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बुलन्दशहर में प्रवासी मजदूरों को काम देने के दावे फेल

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Published : Jun 25, 2020, 9:28 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

सरकार के तमाम दावों के बाद भी यूपी के बुलंदशहर में प्रवासी कामगारों को काम मिलता नहीं दिख रहा है. यहां जिला उद्योग केंद्र ने 2,735 कुशल अर्द्धकुशल और अकुशल कामगारों की लिस्ट इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को भेजी थी. इनमें से सिर्फ 17 लोगों को ही रोजगार मिला है.

प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा काम
प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

बुलन्दशहर: योगी सरकार ने प्रवासी कामगारों और मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, जिसके बाद से प्रत्येक जिले में बाहर से आए लोगों की स्किल मैपिंग इन दिनों की जा रही है. इसके बाद सरकार द्वारा इन प्रवासियों को उनके गृह जनपद में ही रोजगार देने की कवायद की जा रही है. इसी क्रम में जिले के सेवायोजन कार्यालय में प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग की जा रही है. सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भी जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों के मुताबिक अभी सिर्फ 17 प्रवासी कामगारों को ही काम मिला है.

प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

प्रवासी कामगारों को उनके गृह जनपद में ही रोजगार मुहैय्या कराने का निर्देश सीएम योगी ने दिया था. इसके बाद सभी जिलों के अधिकारियों को जिले में वापस आए प्रवासियों की स्किल मैंपिंग के आदेश दिए गए थे. जिले में लगभग 14,064 लोग अन्य प्रदेशों से वापस आए हैं. इन लोगों की स्किल मैपिंग जिला सेवायोजन अधिकारियों द्वारा की गई थी. स्किल मैंपिग में अधिकारी कुशल, अर्धकुशल और अकुशल कामगारों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं. इसमें से 10,200 लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए. इनमें से 6,728 लोगों को मनरेगा के तहत काम भी दिया गया.

वहीं 2,735 लोगों की सूची जिला उद्योग केंद्र को भेजी गई. जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि 2,735 कुशल, अर्द्धकुशल और अकुशल कामगारों की लिस्ट इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को भेजी गई थी. इनमें से 270 कुशल, 1170 अर्धकुशल और 1294 अकुशल श्रमिकों का ब्योरा है, लेकिन इन लोगों में से सिर्फ17 लोगों को ही रोजगार मिल सका है.

ऐसे में यह स्थिति यूपी सरकार के उस दावे की हवा निकलती नजर आ रही है, जिसमें सरकार ने सभी प्रवासी कामगारों को रोजगार देने का वादा किया था. हालांकि इसे लेकर जिम्मेदारों का कहना है कि औद्योगिक एसोसिएशन, संस्थाओं और इकाइयों को सभी कामगारों की लिस्ट भेजी जा चुकी हैं और अपनी सुविधा के मुताबिक कामगार और उद्यमी आपसी तालमेल और सामंजस्य के साथ एक-दूसरे के लिए सहयोगी हो सकते हैं.

इस बारे में ईटीवी भारत ने जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त योगेश कुमार से बात की. उन्होंने बताया कि जिले में जो भी प्रवासी मजदूर आए हैं, उनकी स्किल मैपिंग के बाद जिला उद्योग केंद्र द्वारा जॉब दिलाई जा रही है.

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मई माह में ही घोषणा की गई थी कि योगी सरकार प्रदेश के 11 लाख प्रवासी कामगारों, मजदूरों को रोजगार दिलाएगी. बुलन्दशहर जिले में भले ही सरकारी दस्तावेजों में श्रमिकों की लिस्ट इंडस्ट्रीज एसोसिएशन समेत अन्य संगठनों तक पहुंचा दी गई हो, लेकिन श्रम शक्ति को यहां रोजगार मिलता नजर नहीं आ रहा है.

बुलन्दशहर: योगी सरकार ने प्रवासी कामगारों और मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, जिसके बाद से प्रत्येक जिले में बाहर से आए लोगों की स्किल मैपिंग इन दिनों की जा रही है. इसके बाद सरकार द्वारा इन प्रवासियों को उनके गृह जनपद में ही रोजगार देने की कवायद की जा रही है. इसी क्रम में जिले के सेवायोजन कार्यालय में प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग की जा रही है. सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भी जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों के मुताबिक अभी सिर्फ 17 प्रवासी कामगारों को ही काम मिला है.

प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा काम

प्रवासी कामगारों को उनके गृह जनपद में ही रोजगार मुहैय्या कराने का निर्देश सीएम योगी ने दिया था. इसके बाद सभी जिलों के अधिकारियों को जिले में वापस आए प्रवासियों की स्किल मैंपिंग के आदेश दिए गए थे. जिले में लगभग 14,064 लोग अन्य प्रदेशों से वापस आए हैं. इन लोगों की स्किल मैपिंग जिला सेवायोजन अधिकारियों द्वारा की गई थी. स्किल मैंपिग में अधिकारी कुशल, अर्धकुशल और अकुशल कामगारों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं. इसमें से 10,200 लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए. इनमें से 6,728 लोगों को मनरेगा के तहत काम भी दिया गया.

वहीं 2,735 लोगों की सूची जिला उद्योग केंद्र को भेजी गई. जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि 2,735 कुशल, अर्द्धकुशल और अकुशल कामगारों की लिस्ट इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को भेजी गई थी. इनमें से 270 कुशल, 1170 अर्धकुशल और 1294 अकुशल श्रमिकों का ब्योरा है, लेकिन इन लोगों में से सिर्फ17 लोगों को ही रोजगार मिल सका है.

ऐसे में यह स्थिति यूपी सरकार के उस दावे की हवा निकलती नजर आ रही है, जिसमें सरकार ने सभी प्रवासी कामगारों को रोजगार देने का वादा किया था. हालांकि इसे लेकर जिम्मेदारों का कहना है कि औद्योगिक एसोसिएशन, संस्थाओं और इकाइयों को सभी कामगारों की लिस्ट भेजी जा चुकी हैं और अपनी सुविधा के मुताबिक कामगार और उद्यमी आपसी तालमेल और सामंजस्य के साथ एक-दूसरे के लिए सहयोगी हो सकते हैं.

इस बारे में ईटीवी भारत ने जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त योगेश कुमार से बात की. उन्होंने बताया कि जिले में जो भी प्रवासी मजदूर आए हैं, उनकी स्किल मैपिंग के बाद जिला उद्योग केंद्र द्वारा जॉब दिलाई जा रही है.

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मई माह में ही घोषणा की गई थी कि योगी सरकार प्रदेश के 11 लाख प्रवासी कामगारों, मजदूरों को रोजगार दिलाएगी. बुलन्दशहर जिले में भले ही सरकारी दस्तावेजों में श्रमिकों की लिस्ट इंडस्ट्रीज एसोसिएशन समेत अन्य संगठनों तक पहुंचा दी गई हो, लेकिन श्रम शक्ति को यहां रोजगार मिलता नजर नहीं आ रहा है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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