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अपने हलफनामे से मुश्किल में पड़ सकते हैं मुलायम सिंह यादव - mulayam singh yadav

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है. इस मामले के याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव द्वारा चुनाव आयोग को दिये गए हलफनामे में इसका जिक्र नहीं है. जिससे यह साबित होता है कि उनका हलफनामा झूठा है, लिहाजा चुनाव आयोग को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

अपने हलफनामे से मुश्किल में पड़ सकते हैं मुलायम
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Published : Apr 7, 2019, 5:03 PM IST

नई दिल्ली : दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग में दाखिल किए गए अपने हालफनामे से मुश्किल में पड़ सकते हैं. मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी है. सीबीआई ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करते हुए माना था कि मुलायम सिंह यादव उनके पुत्र अखिलेश और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है, लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.

अपने हलफनामे से मुश्किल में पड़ सकते हैं मुलायम

सीबीआई ने माना था कि मुलायम सिंह यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते छह करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाई थी. यह रिपोर्ट 2009 में दाखिल की गई थी. अब मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग के सामने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें अपनी संपत्ति दो करोड़ से भी कम बताई है. याचिका कर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग के सामने झूठा हालफनामा दाखिल किया है. जिन संपत्तियों का इनकम टेक्स रिकॉर्ड सीबीआई के पास है, मुलायम सिंह यादव ने उन संपत्तियों को छुपा लिया है. जो कि गैरकानूनी है और चुनाव आयोग के सामने झूठा हलफनामा दाखिल करने के कारण उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.

याचिका कर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने बहुत ही चालाकी इसे उन संपत्तियों को हालफनामे से गायब कर दिया है. जिसका रिकॅार्ड इनकम टेक्स डिपार्टमेंट और सीबीआई के पास है. दरअसल मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 2007 से ही सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है. याचिकाकर्ता चतुर्वेदी ने मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के खिलाफ 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का सेल डीड सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया था. चतुर्वेदी की शिकायत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौपीं थी.

नई दिल्ली : दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग में दाखिल किए गए अपने हालफनामे से मुश्किल में पड़ सकते हैं. मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी है. सीबीआई ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करते हुए माना था कि मुलायम सिंह यादव उनके पुत्र अखिलेश और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है, लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.

अपने हलफनामे से मुश्किल में पड़ सकते हैं मुलायम

सीबीआई ने माना था कि मुलायम सिंह यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते छह करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाई थी. यह रिपोर्ट 2009 में दाखिल की गई थी. अब मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग के सामने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें अपनी संपत्ति दो करोड़ से भी कम बताई है. याचिका कर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग के सामने झूठा हालफनामा दाखिल किया है. जिन संपत्तियों का इनकम टेक्स रिकॉर्ड सीबीआई के पास है, मुलायम सिंह यादव ने उन संपत्तियों को छुपा लिया है. जो कि गैरकानूनी है और चुनाव आयोग के सामने झूठा हलफनामा दाखिल करने के कारण उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.

याचिका कर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने बहुत ही चालाकी इसे उन संपत्तियों को हालफनामे से गायब कर दिया है. जिसका रिकॅार्ड इनकम टेक्स डिपार्टमेंट और सीबीआई के पास है. दरअसल मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 2007 से ही सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है. याचिकाकर्ता चतुर्वेदी ने मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के खिलाफ 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का सेल डीड सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया था. चतुर्वेदी की शिकायत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौपीं थी.

Intro:दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग में दाखिल किए गए अपने हालफनामे से मुश्किल में पड़ सकते हैं. मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा. याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच की जिम्मेदारी cbi को दी थी दी थी . सीबीआई ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करते हुए माना था कि मुलायम सिंह यादव उनके पुत्र अखिलेश और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है. लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है .सीबीआई ने माना था कि मुलायम सिंह यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते भी छह करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाई थी .यह रिपोर्ट 2009 दाखिल की गई थी .अब मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग के सामने जो हलफनामा दाखिल किया है उसमें अपनी संपत्ति दो करोड़ से भी कम बताई है. याचिका कर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग के सामने झूठा हालफनामा दाखिल किया है. विश्वनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक जिन संपत्तियों का इनकम टेक्स रिकॉर्ड cbi के पास है मुलायम सिंह यादव ने उन संपत्तियों को भी छुपा लिया है. जो गैरकानूनी है और चुनाव आयोग के सामने झूठा हालत नामा दाखिल करने के कारण उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए. चतुर्वेदी तमाम दस्तावेज etv भारत को दिखाते हुए कहा सीबीआई पहले ही मुलायम के सैफई और इटावा स्थित कोठों की कीमत महज़ 20,000 से ₹50000 दिखाएं हैं .आज की तारीख में छोटे शहरों में झुग्गियो की कीमत भी इतनी नहीं होती. साफ है मुलायम की संपत्तियों को कम कर के आका गया.


Body:खाना खाने के मुताबिक मुलायम सिंह यादव के पास कोई कार नहीं उनके बेटे अखिलेश यादव कर्जदार है दो करो सी दादा क्यों की देन धारी है जीविका काउंट का साधन कृषि है और लोकसभा सांसद के रूप में मिलने वाला वेतन पिछले लोकसभा चुनाव के बाद उनकी संपत्ति में कोई इजाफा नहीं हुआ है.

याचिका कर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने बहुत ही चालाकी इसे उन संपत्तियों को हालफ़नामे से गायब कर दिया जिसका रिकार्ड इनकम टेक्स डिपार्टमेंट और cbi के पास है । दरअसल मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 2007 से ही सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है ।याचिका कर्ता चतुर्वेदी ने मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के खिलाफ 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का सेल डीड सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया था. चतुर्वेदी की शिकायत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी cbi को सौपी थी . जांच के बाद शिवानी अपनी प्राथमिक रिपोर्ट 2009 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर या कहा था मुलायम सिंह यादव उनके पुत्र अखिलेश यादव प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है. तब से लेकर अब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है .अभी हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था . याचिका कर्ता चतुर्वेदी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव का हाफनामा झूठा है जो चुनाव आयोग के सामने पेश किया गया है. मुलायम ने वह सम्पति भी छुपा लिए जिसका इनकम टैक्स रिकॉर्ड है. मुलायम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है . जिसका जिक्र भी हलफनामे में नही है.इस लिहाज से यह से भी यह हलफनामा झूठा है. चुनाव आयोग की इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.


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