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पुलिस कस्टडी डेथ मामले में थाना प्रभारी समेत 11 लोगों के खिलाफ FIR - सोनू पुलिस हिरासत मौत

जिले की पुलिस कस्टडी डेथ मामले में खुर्जा के तत्कालीन थाना प्रभारी मिथलेश उपाध्याय व चौकी इंचार्ज बहादुर सिंह समेत 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. हाईकोर्ट के आदेश पर बुलंदशहर एसीजेएम जांच के बाद यह केस दर्ज हुआ है.

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पुलिस कस्टडी डेथ मामला
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Published : Mar 31, 2022, 9:34 AM IST

Updated : Mar 31, 2022, 11:08 AM IST

बुलंदशहर: जिले की पुलिस कस्टडी डेथ मामले में खुर्जा के तत्कालीन थाना प्रभारी मिथलेश उपाध्याय व चौकी इंचार्ज बहादुर सिंह समेत 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. इन 11 लोगों में पुलिस के साथ ही आम लोग भी शामिल हैं. 6 दिसंबर 2020 को खुर्जा के कनेनी निवासी की पुलिस कस्टडी में सोनू नाम के युवक की मौत हो गई थी. इसके बाद मृतक के परिजनों ने तत्कालीन थाना प्रभारी पर अवैध हिरासत में रखकर हत्या का आरोप लगाया था.

यह भी पढ़ें- तीन दोस्तों के खतरनाक खेल में पिस्टल से चली गोली, एक दोस्त हुआ घायल


हाईकोर्ट के आदेश पर बुलंदशहर एसीजेएम जांच के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी समेत 11 लोगों पर हत्या के मामले में केस दर्ज हुआ है. खुर्जा के तत्कालीन थाना प्रभारी हापुड़ में तैनात हैं व जंक्शन चौकी के तत्कालीन प्रभारी जनपद बुलंदशहर में ही तैनात हैं. खुर्जा कोतवाली क्षेत्र कनैनी गांव में पुलिस ने युवती को भगाने के आरोप में युवक को गिरफ्तार किया था, कस्टडी में युवक की मौत हो गई थी.

खुर्जा की जंक्शन चौकी क्षेत्र के गांव शहजादपुर कनैनी निवासी सुरेश देवी ने 29 मार्च को पुनः एसएसपी को युवती का शिकायती पत्र सौंपकर रिपोर्ट दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उसका बेटा सोनू उर्फ सोमदत्त गांव के ही एक लड़की से प्यार करता था. इसी के चलते सोनू और युवती छह दिसंबर 2020 को गांव छोड़कर चले गए थे. इसमें युवती के परिजनों ने सोनू के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी थी. पुलिस ने सोनू के भाई सुनील को हिरासत में लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया था.

हाईकोर्ट के आदेश पर बुलंदशहर न्यायालय के एसीजेएम ने जांच की, जिसमें पुलिस कर्मी दोषी पाए गए थे, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. उच्च न्यायालय द्वारा कार्रवाई का ब्योरा मांगे जाने पर शासन स्तर से कार्रवाई की गई. वहीं पुलिस ने 9 दिसंबर 2020 को सोनू और युवती को बागपत जिले के नैथला गांव से बरामद कर लिया था. सोनू को पुलिस ने दो दिन तक थाने में ही रखा.

इसके बाद 11 दिसंबर की रात को युवती के परिजनों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी गई. आरोप है कि पोस्टमार्टम से बचने के लिए थाना पुलिस ने सोनू के ताऊ के बेटे पर दबाव बनाकर एक कागज पर अंगूठा लगवा लिया और सब को करना गांव में लाकर जला दिया. इसके बाद पुलिस की गलत कार्रवाई और बेटे की मौत के बाद सुरेश देवी ने साल 2021 में याचिका दाखिल की. इसमें न्यायालय ने एसीजेएम प्रथम को इस मामले में जांच के आदेश दिए, जिसमें पाया गया कि पुलिस कस्टडी में ही सोनू की हत्या की गई है.

