ETV Bharat / state

बुलंदशहर: नहीं मिला खून, थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे ने तोड़ा दम

यूपी के बुलंदशहर में एक थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित बच्चे की मौत हो गई. बताया जा रहा है लॉकडाउन की वजह से बच्चे को खून समय रहते नहीं चढ़ पाया. जिससे बच्चे ने दम तोड़ दिया.

बुलंदशहर ताजा समाचार
थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे की हुई मौत
author img

By

Published : May 16, 2020, 7:29 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन है, जिसकी वजह से पिछले दिनों थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चों को समय से ब्लड नहीं मिल पा रहा है. बुलंदशहर में थैलेसीमिया से पीड़ित एक सात साल के बच्चे की मौत हो गई. बच्चे के परिजनों की मानें तो देर से खून चढ़ने की वजह से उसकी मौत हुई है. बुलंदशहर में 100 से ज्यादा बच्चे इस गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं.

सात साल के बच्चे की मौत
थैलेसीमिया से ग्रसित सात साल के मासूम की शनिवार को सांसें थम गईं. परिवार में गम का माहौल है, दरअसल बुलंदशहर के जिला अस्पताल में 25 अप्रैल को फार्मेसिस्ट के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद जिला अस्पताल को सील कर, सारी इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी गई थीं. हालांकि 12 मई को जिला अस्पताल खोल दिया गया, लेकिन तब तक बच्चे के शरीर में संक्रमण फैलने से काफी देर हो चुकी थी.

इस बीमारी से पीड़ित मरीज को 15 से 20 दिन में ब्लड चढ़ाना अनिवार्य होता है. नहीं तो मरीज के शरीर में संक्रमण फैलने लगता है. साथ ही शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर भी गिरता चला जाता है और मरीज की मौत होने की संभावना बढ़ जाती है.

इसे भी पढ़ें: यूपी में 27 नए कोरोना पॉजिटिव मामले, आंकड़ा पहुंचा 4084

जनपद में लॉकडाउन के कारण अभी 100 से ज्यादा थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को खून मिलने और चढ़वाने की दिक्कत सामने आ रही है.

बुलंदशहर: कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन है, जिसकी वजह से पिछले दिनों थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चों को समय से ब्लड नहीं मिल पा रहा है. बुलंदशहर में थैलेसीमिया से पीड़ित एक सात साल के बच्चे की मौत हो गई. बच्चे के परिजनों की मानें तो देर से खून चढ़ने की वजह से उसकी मौत हुई है. बुलंदशहर में 100 से ज्यादा बच्चे इस गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं.

सात साल के बच्चे की मौत
थैलेसीमिया से ग्रसित सात साल के मासूम की शनिवार को सांसें थम गईं. परिवार में गम का माहौल है, दरअसल बुलंदशहर के जिला अस्पताल में 25 अप्रैल को फार्मेसिस्ट के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद जिला अस्पताल को सील कर, सारी इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी गई थीं. हालांकि 12 मई को जिला अस्पताल खोल दिया गया, लेकिन तब तक बच्चे के शरीर में संक्रमण फैलने से काफी देर हो चुकी थी.

इस बीमारी से पीड़ित मरीज को 15 से 20 दिन में ब्लड चढ़ाना अनिवार्य होता है. नहीं तो मरीज के शरीर में संक्रमण फैलने लगता है. साथ ही शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर भी गिरता चला जाता है और मरीज की मौत होने की संभावना बढ़ जाती है.

इसे भी पढ़ें: यूपी में 27 नए कोरोना पॉजिटिव मामले, आंकड़ा पहुंचा 4084

जनपद में लॉकडाउन के कारण अभी 100 से ज्यादा थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को खून मिलने और चढ़वाने की दिक्कत सामने आ रही है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.