. मामले में एसपी का कहना था कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.