बुलंदशहर: पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत पिछले साल सितंबर में की थी. आज योजना को पूरा एक साल हो चुका है. बुलंदशहर में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत करीब दो लाख पात्र हैं लेकिन जिले में करीब तीन हजार पात्रों ने ही इस योजना के तहत निजी अस्पतालों में अपना इलाज मुफ्त कराया है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार आयुष्मान भारत योजना पिछले साल सितंबर में लागू किया गया था. यह स्वास्थ्य योजना आर्थिक तौर पर निर्धन और जरूरतमंदो के लिए शुरू की गई थी. इस योजना के पात्रता के दायरे में छोटे मोटे काम करने वाले मजदूर, दुकानों पर काम करने वाले, मोची, नाई, पेंटर, बढ़ई, कूड़ा बीनने वाले आदि को शामिल किया गया था.
बता दें कि जिले में कुल दो लाख से ज्यादा पात्र परिवार हैं और इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवार दो लाख तक का इलाज मुफ्त में करवा सकते हैं. लेकिन इस योजना में निजी अस्पतालों ने कोई रूचि ही नहीं ली. यही वजह है कि महज पांच निजी अस्पतालों में ही इस योजना के तहत पात्रों का इलाज सम्भव हो पा रहा है.
फिलहाल जिले के 2907 पात्रों का इलाज निजी अस्पतालों में हुआ है, जिनमें से जिले से बाहर जाकर इलाज कराने वाले मरीज भी शामिल हैं. जिले में अब तक कुल दो करोड़ 83 लाख 35 हजार 448 रुपये सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के इलाज के लिये खर्च किये हैं. हालांकि सीएमओ का कहना है कि योजना से आमजन को खासा फायदा हुआ है और अभी सरकारी अस्पतलों में भी इस योजना की कमी बनी हुई है.