बुलंदशहर: बीते गुरुवार को गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया गया. इससे पहले भी इन्हें 2016 में बहुचर्चित हाईवे सामूहिक दुष्कर्म कांड में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा सस्पेंड किया गया था.
वैभव कृष्ण बुलंदशहर में बतौर एसएसपी के पद पर तैनात थे. उस वक्त 2016 में एनएच-91 पर मां-बेटी के साथ कोतवाली देहात क्षेत्र में सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी. दरअसल उस वक्त पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि इस घटना की सूचना 100 नंबर पर देने की कोशिश की थी, लेकिन तब बुलंदशहर पुलिस द्वारा 100 नंबर नहीं उठाया गया था. घटना की जानकारी उस वक्त मेरठ रेंज के आईजी लक्ष्मी सिंह को दी गई थी. इसके बाद सूचना बुलन्दशहर पुलिस तक पहुंची थी.
बड़ी लापरवाही आई थी सामने
इस मामले में बड़ी लापरवाही तब बुलन्दशहर पुलिस की मानी गई थी. माना गया था कि पुलिस को यदि पीड़ित परिवार का फोन रिसीव कर लेती और तत्काल कार्रवाई करती तो आरोपियों को उस वक्त पकड़ा भी जा सकता था, जिसका खामियाजा उस वक्त के पुलिस अधिकारियों को उठाना पड़ा था. इतना ही नहीं पीड़िता परिवार के आरोप की पुष्टि के बाद यह बड़ी लापरवाही मानी गई थी.
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तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने की थी कार्रवाई
इसी वजह से तत्कालीन यूपी सीएम अखिलेश यादव ने कठोर कार्रवाई करते हुए उस वक्त बुलंदशहर में बतौर एसएसपी तैनात रहे वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया था. इतना ही नहीं अपर पुलिस अधीक्षक और सीओ सिटी हिमांशु गौरव (आईपीएस) व थाना कोतवाली देहात प्रभारी रामसेन समेत कई दारोगाओं को भी निलंबित किया गया था.