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बुलंदशहर: सावन के आखिरी सोमवार पर शिवालयों में हुई विशेष पूजा

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में श्रावण मास के आखिरी और पांचवें सोमवार के मौके पर शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना की गई. रक्षाबंधन, पूर्णिमा और श्रावण मास का आखिरी सोमवार होने की वजह से इस दिन का विशेष महत्व बताया जा रहा है.

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Published : Aug 3, 2020, 4:31 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

आखिरी सोमवार पर शिवालयों में हुई विशेष पूजा
आखिरी सोमवार पर शिवालयों में हुई विशेष पूजा

बुलंदशहर: भगवान शिव के पसंदीदा महीने के तौर पर सावन मास की अलग पहचान होती है. जिले में भी श्रावण मास के आखिरी और पांचवें सोमवार के मौके पर शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना की गई. श्री द्वादश महालिंगेश्वर महापीठ पर भी भक्तों ने जाकर जलाभिषेक किया. महंतों के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन नियमों का पालन करते हुए जिले के प्रसिद्ध राजराजेश्वर स्वयंभू भगवान शिव के मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान किए गए. रक्षाबंधन, पूर्णिमा और श्रावण मास का आखिरी सोमवार होने की वजह से इस दिन का विशेष महत्व बताया जा रहा है.

आखिरी सोमवार पर शिवालयों में हुई विशेष पूजा.

रक्षाबंधन और पूर्णिमा के एक साथ होने की वजह से सावन के आखिरी सोमवार का विशेष महत्व है. इस मौके पर भगवान शिव की विशेष आराधना की गई तो वहीं मंदिरों में संक्रमण काल की वजह से महंतों और पुजारियों ने विशेष पूजा-अर्चना की. विशेष तौर से घरों में भक्तों ने भगवान शिव की आराधना की. पुजारियों और महंतों ने बताया कि आज के दिन का विशेष महत्व है. धर्म ग्रंथों के मुताबिक इस दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है, वह अवश्य ही पूर्ण होता है. मन्दिर के विशेष पुजारी ने बताया कि हर वर्ष श्रावण मास में जहां भक्तों का तांता लगता था, लेकिन इस बार कोरोना काल में सरकार की अपील को लोगों ने स्वीकारा और घरों में ही पूजा-अर्चना की गई.

बुलंदशहर: भगवान शिव के पसंदीदा महीने के तौर पर सावन मास की अलग पहचान होती है. जिले में भी श्रावण मास के आखिरी और पांचवें सोमवार के मौके पर शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना की गई. श्री द्वादश महालिंगेश्वर महापीठ पर भी भक्तों ने जाकर जलाभिषेक किया. महंतों के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन नियमों का पालन करते हुए जिले के प्रसिद्ध राजराजेश्वर स्वयंभू भगवान शिव के मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान किए गए. रक्षाबंधन, पूर्णिमा और श्रावण मास का आखिरी सोमवार होने की वजह से इस दिन का विशेष महत्व बताया जा रहा है.

आखिरी सोमवार पर शिवालयों में हुई विशेष पूजा.

रक्षाबंधन और पूर्णिमा के एक साथ होने की वजह से सावन के आखिरी सोमवार का विशेष महत्व है. इस मौके पर भगवान शिव की विशेष आराधना की गई तो वहीं मंदिरों में संक्रमण काल की वजह से महंतों और पुजारियों ने विशेष पूजा-अर्चना की. विशेष तौर से घरों में भक्तों ने भगवान शिव की आराधना की. पुजारियों और महंतों ने बताया कि आज के दिन का विशेष महत्व है. धर्म ग्रंथों के मुताबिक इस दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है, वह अवश्य ही पूर्ण होता है. मन्दिर के विशेष पुजारी ने बताया कि हर वर्ष श्रावण मास में जहां भक्तों का तांता लगता था, लेकिन इस बार कोरोना काल में सरकार की अपील को लोगों ने स्वीकारा और घरों में ही पूजा-अर्चना की गई.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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