बुलंदशहर: 3 दिसबंर 2018 कोस्याना कोतवाली क्षेत्र में हुई हिंसा की जांच कर रही SIT ने शासन की मंजूरी लिए बिना ही आरोपियों पर देशद्रोह की धारा लगाकर चार्जशीट दाखिल कर दी, जिसे कोर्ट ने संज्ञान में नहीं लिया. हालांकि कोर्ट ने एसआईटी की चार्जशीट को मंजूर कर लिया है. इस प्रकरण में कुल 39 आरोपी जेल में बंद हैं.
एसआईटी ने तय समय सीमा के तीन माह का समय पूर्ण होने से एक दिन पहले मामले में दो मार्च को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. एसआईटी ने जेल में बंद 39 आरोपियों में से 38 के खिलाफ सीजेएम अवधेश पांडे की कोर्ट में 3,403 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी. इंस्पेक्टर की हत्या के आरोप में प्रशांत नट, राहुल, लोकेंद्र, डेविड और जॉनी को चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है, जबकि बाकी अभियुक्तों को हत्या के प्रयास और बलवा आदि की धाराओं में आरोपी बनाया गया है.
एसआईटी ने सभी पर देशद्रोह की आईपीसी की धारा 124 (ए) लगाई है. सीजेएम अवधेश पांडे ने चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए पूरे प्रकरण को एसीजेएम द्वितीय देवेंद्र नाथ सिंह की कोर्ट में भेज दिया, जहां मंगलवार को देर शाम तक चार्जशीट में आरोपियों पर लगाई गई 124 (ए)पर बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जमकर बहस की. बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं का तर्क था कि एसआईटी बिना शासन की मंजूरी के जेल में बंद आरोपियों पर देशद्रोह की धारा नहीं लगा सकती है. बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद एसीजेएम द्वितीय ने धारा 124 (ए)पर कोई संज्ञान नहीं लिया और बाकी धाराओं में चार्जशीट मंजूर कर ली गई.
बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना है कि जिस धारा को एसआईटी अपनी तरफ से लगाई थी. उसका वह पहले दिन से ही विरोध कर रहे थे. उस धारा को लगाने के लिए पहले शासन से अनुमति लेना जरूरी होता है. वहीं एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में कुल 38 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है, जबकि राजकुमार जो कि महाव गांव का पूर्व प्रधान है, उस पर अभी जांच टीम और पुलिस कार्य कर रही है. हालांकि वह भी जेल में बंद है. वहीं अन्य अभियुक्तों को पकड़ने का प्रयास जारी है.