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बुलंदशहर: किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही 500 करोड की सरकारी मदद

उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की बहुत दयनीय स्थिति है. पिछले साल का किसानों का काफी पैसा अभी भी शुगर मिल्स पर बकाया है. ऐसे में सरकार द्वारा की गई 500 करोड रुपए की सहायता किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर साबित हो रही है.

24 सरकारी शुगर मिल्स को 500 करोड रुपए दिए
24 सरकारी शुगर मिल्स को 500 करोड रुपए दिए
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Published : Aug 26, 2020, 7:11 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: प्रदेश में गन्ना किसानों के सामने संकट की स्थिति है. अभी तक पिछले साल का पैसा भी शुगर मिल्स पर काफी बकाया है. गन्ना किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने 24 सरकारी शुगर मिल्स को 500 करोड रुपए का वित्तीय ऋण दिया गया है. जिनमें बुलंदशहर जिले की अनूपशहर शुगर मिल को 24 करोड रुपए की राशि गन्ना किसानों के लिए देने की घोषणा हुई है.

प्रदेश में सहकारी चीनी मिलों से जुड़े गन्ना किसानों के भुगतान के लिए प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता ऋण के रूप में देने की घोषणा की है. प्रदेश की 24 सरकारी शुगर मिलों को यह धनराशि आवंटित होनी है. बुलंदशहर की भी अनूपशहर स्थित सहकारी शुगर मिल को 24 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई है. हालांकि अभी तक जिले के किसानों का प्रत्येक शुगर मिल पर पिछले साल का करोड़ों बकाया है.

24 सरकारी शुगर मिल्स को 500 करोड रुपए दिए

गौर करने वाली बात यह है कि बुलंदशहर जिले के करीब सवा लाख किसान गन्ने की खेती करते हैं. बुलन्दशहर में 4 शुगर मिल हैं, जबकि 4 शुगर मिल जिले के बाहर की हैं, जो बुलन्दशहर के किसानों का गन्ना खरीदती हैं. सरकार ने किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए सहकारी चीनी मिलों को कर्ज के रूप में 500 करोड़ रुपये की जो धनराशि दी है, इससे किसानों का बहुत भला होता नजर नहीं आ रहा है. 24 करोड़ रुपये की जो धनराशि जिले की अनूपशहर सहकारी शुगर मिल के लिए स्वीकृत हुई है, उससे भले ही अनूपशहर सहकारी चीनी मिल से जुड़े जिले के एक क्षेत्र के लोगों को कुछ राहत मिले, लेकिन न ही ये धनराशि पर्याप्त है और न ही जिले के सभी किसानों समेत प्रदेश के सभी किसानों को सरकार की इस धनराशि से पूरी तरह लाभ होने वाला है.

इस बारे में ईटीवी भारत से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता श्योपाल सिंह ने कहा कि ये ऋण रूपी धनराशि जो सरकार ने सहकारी शुगर मिलों के लिए व्यवस्था की है वो अपर्याप्त है. उन्होंने कहा कि बुलन्दशहर में गन्ना किसानों के सामने संकट की स्थिति है. कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता ने कहा कि ये मदद ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है. निजी चीनी मिलों पर करीब 200 करोड़ से अधिक का गन्ना किसानों का बकाया है. ऐसे में सरकार किसानों का भुगतान कराने के लिए उचित कदम उठाए तो किसानों को इस कोरोना काल में मदद मिले.

जिला गन्ना अधिकारी डी के सैनी ने बताया कि अनूपशहर शुगर मिल पर गन्ना किसानों का 43 करोड़ बकाया था. ऐसे समय में 24 करोड़ रुपये की धनराशि मिलने से सरकारी चीनी मिलों को गन्ना देने वाले किसानों को कुछ राहत इससे जरूर मिलेगी.

बुलंदशहर: प्रदेश में गन्ना किसानों के सामने संकट की स्थिति है. अभी तक पिछले साल का पैसा भी शुगर मिल्स पर काफी बकाया है. गन्ना किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने 24 सरकारी शुगर मिल्स को 500 करोड रुपए का वित्तीय ऋण दिया गया है. जिनमें बुलंदशहर जिले की अनूपशहर शुगर मिल को 24 करोड रुपए की राशि गन्ना किसानों के लिए देने की घोषणा हुई है.

प्रदेश में सहकारी चीनी मिलों से जुड़े गन्ना किसानों के भुगतान के लिए प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता ऋण के रूप में देने की घोषणा की है. प्रदेश की 24 सरकारी शुगर मिलों को यह धनराशि आवंटित होनी है. बुलंदशहर की भी अनूपशहर स्थित सहकारी शुगर मिल को 24 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई है. हालांकि अभी तक जिले के किसानों का प्रत्येक शुगर मिल पर पिछले साल का करोड़ों बकाया है.

24 सरकारी शुगर मिल्स को 500 करोड रुपए दिए

गौर करने वाली बात यह है कि बुलंदशहर जिले के करीब सवा लाख किसान गन्ने की खेती करते हैं. बुलन्दशहर में 4 शुगर मिल हैं, जबकि 4 शुगर मिल जिले के बाहर की हैं, जो बुलन्दशहर के किसानों का गन्ना खरीदती हैं. सरकार ने किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए सहकारी चीनी मिलों को कर्ज के रूप में 500 करोड़ रुपये की जो धनराशि दी है, इससे किसानों का बहुत भला होता नजर नहीं आ रहा है. 24 करोड़ रुपये की जो धनराशि जिले की अनूपशहर सहकारी शुगर मिल के लिए स्वीकृत हुई है, उससे भले ही अनूपशहर सहकारी चीनी मिल से जुड़े जिले के एक क्षेत्र के लोगों को कुछ राहत मिले, लेकिन न ही ये धनराशि पर्याप्त है और न ही जिले के सभी किसानों समेत प्रदेश के सभी किसानों को सरकार की इस धनराशि से पूरी तरह लाभ होने वाला है.

इस बारे में ईटीवी भारत से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता श्योपाल सिंह ने कहा कि ये ऋण रूपी धनराशि जो सरकार ने सहकारी शुगर मिलों के लिए व्यवस्था की है वो अपर्याप्त है. उन्होंने कहा कि बुलन्दशहर में गन्ना किसानों के सामने संकट की स्थिति है. कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता ने कहा कि ये मदद ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है. निजी चीनी मिलों पर करीब 200 करोड़ से अधिक का गन्ना किसानों का बकाया है. ऐसे में सरकार किसानों का भुगतान कराने के लिए उचित कदम उठाए तो किसानों को इस कोरोना काल में मदद मिले.

जिला गन्ना अधिकारी डी के सैनी ने बताया कि अनूपशहर शुगर मिल पर गन्ना किसानों का 43 करोड़ बकाया था. ऐसे समय में 24 करोड़ रुपये की धनराशि मिलने से सरकारी चीनी मिलों को गन्ना देने वाले किसानों को कुछ राहत इससे जरूर मिलेगी.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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