इसको लेकर 25 मार्च 2022 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव से इस मामले में कार्यवाही का ब्योरा मांगा, जिसके बाद 29 मार्च 2022 को थाना पुलिस ने मृतक सोनू की मां सुरेश देवी की तहरीर पर मंगलवार रात तत्कालीन थाना प्रभारी मिथिलेश उपाध्याय उप निरीक्षक बहादुर सिंह उप निर्देशक रामसेवक सहित गांव शहजाद पुर कॉलोनी निवासी अनिल चौधरी, जगदीश चौधरी, विनीता मनीष बैगन, राजीव प्रदुमन, सत्यप्रकाश और मुकेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

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बुलंदशहर: जिले की पुलिस कस्टडी डेथ मामले में खुर्जा के तत्कालीन थाना प्रभारी मिथलेश उपाध्याय व चौकी इंचार्ज बहादुर सिंह समेत 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. इन 11 लोगों में पुलिस के साथ ही आम लोग भी शामिल हैं. 6 दिसंबर 2020 को खुर्जा के कनेनी निवासी की पुलिस कस्टडी में सोनू नाम के युवक की मौत हो गई थी. इसके बाद मृतक के परिजनों ने तत्कालीन थाना प्रभारी पर अवैध हिरासत में रखकर हत्या का आरोप लगाया था.

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हाईकोर्ट के आदेश पर बुलंदशहर एसीजेएम जांच के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी समेत 11 लोगों पर हत्या के मामले में केस दर्ज हुआ है. खुर्जा के तत्कालीन थाना प्रभारी हापुड़ में तैनात हैं व जंक्शन चौकी के तत्कालीन प्रभारी जनपद बुलंदशहर में ही तैनात हैं. खुर्जा कोतवाली क्षेत्र कनैनी गांव में पुलिस ने युवती को भगाने के आरोप में युवक को गिरफ्तार किया था, कस्टडी में युवक की मौत हो गई थी.

खुर्जा की जंक्शन चौकी क्षेत्र के गांव शहजादपुर कनैनी निवासी सुरेश देवी ने 29 मार्च को पुनः एसएसपी को युवती का शिकायती पत्र सौंपकर रिपोर्ट दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उसका बेटा सोनू उर्फ सोमदत्त गांव के ही एक लड़की से प्यार करता था. इसी के चलते सोनू और युवती छह दिसंबर 2020 को गांव छोड़कर चले गए थे. इसमें युवती के परिजनों ने सोनू के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी थी. पुलिस ने सोनू के भाई सुनील को हिरासत में लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया था.

हाईकोर्ट के आदेश पर बुलंदशहर न्यायालय के एसीजेएम ने जांच की, जिसमें पुलिस कर्मी दोषी पाए गए थे, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. उच्च न्यायालय द्वारा कार्रवाई का ब्योरा मांगे जाने पर शासन स्तर से कार्रवाई की गई. वहीं पुलिस ने 9 दिसंबर 2020 को सोनू और युवती को बागपत जिले के नैथला गांव से बरामद कर लिया था. सोनू को पुलिस ने दो दिन तक थाने में ही रखा.

इसके बाद 11 दिसंबर की रात को युवती के परिजनों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी गई. आरोप है कि पोस्टमार्टम से बचने के लिए थाना पुलिस ने सोनू के ताऊ के बेटे पर दबाव बनाकर एक कागज पर अंगूठा लगवा लिया और सब को करना गांव में लाकर जला दिया. इसके बाद पुलिस की गलत कार्रवाई और बेटे की मौत के बाद सुरेश देवी ने साल 2021 में याचिका दाखिल की. इसमें न्यायालय ने एसीजेएम प्रथम को इस मामले में जांच के आदेश दिए, जिसमें पाया गया कि पुलिस कस्टडी में ही सोनू की हत्या की गई है.

इसको लेकर 25 मार्च 2022 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव से इस मामले में कार्यवाही का ब्योरा मांगा, जिसके बाद 29 मार्च 2022 को थाना पुलिस ने मृतक सोनू की मां सुरेश देवी की तहरीर पर मंगलवार रात तत्कालीन थाना प्रभारी मिथिलेश उपाध्याय उप निरीक्षक बहादुर सिंह उप निर्देशक रामसेवक सहित गांव शहजाद पुर कॉलोनी निवासी अनिल चौधरी, जगदीश चौधरी, विनीता मनीष बैगन, राजीव प्रदुमन, सत्यप्रकाश और मुकेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

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Last Updated : Mar 31, 2022, 11:08 AM IST
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