ETV Bharat / state

भारत रत्न: समाजसेवी 'नानाजी' को मिला देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

11 अक्टूबर 1916 को महाराष्ट्र में जन्मे नानाजी देशमुख को महानतम समाजसेवी और दीनदयाल शोध संस्थान के लिए 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.

'नानाजी' के स्थान पर वीरेन्द्रजीत सिंह ने ग्रहण किया भारत रत्न पुरस्कार.
author img

By

Published : Aug 8, 2019, 7:58 PM IST

Updated : Aug 9, 2019, 1:43 AM IST

चित्रकूट: राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में मरणोपरांत नानाजी देशमुख को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मरणोपरांत भूपेन हजारिका को भी भारत रत्न से सम्मानित किया गया. चंडिकादास अमृतराव देशमुख यानि नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को महाराष्ट्र में हुआ था. नानाजी जब छोटे थे तभी इनके माता पिता का निधन हो गया था. छोटी उम्र से ही प्रतिभा के धनी नानाजी देशमुख अपनी मैट्रिक की पढ़ाई करने के बाद संघ के संपर्क में आए और समाज सेवा करना शुरू कर दिया. ये राज्य सभा सदस्य भी रहे.

नानाजी को मरणोपरांत भारत रत्न से किया गया सम्मानित.

कई गांवों को बनाया था स्वावलंबी- चित्रकूट में रहकर नानाजी ने शिक्षा और स्वावलंबन के क्षेत्र में तमाम काम किये. इन्होंने चित्रकूट में पहला ग्रामीण विश्वविद्यालय- चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना की. तमाम स्वरोजगार के प्रकल्प भी शुरू किए, जिससे लोगों को स्वरोजगार मिल सके. चित्रकूट में आज भी वो शयनकक्ष मौजूद है, जहां पर नाना जी सोया करते थे.

etv bharat
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से किया गया सम्मानित.


प्रभु श्रीराम की तपोभूमि से दुनिया भर में स्वावलंबन की अलख जगाने के लिए चित्रकूट से 50 किलोमीटर की परिधि में 500 गावों की पद यात्रा शुरू कर लोगों को जागरूक किया. चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान और उद्यमिता विद्यापीठ और आयुर्वेदिक अस्पताल आरोग्यधाम आज भी लोगों के लिए उपयोगी बने हुए हैं. नानाजी देशमुख पूर्णकालिक संघ के प्रचारक भी रहे. नानाजी देशमुख का 27 फरवरी 2010 को निधन हो गया. ऐसे महानतम समाजसेवी और दीनदयाल शोध संस्थान के संस्थापक राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.

etv bharat
भूपेन हजारिका के स्थान पर उनके बेटे तेज हजारिका ने ग्रहण किया भारत रत्न पुरस्कार.



8 अगस्त को किया गया सम्मानित-

26 जनवरी 2019 को मरणोपरांत नानाजी देशमुख को 'भारत रत्न' सम्मान देने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी. इसका 8 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में वितरण किया गया. पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेन्द्रजीत सिंह ने प्राप्त किया. इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन, संगठन सचिव अभय महाजन सहित दीनदयाल शोध संस्थान के प्रबन्ध समिति के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी और देश भर में चल रहे दीनदयाल शोध संस्थान के शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सदाचार प्रकल्पों के कार्यकर्ता और नानाजी के परिजन मौजूद रहे.

चित्रकूट: राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में मरणोपरांत नानाजी देशमुख को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मरणोपरांत भूपेन हजारिका को भी भारत रत्न से सम्मानित किया गया. चंडिकादास अमृतराव देशमुख यानि नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को महाराष्ट्र में हुआ था. नानाजी जब छोटे थे तभी इनके माता पिता का निधन हो गया था. छोटी उम्र से ही प्रतिभा के धनी नानाजी देशमुख अपनी मैट्रिक की पढ़ाई करने के बाद संघ के संपर्क में आए और समाज सेवा करना शुरू कर दिया. ये राज्य सभा सदस्य भी रहे.

नानाजी को मरणोपरांत भारत रत्न से किया गया सम्मानित.

कई गांवों को बनाया था स्वावलंबी- चित्रकूट में रहकर नानाजी ने शिक्षा और स्वावलंबन के क्षेत्र में तमाम काम किये. इन्होंने चित्रकूट में पहला ग्रामीण विश्वविद्यालय- चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना की. तमाम स्वरोजगार के प्रकल्प भी शुरू किए, जिससे लोगों को स्वरोजगार मिल सके. चित्रकूट में आज भी वो शयनकक्ष मौजूद है, जहां पर नाना जी सोया करते थे.

etv bharat
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से किया गया सम्मानित.


