नई दिल्ली : दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग में दाखिल किए गए अपने हालफनामे से मुश्किल में पड़ सकते हैं. मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी है. सीबीआई ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करते हुए माना था कि मुलायम सिंह यादव उनके पुत्र अखिलेश और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है, लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.
सीबीआई ने माना था कि मुलायम सिंह यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते छह करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाई थी. यह रिपोर्ट 2009 में दाखिल की गई थी. अब मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग के सामने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें अपनी संपत्ति दो करोड़ से भी कम बताई है. याचिका कर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग के सामने झूठा हालफनामा दाखिल किया है. जिन संपत्तियों का इनकम टेक्स रिकॉर्ड सीबीआई के पास है, मुलायम सिंह यादव ने उन संपत्तियों को छुपा लिया है. जो कि गैरकानूनी है और चुनाव आयोग के सामने झूठा हलफनामा दाखिल करने के कारण उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.
याचिका कर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने बहुत ही चालाकी इसे उन संपत्तियों को हालफनामे से गायब कर दिया है. जिसका रिकॅार्ड इनकम टेक्स डिपार्टमेंट और सीबीआई के पास है. दरअसल मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 2007 से ही सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है. याचिकाकर्ता चतुर्वेदी ने मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के खिलाफ 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का सेल डीड सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया था. चतुर्वेदी की शिकायत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौपीं थी.