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बुलंदशहरः दिव्यांगों और असमर्थ कर्मचारियों की लगा दी चुनाव में ड्यूटी

बुलंदशहर में सैकड़ों ऐसे सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में बतौर पीठासीन अधिकारी और अन्य जिम्मेदारियों को सम्भालने के लिए लगा दी गई हैं, जो न सिर्फ दिव्यांग  हैं बल्कि गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हैं.

दिव्यांग और बीमार लोग ड्यूटी कटाने के लिए अफसरों के यहां लगा रहे चक्कर
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Published : Mar 25, 2019, 10:48 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर : जनपद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिम्मेदार अफसरों ने चुनाव कराने के लिए यह तक भी नहीं देखा कि जिनकी ड्यूटी वह चुनाव में लगा रहे हैं, वह ड्यूटी करने की स्थिति में हैं भी या नहीं. अब ऐसे कर्मचारी सम्बन्धित महकमे के अधिकारियों की चौखटों पर अपना दुखड़ा सुनाने को पहुंच रहे हैं.

सामान्य लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिए जिम्मेदार जिला प्रशासन के अधिकारियों की तरफ से तमाम कवायदें की जा रही हैं तो वहीं, इसमें बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली है. दरअसल, जनपद में सैकड़ों ऐसे सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में बतौर पीठासीन अधिकारी और अन्य जिम्मेदारियों को सम्भालने के लिए लगा दी गई हैं, जो न सिर्फ दिव्यांगहैं बल्कि गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हैं.

अफसरों के यहां रोज चक्कर लगा रहे हैं दिव्यांग

अब यह लोग हर दिन लोकसभा चुनाव में डयूटी लगाने वाले जिम्मेदार अफसरों के यहां मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ सिर्फ इसलिए चक्कर काट रहे हैं ताकि गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले उन जिम्मेदार अफसरों को जानकारी हो जाए कि वह इलेक्शन में यह जिम्मेदारी संभालने में असमर्थ हैं.

दिव्यांग और बीमार लोग ड्यूटी कटाने के लिए अफसरों के यहां लगा रहे चक्कर

सैकड़ों दिव्यांगऔर गम्भीर रूप से बीमार कर्मचारी हर दिन विकास भवन में अपनी पीड़ा बयां करने पहुंच रहे हैं. आलम यह है कि 19 मार्च से हर रोज दिनभर विकास भवन में एक डिप्टी सीएमओ, बेसिक शिक्षा अधिकारी और अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी आजकल सिर्फ इसी काम में दिनभर लगे देखे जा सकते हैं. सुबह से शाम तक जिलेभर से ऐसे कर्मचारियों को यहां आते जाते देखा जा सकता है.

...कैसे कर पाऊंगा काम

कोई व्हील चेयर पर आता है तो किसी को तिमारदार लेकर आ रहे हैं तो कोई बैसाखी के सहारे. इस बारे में लोग अपनी व्यथा भी सुनाते देखे जा सकते हैं. कर्मचारियों का कहना है कि जब वह ठीक से चल फिर नहीं सकते, बैठ नहीं सकते, तो आखिर इलेक्शन में कैसे वह काम को बेहतर ढंग से कर पाएंगे.

वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीश कुमार यादव का कहना है कि जिनकी इलेक्शन में डयूटी लगा दी गई है, उनमें से वो ऐसे लोगों की जांच कर रहे हैं, जो कार्य नहीं कर सकते. उन्होंने बताया कि कर्मचारी यहां आकर अपनी पीड़ा बता रहे हैं. एक अन्य अधिकारी का कहना है कि हर रोज विकास भवन में लोग मेडिकल दस्तावेजों को लेकर पहुंच रहे हैं. हैं।

बुलंदशहर : जनपद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिम्मेदार अफसरों ने चुनाव कराने के लिए यह तक भी नहीं देखा कि जिनकी ड्यूटी वह चुनाव में लगा रहे हैं, वह ड्यूटी करने की स्थिति में हैं भी या नहीं. अब ऐसे कर्मचारी सम्बन्धित महकमे के अधिकारियों की चौखटों पर अपना दुखड़ा सुनाने को पहुंच रहे हैं.

सामान्य लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिए जिम्मेदार जिला प्रशासन के अधिकारियों की तरफ से तमाम कवायदें की जा रही हैं तो वहीं, इसमें बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली है. दरअसल, जनपद में सैकड़ों ऐसे सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में बतौर पीठासीन अधिकारी और अन्य जिम्मेदारियों को सम्भालने के लिए लगा दी गई हैं, जो न सिर्फ दिव्यांगहैं बल्कि गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हैं.

अफसरों के यहां रोज चक्कर लगा रहे हैं दिव्यांग

अब यह लोग हर दिन लोकसभा चुनाव में डयूटी लगाने वाले जिम्मेदार अफसरों के यहां मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ सिर्फ इसलिए चक्कर काट रहे हैं ताकि गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले उन जिम्मेदार अफसरों को जानकारी हो जाए कि वह इलेक्शन में यह जिम्मेदारी संभालने में असमर्थ हैं.

