बुलंदशहर: सपा के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की रिहाई के लिए जिले के बुगरासी कस्बे के रहने वाले सदाकत अली ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को खून से खत लिखा है. इस खत में सदाकत अली ने राष्ट्रपति से मार्मिक अपील करते हुए सांसद आजम खान की रिहाई की गुहार लगाई है. राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में सदाकत अली ने लिखा है कि आजम खान रामपुर शहर से नौ बार विधायक और मौजूदा वक्त में रामपुर लोकसभा सीट से जनता द्वारा चुने हुए सांसद हैं. वे सक्युलर नेता और जौहर विवि के संस्थापक हैं. उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा कर जेल भेजा गया है. वे इस समय गंभीर रूप से बीमार हैं. ऐसे में मानवीय आधार पर उन्हें रिहा किया जाए. सदाकत अली के पिता समाजवादी पार्टी की स्थापना के समय से ही बुगरासी कस्बे के सपा के नगर अध्यक्ष रहे हैं. उनका परिवार सपा का समर्थक है.
पहले भी हो चुकी है आजम की रिहाई की मांग
सपा के कद्दावर नेता आजम खान विभिन्न आरोपों के चलते जेल में बंद हैं. इस समय वह बीमार चल रहे हैं. उनका लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है. आजम खान की रिहाई की मांग लोग काफी समय से कर रहे हैं. इससे पहले भी कई लोगों ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर उनकी रिहाई की मांग की थी. इससे पहले रामपुर के अधिवक्ता विक्की राज ने अपने खून से उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिख कर आजम खान की रिहाई की मांग की थी. वहीं बदायूं के सपा नेता और पूर्व मंत्री आबिद रजा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा था. खत में उन्होंने पीएम मोदी से ईद के मौके पर सांसद आजम खां, पत्नी तंजीन और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को जेल से रिहा किए जाने की अपील की थी.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी की थी रिहाई की मांग
वहीं बीते सोमवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आजम खान की रिहाई के लिए छात्रों ने आवाज उठाई थी. सोमवार को छात्रों ने डक प्वाइंट से बाबे सैय्यद गेट तक नारेबाजी करते हुए रिहाई मार्च निकाला था. बता दें कि आजम खान एएमयू में पढ़ाई कर चुके हैं और एएमयू छात्रसंघ के के पूर्व सेक्रेटरी भी रहे हैं. छात्रों ने यूपी सरकार पर जुल्म किये जाने का आरोप लगाते हुए आजम खान को रिहा करने की मांग की थी. एएमयू छात्रों ने कहा था कि आजम खान को जेल में बुरे हालात में रखा गया, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई. छात्रों ने आजम खान की रिहाई के लिए सड़क पर उतर कर आंदोलन करने की चेतावनी दी थी.
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कोरोना संक्रमित हुए थे आजम
बता दें कि आजम खान और बेटे अब्दुल्ला की 30 अप्रैल को RT-PCR जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी. 2 मई को प्रशासन ने बेहतर इलाज के लिए आजम खान को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज ले जाने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने सीतापुर जेल से बाहर जाने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद सपा सांसद आजम खान को नौ मई को मेदान्ता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके साथ कोरोना पीड़ित पुत्र अब्दुल्ला आजम भी भर्ती किया गया था. आजम को उस दौरान आईसीयू में भी रखा गया था. आजम खान करीब 2 महीने से ज्यादा समय तक भर्ती रहे थे.आजम के फेफड़े में वायरस का असर पहुंच गया था. ऐसे में फेफड़े में फाइब्रोसिस व कैविटी हो गई थी. कई दिनों तक आजम ऑक्सीजन पर रहे थे. इस दौरान उन्हें किडनी में दिक्कत होने लगी, जिसका नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी की टीम ने इलाज किया था. बीते 13 जुलाई को उन्हें मेदांता से डिस्चार्ज किया गया था. इसके बाद दोबारा उनकी तबीयत खराब हो गई थी. तब उन्हें 19 जुलाई को इलाज के लिए एक बार फिर मेदांता ले जाया गया था.
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सवा साल से जेल में बंद हैं आजम
सपा सांसद आजम खान धोखाधड़ी के मामले में बीते सवा साल से सीतापुर जेल में बंद हैं. आजम खान पर मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने भी केस दर्ज किया था. आजम खान के ऊपर 80 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. जल निगम में 1,300 पदों पर भर्तियों के मामले में एसआईटी की ओर से आजम खान समेत आठ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था.