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बुलंदशहर: दिल्ली-एनसीआर से लोग घर की तरफ कर रहे पलायन

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Published : Mar 26, 2020, 6:12 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

लॉकडाउन के बाद से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से लोग अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. इसके चलते सैकड़ों युवक बुलंदशहर की सीमा से होकर गुजर रहे हैं. पुलिस प्रशासन भी ऐसे लोगों की मदद कर रहा है. उन्हें खाना उपलब्ध करवा रहा है. साथ ही उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है.

बुलंदशहर में लॉकडाउन.
दिल्ली एनसीआर से लोग घर की तरफ कर रहे पलायान.

बुलंदशहर: पीएम मोदी के लॉकडाउन के आह्वान के बाद से लगातार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से लोग अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. बुलंदशहर सीमा से भी हर घंटे सैकड़ों युवक गुजर रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन भी न सिर्फ वापस लौटने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहा है, बल्कि उनको गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहा है. डीएम और एसएसपी सभी अधिकारियों के साथ अलग-अलग क्षेत्रवार निरीक्षण कर रहे हैं.

दिल्ली-एनसीआर से लोग घर की तरफ कर रहे पलायन.

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिन के लिए लॉकडाउन किए जाने के आह्वान के बाद से लगातार दिल्ली-एनसीआर में काफी अफरा-तफरी देखी जा रही है. दिल्ली-एनसीआर से लोग अपने घरों को पलायन कर रहे हैं. बुलंदशहर जिले की सीमा क्षेत्र से लोग लगातार अपने घरों को जा रहे हैं. हम आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में लाखों लोग निजी कंपनियों में नौकरियां करते हैं, लेकिन इन दिनों लॉकडाउन की वजह से पूरी तरह से कामकाज एकदम बंद है. ऐसे में लोगों के पास सिर्फ एक ही विकल्प है कि वे अपने घरों में रहे और वहां सुरक्षित रहें. वाहनों की आवाजाही पूर्णतया बंद है. लोगों को सड़कों से पैदल आते-जाते देखा जा सकता है.

ऐसे वाहन जो सुबह दिल्ली सब्जियां लेकर जाते हैं, उनमें भी भारी संख्या में लोग वापस अपने गंतव्य को लौट रहे हैं. जिला प्रशासन ऐसे लोगों के लिए सारथी बनकर सामने आया है. यहां पुलिस प्रशासन और उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों के लिए लौट रहे लोगों को खाने की व्यवस्था करा रहा है. परेशान लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी वाहनों की व्यवस्था भी यहां की गई है.

बुरे वक्त में पुलिस प्रशासन की एक छोटी सी मदद भी लोगों के मन में घर कर रही है. डीएम और एसएसपी स्वयं सड़कों पर उतरे हुए हैं. एडीएम समेत सीडीओ, एसडीएम समेत अन्य जिले के अधिकारियों को अपने-अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए अलग-अलग क्षेत्र दिए गए हैं. यहां देखा जा रहा है कि दिल्ली की तरफ से आने वाले लोग पैदल ही अपने घरों को जाने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन खाने से लेकर उनके घरों तक के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था कराने में कोई कोताही नहीं बरत रहा है.

इसे भी पढ़ें:- सोनिया ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर 21 दिन के लॉकडाउन का समर्थन किया

एसएसपी सन्तोष कुमार सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से पुलिस और प्रशासन अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. एसएसपी ने बताया कि अधिकतर लोग अपने घरों को जाने वाले हैं, उनमें सर्वाधिक संख्या जनपद बदायूं, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, अलीगढ़ जनपदों की है. डीएम रविन्द्र कुमार का कहना है कि लगातार अनवरत एनएच 91 पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है. प्रशासन भी लचीलापन अख्तियार करते हुए उनकी मदद कर रहा है, ताकि वे अपने घरों तक पहुंचें. जो लोग दिल्ली या उसके आस-पास से जिलों से उनके जिले की सीमा में पहुंच रहे हैं, ऐसे लोगों को उनके गंतव्यों तक भेजने को वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं. डीएम ने बताया कि सैकड़ों वाहनों की मदद से अब तक हजारों पैदल चलने वाले लोगों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जा चुकी है.

बुलंदशहर: पीएम मोदी के लॉकडाउन के आह्वान के बाद से लगातार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से लोग अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. बुलंदशहर सीमा से भी हर घंटे सैकड़ों युवक गुजर रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन भी न सिर्फ वापस लौटने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहा है, बल्कि उनको गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहा है. डीएम और एसएसपी सभी अधिकारियों के साथ अलग-अलग क्षेत्रवार निरीक्षण कर रहे हैं.

दिल्ली-एनसीआर से लोग घर की तरफ कर रहे पलायन.

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिन के लिए लॉकडाउन किए जाने के आह्वान के बाद से लगातार दिल्ली-एनसीआर में काफी अफरा-तफरी देखी जा रही है. दिल्ली-एनसीआर से लोग अपने घरों को पलायन कर रहे हैं. बुलंदशहर जिले की सीमा क्षेत्र से लोग लगातार अपने घरों को जा रहे हैं. हम आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में लाखों लोग निजी कंपनियों में नौकरियां करते हैं, लेकिन इन दिनों लॉकडाउन की वजह से पूरी तरह से कामकाज एकदम बंद है. ऐसे में लोगों के पास सिर्फ एक ही विकल्प है कि वे अपने घरों में रहे और वहां सुरक्षित रहें. वाहनों की आवाजाही पूर्णतया बंद है. लोगों को सड़कों से पैदल आते-जाते देखा जा सकता है.

ऐसे वाहन जो सुबह दिल्ली सब्जियां लेकर जाते हैं, उनमें भी भारी संख्या में लोग वापस अपने गंतव्य को लौट रहे हैं. जिला प्रशासन ऐसे लोगों के लिए सारथी बनकर सामने आया है. यहां पुलिस प्रशासन और उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों के लिए लौट रहे लोगों को खाने की व्यवस्था करा रहा है. परेशान लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी वाहनों की व्यवस्था भी यहां की गई है.

बुरे वक्त में पुलिस प्रशासन की एक छोटी सी मदद भी लोगों के मन में घर कर रही है. डीएम और एसएसपी स्वयं सड़कों पर उतरे हुए हैं. एडीएम समेत सीडीओ, एसडीएम समेत अन्य जिले के अधिकारियों को अपने-अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए अलग-अलग क्षेत्र दिए गए हैं. यहां देखा जा रहा है कि दिल्ली की तरफ से आने वाले लोग पैदल ही अपने घरों को जाने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन खाने से लेकर उनके घरों तक के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था कराने में कोई कोताही नहीं बरत रहा है.

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एसएसपी सन्तोष कुमार सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से पुलिस और प्रशासन अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. एसएसपी ने बताया कि अधिकतर लोग अपने घरों को जाने वाले हैं, उनमें सर्वाधिक संख्या जनपद बदायूं, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, अलीगढ़ जनपदों की है. डीएम रविन्द्र कुमार का कहना है कि लगातार अनवरत एनएच 91 पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है. प्रशासन भी लचीलापन अख्तियार करते हुए उनकी मदद कर रहा है, ताकि वे अपने घरों तक पहुंचें. जो लोग दिल्ली या उसके आस-पास से जिलों से उनके जिले की सीमा में पहुंच रहे हैं, ऐसे लोगों को उनके गंतव्यों तक भेजने को वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं. डीएम ने बताया कि सैकड़ों वाहनों की मदद से अब तक हजारों पैदल चलने वाले लोगों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जा चुकी है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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