प्रभु श्रीराम की तपोभूमि से दुनिया भर में स्वावलंबन की अलख जगाने के लिए चित्रकूट से 50 किलोमीटर की परिधि में 500 गावों की पद यात्रा शुरू कर लोगों को जागरूक किया. चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान और उद्यमिता विद्यापीठ और आयुर्वेदिक अस्पताल आरोग्यधाम आज भी लोगों के लिए उपयोगी बने हुए हैं. नानाजी देशमुख पूर्णकालिक संघ के प्रचारक भी रहे. नानाजी देशमुख का 27 फरवरी 2010 को निधन हो गया. ऐसे महानतम समाजसेवी और दीनदयाल शोध संस्थान के संस्थापक राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.

etv bharat
भूपेन हजारिका के स्थान पर उनके बेटे तेज हजारिका ने ग्रहण किया भारत रत्न पुरस्कार.



8 अगस्त को किया गया सम्मानित-

26 जनवरी 2019 को मरणोपरांत नानाजी देशमुख को 'भारत रत्न' सम्मान देने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी. इसका 8 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में वितरण किया गया. पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेन्द्रजीत सिंह ने प्राप्त किया. इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन, संगठन सचिव अभय महाजन सहित दीनदयाल शोध संस्थान के प्रबन्ध समिति के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी और देश भर में चल रहे दीनदयाल शोध संस्थान के शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सदाचार प्रकल्पों के कार्यकर्ता और नानाजी के परिजन मौजूद रहे.

Intro:नानाजी देशमुख को भारत रत्न,,,,

-राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख को मरणोपरांत आज राष्ट्रपति भवन में शाम 6 बजे भारत रत्न दिया जायेगा ।
नाना जी का जन्म 11 अक्टूबर 2016 को शरदपूर्णिमा के दिन महाराष्ट्र में हुआ था । नाना जी जब छोटे थे तभी इनके माता पिता जी का निधन हो गया था , छोटी उम्र से ही प्रतिभा के धनी नानाजी देशमुख अपनी मैट्रिक की पढ़ाई करने के बाद संघ के संपर्क में आये और वही से इन्होंने समाज सेवा का वीणा उठाया । ये सांसद , और राज्य सभा सदस्य भी रहे । अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव के 20 वर्ष
Body:चित्रकूट में रहकर शिक्षा और स्वावलम्बन के क्षेत्र तमाम काम किये ।और चित्रकूट में पहला ग्रामीण विश्वविद्यालय - चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की भी स्थापना थी । तमाम स्वरोजगार के प्रकल्प भी सुरु किये जिससे लोगो को स्वरोजगार भी मिल सके ।
चित्रकूट में आज भी सयन कक्ष है , जहाँ पर नाना जी रहते थे ।

-प्रभु श्री राम की तपोभूमि से दुनियाॅ भर में स्वावलंबन की अलख जगाने के लिए चित्रकूट 50 किलो मीटर की परिधि में 500 गावो की पद यात्रा भी सुरु करके लोगो को जागरूक किया था । चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान और उद्यमिता विद्यापीठ , और आयुर्वेदिक अस्पताल आरोग्यधाम आज भी लोगो के लिए उपयोगी बने हुए है । नाना जी देशमुख पूर्णकालिक संघ के प्रचारक भी रहे ।ऐसे महानतम समाजसेवी एवं दीनदयाल शोध संस्थान के संस्थापक राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख को आज सायं 6 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया जायेगा।

-दीन दयाल शोध संस्थान के संथापक नाना जी देशमुख भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट को अपनी कर्मभूमि बना कर देश भर स्वावलम्बन की अलख जगाने एवं समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने की वजह से 26 जनवरी 2019 को मरणोंपरान्त राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख को ‘‘भारत रत्न‘‘ सम्मान देने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा की गयी थी। जिसका पुरूस्कार वितरण आज 8 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में किया जायेगाConclusion:। पुरूस्कार भारत के राष्ट्रपति रामनाथ जी कोविंद के द्वारा दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेन्द्रजीत सिंह प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन , संगठन सचिव अभय जी महाजन सहित दीनदयाल शोध संस्थान के प्रबन्ध समिति के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी एवं देशभर में चल रहे दीनदयाल शोध संस्थान के शिक्षा , स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सदाचार प्रकल्पों के कार्यकर्ता एंव नानाजी के पारिवारिकजन उपस्थिति रहेगें।

बाईट-- अभय महाजन (संगठन सचिव दीनदयाल शोध संस्थान)
बाइट-अजीत सिंह(चित्रककूट अध्यक्ष बुन्देली सेना)
Last Updated : Aug 9, 2019, 1:43 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.