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बुलंदशहर: कुपोषण को मात देगी चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस - anganwadi center bulandshahr

बुलंदशहर में आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण समय-समय पर किया जाता है, लेकिन अब ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर जांच की जाएगी. इससे शून्य से डेढ़ वर्ष तक के बच्चों की लंबाई के साथ स्वास्थ्य का परीक्षण भी केंद्र पर ही हो जाएगा.

कुपोषण को मात देगी चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस
कुपोषण को मात देगी चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस
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Published : Nov 7, 2020, 12:53 PM IST

बुलंदशहर: प्रदेश में कुपोषित बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस की व्यवस्था शुरू की जा रही है. कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की समय से जांच हो सके और कुपोषण को मात दी जा सके, इसके लिए प्रदेश सरकार इस व्यवस्था पर काम कर रही है. बुलंदशहर जिले के भी सभी 3967 आंगनबाड़ी केंद्रों को चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा. शासन स्तर से ये डिवाइस अब सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगाई जाएंगी. कुपोषण को मात देने के लिए अब ये ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध कराई जाएंगी, इसके लिए तमाम तैयारियां पूरी हो चुकी है. जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिओम बाजपेयी ने ईटीवी भारत को बताया कि नवंबर के अंत तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटरिंग सिस्टम पहुंच जाएंगे.

क्या कहते हैं आंकड़े

जिले में कुल 3 हजार 967 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जबकि 3 हजार 698 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यकत हैं. जिले में 11291 कुपोषित बच्चे हैं और 3 हजार 215 बच्चे अतिकुपोषित हैं. जनपद की अगर बात की जाए तो तकरीबन 3 लाख 47 हजार 431 बच्चे जिले में ऐसे हैं, जिनकी आयु शून्य से 5 वर्ष के बीच है, जिसमें 5840 किशोरी हैं और वर्तमान में जो आंकड़े अफसरों के पास हैं, उसके मुताबिक जिले में 79349 गर्भवती महिलाएं हैं.

बच्चों की हाइट का भी रखा जाएगा ब्योरा

आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण समय-समय पर किया जाता है, लेकिन अब ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर जांच की जाएगी. इससे शून्य से डेढ़ वर्ष तक के बच्चों की लंबाई के साथ स्वास्थ्य का परीक्षण भी केंद्र पर ही हो जाएगा. इसके बाद उसके अनुसार ही शिशु की पोषाहार की मात्रा भी मेंटेन की जाएगी. शिशु के परिजनों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अवगत कराएंगी.

कुपोषण मुक्त होगा प्रदेश

ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस के बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि अब तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर अलग-अलग कार्यक्रम चलते थे. वहीं कुपोषण को मात देने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों का वजन भी समय-समय पर चेक किया करती थीं. अब ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस द्वारा यह सब जांचे की जाएंगी. उन्होंने बताया कि इससे यह भी जानकारी हासिल की जा सकेगी कि बच्चे की ग्रोथ समयानुसार हो रही है या नहीं. इस बारे में शासन से आवश्यक दिशा-निर्देशों के संबंध में पत्र भी कई संबंधित अफसरों तक पहुंच चुके हैं और ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस कैसे काम करेगी, किस तरह से उसका उपयोग किया जाना है, इस संबंध में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी जिला कार्यक्रम अधिकारी की देख-रेख में कराया जाएगा.

बुलंदशहर: प्रदेश में कुपोषित बच्चों को पोषण प्रदान करने के लिए चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस की व्यवस्था शुरू की जा रही है. कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की समय से जांच हो सके और कुपोषण को मात दी जा सके, इसके लिए प्रदेश सरकार इस व्यवस्था पर काम कर रही है. बुलंदशहर जिले के भी सभी 3967 आंगनबाड़ी केंद्रों को चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा. शासन स्तर से ये डिवाइस अब सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगाई जाएंगी. कुपोषण को मात देने के लिए अब ये ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध कराई जाएंगी, इसके लिए तमाम तैयारियां पूरी हो चुकी है. जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिओम बाजपेयी ने ईटीवी भारत को बताया कि नवंबर के अंत तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर चाइल्ड ग्रोथ मॉनिटरिंग सिस्टम पहुंच जाएंगे.

क्या कहते हैं आंकड़े

जिले में कुल 3 हजार 967 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जबकि 3 हजार 698 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यकत हैं. जिले में 11291 कुपोषित बच्चे हैं और 3 हजार 215 बच्चे अतिकुपोषित हैं. जनपद की अगर बात की जाए तो तकरीबन 3 लाख 47 हजार 431 बच्चे जिले में ऐसे हैं, जिनकी आयु शून्य से 5 वर्ष के बीच है, जिसमें 5840 किशोरी हैं और वर्तमान में जो आंकड़े अफसरों के पास हैं, उसके मुताबिक जिले में 79349 गर्भवती महिलाएं हैं.

बच्चों की हाइट का भी रखा जाएगा ब्योरा

आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण समय-समय पर किया जाता है, लेकिन अब ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर जांच की जाएगी. इससे शून्य से डेढ़ वर्ष तक के बच्चों की लंबाई के साथ स्वास्थ्य का परीक्षण भी केंद्र पर ही हो जाएगा. इसके बाद उसके अनुसार ही शिशु की पोषाहार की मात्रा भी मेंटेन की जाएगी. शिशु के परिजनों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अवगत कराएंगी.

कुपोषण मुक्त होगा प्रदेश

ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस के बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि अब तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर अलग-अलग कार्यक्रम चलते थे. वहीं कुपोषण को मात देने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों का वजन भी समय-समय पर चेक किया करती थीं. अब ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस द्वारा यह सब जांचे की जाएंगी. उन्होंने बताया कि इससे यह भी जानकारी हासिल की जा सकेगी कि बच्चे की ग्रोथ समयानुसार हो रही है या नहीं. इस बारे में शासन से आवश्यक दिशा-निर्देशों के संबंध में पत्र भी कई संबंधित अफसरों तक पहुंच चुके हैं और ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस कैसे काम करेगी, किस तरह से उसका उपयोग किया जाना है, इस संबंध में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी जिला कार्यक्रम अधिकारी की देख-रेख में कराया जाएगा.

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