बुलन्दशहर: जिले के बाबू बनारसी दास जिला अस्पताल की हालत बद से भी बदतर है. आलम यह है कि यहां जिला अस्पताल होने के बावजूद भी कोई सर्जन तक नहीं है. तो वहीं डॉक्टर्स की कमी भी लम्बे समय से बनी हुई है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है.
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नहीं हैं पर्याप्त डॉक्टर और एक्सपर्टस
सरकारों द्वारा भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की बातें और बड़े-बड़े वायदे किए जा रहे हों. लेकिन बुलंदशहर जिला अस्पताल की वर्तमान हालत कुछ और ही है. आलम यह है कि जिला अस्पताल में जितने पद सृजित हैं उतने चिकित्सक यहां नहीं है.
इस अस्पताल सिर्फ डॉक्टर्स ही नहीं बल्कि तकनीशियन, वार्ड बॉय से लेकर स्टाफ नर्स, तक कि भी कमी है, खास बात यह है कि जब कोई दुर्घटना हो जाती है और उसके बाद अगर किसी पीड़ित को लेकर एंबुलेंस या फिर कोई व्यक्ति किसी मरीज को लेकर जिला अस्पताल पहुंचता है, तो यहां उसे सिर्फ मायूसी हाथ लगती है.
हमारी तरफ से बार-बार शासन को अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के बारे में अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. अस्पताल में 28 डॉक्टर्स होने चाहिए जबकि प्रत्येक दिन सिर्फ 16 -17 डॉक्टर्स ही मौजूद रहते हैं. डॉक्टर्स की कमी के कारण मरीजों को रेफर कर दिया जाता है.
- रामवीर सिंह, सीएमएस, बुलन्दशहर