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बुलन्दशहर: डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल, कैसे होगा इलाज

बुलन्दशहर के बाबू बनारसी दास जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पर्याप्त डॉक्टर्स न होने के कारण यहां इलाज के लिये मरीजों को दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
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Published : Sep 13, 2019, 8:04 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलन्दशहर: जिले के बाबू बनारसी दास जिला अस्पताल की हालत बद से भी बदतर है. आलम यह है कि यहां जिला अस्पताल होने के बावजूद भी कोई सर्जन तक नहीं है. तो वहीं डॉक्टर्स की कमी भी लम्बे समय से बनी हुई है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है.

जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

इसे भी पढ़ें:-बुलन्दशहर के 6 गांव पूरी तरह से हुए डिजिटल, हो रहा पेपरलेस ट्रांजेक्शन

नहीं हैं पर्याप्त डॉक्टर और एक्सपर्टस

सरकारों द्वारा भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की बातें और बड़े-बड़े वायदे किए जा रहे हों. लेकिन बुलंदशहर जिला अस्पताल की वर्तमान हालत कुछ और ही है. आलम यह है कि जिला अस्पताल में जितने पद सृजित हैं उतने चिकित्सक यहां नहीं है.

इस अस्पताल सिर्फ डॉक्टर्स ही नहीं बल्कि तकनीशियन, वार्ड बॉय से लेकर स्टाफ नर्स, तक कि भी कमी है, खास बात यह है कि जब कोई दुर्घटना हो जाती है और उसके बाद अगर किसी पीड़ित को लेकर एंबुलेंस या फिर कोई व्यक्ति किसी मरीज को लेकर जिला अस्पताल पहुंचता है, तो यहां उसे सिर्फ मायूसी हाथ लगती है.

हमारी तरफ से बार-बार शासन को अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के बारे में अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. अस्पताल में 28 डॉक्टर्स होने चाहिए जबकि प्रत्येक दिन सिर्फ 16 -17 डॉक्टर्स ही मौजूद रहते हैं. डॉक्टर्स की कमी के कारण मरीजों को रेफर कर दिया जाता है.
- रामवीर सिंह, सीएमएस, बुलन्दशहर

बुलन्दशहर: जिले के बाबू बनारसी दास जिला अस्पताल की हालत बद से भी बदतर है. आलम यह है कि यहां जिला अस्पताल होने के बावजूद भी कोई सर्जन तक नहीं है. तो वहीं डॉक्टर्स की कमी भी लम्बे समय से बनी हुई है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है.

जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

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नहीं हैं पर्याप्त डॉक्टर और एक्सपर्टस

सरकारों द्वारा भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की बातें और बड़े-बड़े वायदे किए जा रहे हों. लेकिन बुलंदशहर जिला अस्पताल की वर्तमान हालत कुछ और ही है. आलम यह है कि जिला अस्पताल में जितने पद सृजित हैं उतने चिकित्सक यहां नहीं है.

इस अस्पताल सिर्फ डॉक्टर्स ही नहीं बल्कि तकनीशियन, वार्ड बॉय से लेकर स्टाफ नर्स, तक कि भी कमी है, खास बात यह है कि जब कोई दुर्घटना हो जाती है और उसके बाद अगर किसी पीड़ित को लेकर एंबुलेंस या फिर कोई व्यक्ति किसी मरीज को लेकर जिला अस्पताल पहुंचता है, तो यहां उसे सिर्फ मायूसी हाथ लगती है.

हमारी तरफ से बार-बार शासन को अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के बारे में अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. अस्पताल में 28 डॉक्टर्स होने चाहिए जबकि प्रत्येक दिन सिर्फ 16 -17 डॉक्टर्स ही मौजूद रहते हैं. डॉक्टर्स की कमी के कारण मरीजों को रेफर कर दिया जाता है.
- रामवीर सिंह, सीएमएस, बुलन्दशहर

Intro:बुलंदशहर के बाबू बनारसी दास जिला अस्पताल की हालत बद से भी बदतर है, आलम यह है कि यहां जिला मुख्यालय होने के बावजूद भी कोई सर्जन तक यहां नहीं है ,तो वही डॉक्टर्स कीभी कमी लम्बे समय से बनी हुई है और इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है, इलाज के लिए आने वाले मरीजों को, देखिए ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ।


Body:भले ही सरकारों के द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की बातें हो रही हों,और बड़े-बड़े वायदे भी किए जा रहे हों, लेकिन बुलंदशहर जिला अस्पताल की जो वर्तमान हालत है ,वह जिले में किसी से भी छुपी नहीं है आलम यह है कि जिला अस्पताल में जितने पद सृजित हैं उतने चिकित्सक यहां नहीं है, अगर बात विशेषज्ञों की की जाए तो विशेषज्ञ तक भी यहां पर नहीं हैं,सिर्फ डॉक्टर्स ही नहीं बल्कि जिला अस्पताल में तकनीशियन , वार्ड बॉय से लेकर स्टाफ नर्स , तक कि भी कमी बनी हुई है,खास बात यह है कि जब कोई दुर्घटना हो जाती है और उसके बाद अगर किसी पीड़ित को लेकर एंबुलेंस या फिर कोई व्यक्ति किसी मरीज को लेकर जिला अस्पताल पहुंचता है, तो यहां उसे सिर्फ मायूसी हाथ लगती है, जिसकी वजह है जिला अस्पताल में किसी सर्जन की नियुक्ति ना होना और यह कोई दो चार दिन या दो 4 महीने से नहीं बल्कि वर्षों से चला आ रहा है, इसका नुकसान सिर्फ और सिर्फ पीड़ित इंसान को भुगतना पड़ता है। इस बारे में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रामवीर सिंह का कहना है कि उनकी तरफ से बार-बार शासन को अवगत कराया जा रहा है, एक लेटर भी ईटीवी भारत को मिला है ,उस लेटर में देखा जा सकता है कि किस तरह से जिले के एक विधायक ने भी जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के बारे में अपनी बात रखते हुए ,जिला अस्पताल के लिए डॉक्टर्स की मांग की है, फिलहाल इस बारे में सीएमएस का कहना है कि 28 डॉक्टर्स होने चाहिएं जबकि प्रत्येक दिन सिर्फ 16 -17 डॉक्टर्स ही मौजूद रहते हैं।जबकि कम से कम दो चिकितशक अन्य मामलों में व्यस्त रह जाते हैं।
बाइट....रामवीर सिंह,सीएमएस,बुलन्दशहर।
पीटीसी....श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर ।


Conclusion:
श्रीपाल तेवतिया,

बुलन्दशहर

9213400888,
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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