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बुलंदशहर जिला जेल की दाल रोटी को क्यों दिया FSSAI ने फाइव स्टार, खुद ही देख लें - FSSAI bulandShahr district Jail

उत्तर प्रदेश की जेलों में मानक के हिसाब से खाना बन रहा है. फर्रूखाबाद के बाद अब बुलंदशहर जेल को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety and Standard Authority of India) यानी FSSAI ने फाइव स्टार रेटिंग दी है. साथ ही इसे ईट राइट कैंपस का टैग भी दिया गया है.

जिला कारागार को फाइव स्टार रेटिंग
बुलंदशहर जिला कारागार की किचन की पूरी कहानी यहां देखिए.
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Published : Dec 27, 2022, 12:35 PM IST

बुलंदशहर जिला कारागार के किचन की पूरी कहानी यहां देखिए.

बुलंदशहर : अपराध करने वालों के लिए जेल ऐसा ठिकाना है, जहां उन्हें अपनी गलती की सजा दी जाती है. जेल में बंद कैदियों के लिए समाज से अलग रहने का एहसास ही सजा है. जेल के खाने की कई कहानियां सुनी सुनाई जाती रही है. जेल की दाल-रोटी कोई खाना नहीं चाहता है. मगर बुलंदशहर जिला जेल का खाना कैदियों के लिए फाइव स्टार डिश से कम नहीं है. यहां हाइजीनिक यानी साफ सुथरा और क्वॉलिटी वाला भोजन बंदियों को खिलाया जा रहा है. यही कारण है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety and Standard Authority of India) यानी FSSAI ने बुलंदशहर जेल की किचन और फूड को फाइव स्टार रेटिंग दी है.

बुलंदशहर जिला जेल अधीक्षक आर के जयसवाल ने बताया कि जिला कारागार के लिए ईट राइट कैंपस और फाइव स्टार रेटिंग के प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि FSSAI से रेटिंग के लिए उन्होंने आवेदन किया था. FSSAI की टीम ने जेल के किचन का कई बार निरीक्षण किया. फूड सैंपल लेकर क्वॉलिटी की जांच की गई, इसके बाद सफाई और क्वॉलिटी के लिए फ़ाइव स्टार रेटिंग प्रमाणपत्र जारी किया गया.

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फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सर्टिफिकेट के साथ जेल अधीक्षक आर के जयसवाल .


DG जेल आनंद कुमार ने सभी जेलों को किचन में भोजन की गुणवत्ता, पौष्टिकता, स्वाद और स्वच्छता को लेकर निरंतर विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में बुलंदशहर जिला जेल में हाइजीनिक किचन और न्यूट्रिशियस फूड की व्यवस्था की गई. इस जेल में आटा गूंथने की मशीन के साथ ऑटोमैटिक रोटी मेकर लगाए गए हैं. तेल मसाले भी ब्रांडेड उपयोग किए जाते हैं. बंदियों की कुकिंग टीम साफ-स्वच्छ एप्रेन, फुल स्लीव ग्लब्स एव कैप पहनकर खाना बनाता है. कैदियों की थाली में परोसे जाने तक खाना बिल्कुल गरम रहता है. जेल में ही मसाला और गेहूं पीसने के लिए चक्की लगाई गई है. यानी कुल मिलाकर बुलंदशहर जेल का खाना अब कहानियों जैसा नहीं है.

जेल अधीक्षक आर के जयसवाल ने बताया कि कैदियों को भले ही सजा के तौर पर जेल में बंद किया जाता है मगर अच्छा भोजन करना उनका हक है. जेल प्रशासन ऐसी व्यवस्था इसलिए करता है कि ताकि उन्हें समाज और घर से दूर रहने का तनाव नहीं हो. कैदियों के लिए सिर्फ भोजन ही नहीं, तनाव दूर करने के लिए कई व्यवस्था की गई है. जैसे उनके लिए स्पेशल योगा और स्प्रिचुअल क्लासेज का आयोजन किया जाता है. त्योहार मनाए जाते हैं. साथ ही स्कील डिवेलपमेंट और स्पोटर्स में भी उनकी सहभागिता कराई जाती है.


बुलंदशहर जिला कारागार के किचन की पूरी कहानी यहां देखिए.

बुलंदशहर : अपराध करने वालों के लिए जेल ऐसा ठिकाना है, जहां उन्हें अपनी गलती की सजा दी जाती है. जेल में बंद कैदियों के लिए समाज से अलग रहने का एहसास ही सजा है. जेल के खाने की कई कहानियां सुनी सुनाई जाती रही है. जेल की दाल-रोटी कोई खाना नहीं चाहता है. मगर बुलंदशहर जिला जेल का खाना कैदियों के लिए फाइव स्टार डिश से कम नहीं है. यहां हाइजीनिक यानी साफ सुथरा और क्वॉलिटी वाला भोजन बंदियों को खिलाया जा रहा है. यही कारण है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety and Standard Authority of India) यानी FSSAI ने बुलंदशहर जेल की किचन और फूड को फाइव स्टार रेटिंग दी है.

बुलंदशहर जिला जेल अधीक्षक आर के जयसवाल ने बताया कि जिला कारागार के लिए ईट राइट कैंपस और फाइव स्टार रेटिंग के प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया कि FSSAI से रेटिंग के लिए उन्होंने आवेदन किया था. FSSAI की टीम ने जेल के किचन का कई बार निरीक्षण किया. फूड सैंपल लेकर क्वॉलिटी की जांच की गई, इसके बाद सफाई और क्वॉलिटी के लिए फ़ाइव स्टार रेटिंग प्रमाणपत्र जारी किया गया.

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फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सर्टिफिकेट के साथ जेल अधीक्षक आर के जयसवाल .


DG जेल आनंद कुमार ने सभी जेलों को किचन में भोजन की गुणवत्ता, पौष्टिकता, स्वाद और स्वच्छता को लेकर निरंतर विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में बुलंदशहर जिला जेल में हाइजीनिक किचन और न्यूट्रिशियस फूड की व्यवस्था की गई. इस जेल में आटा गूंथने की मशीन के साथ ऑटोमैटिक रोटी मेकर लगाए गए हैं. तेल मसाले भी ब्रांडेड उपयोग किए जाते हैं. बंदियों की कुकिंग टीम साफ-स्वच्छ एप्रेन, फुल स्लीव ग्लब्स एव कैप पहनकर खाना बनाता है. कैदियों की थाली में परोसे जाने तक खाना बिल्कुल गरम रहता है. जेल में ही मसाला और गेहूं पीसने के लिए चक्की लगाई गई है. यानी कुल मिलाकर बुलंदशहर जेल का खाना अब कहानियों जैसा नहीं है.

जेल अधीक्षक आर के जयसवाल ने बताया कि कैदियों को भले ही सजा के तौर पर जेल में बंद किया जाता है मगर अच्छा भोजन करना उनका हक है. जेल प्रशासन ऐसी व्यवस्था इसलिए करता है कि ताकि उन्हें समाज और घर से दूर रहने का तनाव नहीं हो. कैदियों के लिए सिर्फ भोजन ही नहीं, तनाव दूर करने के लिए कई व्यवस्था की गई है. जैसे उनके लिए स्पेशल योगा और स्प्रिचुअल क्लासेज का आयोजन किया जाता है. त्योहार मनाए जाते हैं. साथ ही स्कील डिवेलपमेंट और स्पोटर्स में भी उनकी सहभागिता कराई जाती है.


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