बुलदंशहरः पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के ग्रामीण अंचलों में पर्याप्त खेल के मैदान न होने से युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण अंचल के युवा खेल के मैदान न होने की वजह से अपनी जान जोखिम में डालकर सड़कों पर दौड़ लगाकर सपनों को पूरा करने में लगे हुए हैं. बुलंदशहर जिले में युवा विशेष तौर से सेना में जाने के लिए कठिन परिश्रम और दौड़भाग करते देखे जा सकते हैं. खेल के मैदान न होने की वजह से मजबूरन युवा सड़कों पर ही व्यायाम और दौड़ लगाते हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने सड़कों पर अभ्यास करने वाले युवाओं से बात की तो उन्होंने आपबीती सुनाई.
सीएम योगी की घोषणा के बाद भी नहीं बदली तस्वीर
यूपी दिवस के मौके पर 2019 में सीएम योगी ने एलान भी किया था कि हर गांव में खेल के मैदान बनाये जाएंगे. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से की गई घोषणा ठंडे बस्ते में ही पड़ी रह गई. बुलंदशहर जिले की अगर बात की जाए तो जमीनी स्तर पर ऐसा कहीं कुछ नजर नहीं आता है. युवा कहते हैं कि मजबूरी में सड़कों पर दौड़ते हैं. ट्रैफिक के बीच खुद को सुरक्षित रखते हुए अभ्यास करना पड़ता है या फिर दूर दराज के मैदानों में जाना पड़ता है.
अफसरों के पास नहीं कोई सटीक जवाब
ईटीवी भारत ने जिला क्रीड़ा अधिकारी से बात करने की कोशिश की मगर उनके फोन पर सम्पर्क नहीं हो पाया. जिला उपक्रीड़ा अधिकारी आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि फिलहाल इस दिशा में जिले में कुछ नहीं हो पाया है. उनका कहना है कि साई यानी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को ये जिम्मेदारी दी गयी थी, लेकिन गांवों में खेल के मैदान के लिए अभी कुछ विशेष नहीं हो पाया है.
कई बार स्पोर्ट्समैन के साथ हो चुके हादसे
आलम यह है कि जो युवा फोर्स की नौकरी में जाना चाहते हैं, उन्हें जिले भर की तमाम सड़कों पर दिन निकलते और दिन ढलते समय सड़कों पर दौड़ भाग करते और एक्सरसाइज करते देखा जा सकता है. सेना की तैयारी करने वाले आदेश का कहना है कि कई बार तो एक्सरसाइज करते समय वो बाल बाल बचे हैं. फिलहाल अब देखने वाली बात ये होगी कि अपनी जान को जोखिम में डालकर अपने सपने पूर्ण करने में लगे युवा कैसे अपनी प्रतिभा निखारेंगे.