दिव्यांग और बीमार लोग ड्यूटी कटाने के लिए अफसरों के यहां लगा रहे चक्कर

सैकड़ों दिव्यांगऔर गम्भीर रूप से बीमार कर्मचारी हर दिन विकास भवन में अपनी पीड़ा बयां करने पहुंच रहे हैं. आलम यह है कि 19 मार्च से हर रोज दिनभर विकास भवन में एक डिप्टी सीएमओ, बेसिक शिक्षा अधिकारी और अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी आजकल सिर्फ इसी काम में दिनभर लगे देखे जा सकते हैं. सुबह से शाम तक जिलेभर से ऐसे कर्मचारियों को यहां आते जाते देखा जा सकता है.

...कैसे कर पाऊंगा काम

कोई व्हील चेयर पर आता है तो किसी को तिमारदार लेकर आ रहे हैं तो कोई बैसाखी के सहारे. इस बारे में लोग अपनी व्यथा भी सुनाते देखे जा सकते हैं. कर्मचारियों का कहना है कि जब वह ठीक से चल फिर नहीं सकते, बैठ नहीं सकते, तो आखिर इलेक्शन में कैसे वह काम को बेहतर ढंग से कर पाएंगे.

वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीश कुमार यादव का कहना है कि जिनकी इलेक्शन में डयूटी लगा दी गई है, उनमें से वो ऐसे लोगों की जांच कर रहे हैं, जो कार्य नहीं कर सकते. उन्होंने बताया कि कर्मचारी यहां आकर अपनी पीड़ा बता रहे हैं. एक अन्य अधिकारी का कहना है कि हर रोज विकास भवन में लोग मेडिकल दस्तावेजों को लेकर पहुंच रहे हैं. हैं।

Intro:बुलंदशहर जिले से एक चोंकाने वाली खबर सामने आ रही है , चुनाव कराने के लिए जिले के जिम्मेदार अफसरों ने यह तक भी नहीं देखा कि जिनकी ड्यूटी वह चुनाव में लगा रहे हैं ,वह ड्यूटी करने की स्थिति में हैं भी या नहीं,अब ऐसे कर्मचारी सम्बन्धित महकमे के अधिकारियों की चौखटों पर अपना दुखड़ा रोने को पहुंच रहे हैं।पेश है बुलन्दशहर से ये विशेष खबर ।






Body:सामान्य लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिए बुलंदशहर में भी जिम्मेदार जिला प्रशासन के अधिकारियों की तरफ से तमाम कवायदें की जा रही हैं, तो वही इसमें बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली है ,दरअसल बुलंदशहर में सैकड़ों ऐसे सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में बतौर पीठासीन अधिकारी और अन्य जिम्मेदारियों को सम्भालने के लिए लगा दी गयी है जो न सिर्फ विकलांग हैं ,बल्कि गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हैं,अब ये लोग जिले भर से हर दिन लोकसभा चुनाव में डयूटी लगाने वाले जिम्मेदार अफसरों के यहां मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ सिर्फ इसलिए चक्कर काट रहे हैं ताकि गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले उन जिम्मेदार अफसरों को जानकारी हो जाये और उनपर दया आ जाए कि वो इलेक्शन में ये जिम्मेदारी संभालने में अक्षम हैं, सैकड़ों विकलांग और गम्भीर रूप से बीमार कर्मचारी हर दिन विकास भवन में अपनी पीड़ा बयान करने पहुंच रहे हैं,आलम ये है कि 19 मार्च से हर रोज दिनभर विकास भवन में एक डिप्टी सीएमओ ,जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी और अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी कर्मचारी आजकल सिर्फ इसी काम में दिनभर लगे देखे जा सकते हैं ,सुबह से शाम तक जिलेभर से ऐसे कर्मचारियों को यहां आते जाते देखा जा सकता है,आलम ये है कि कोई व्हील चेयर पर आता है तो किसी को तिम्मारदार लेकर आ रहे हैं तो कोई बैसाखी के सहारे ,इस बारे में लोग अपनी व्यथा भी सुनाते देखे जा सकते हैं कर्मचारियों का कहना है कि जब वो ठीक से चल फिर नहीं सकते, बैठ तक नहीं सकते तो आखिर इलेक्शन में कैसे इस काम को बेहतर ढंग से कर पाएंगे।

बाइट....अरविंद कुमार,विकलांग अध्यापक
तुलसीराम,विकलांग अध्यापक
रेखा शर्मा,विकलांग अध्यापिका

तो वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीश कुमार यादव का कहना है कि जिनकी इलेक्शन में डयूटी लगा दी गयी है उनमें से वो ऐसे लोगों की जांच कर रहे हैं जो कार्य नहीं कर सकते ,तो वहीं एक अन्य अधिकारी का का कहना है कि हर रोज विकास भवन में लोग मेडिकल दस्तावेजों को लेकर यहां पहुंच रहे हैं,बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कर्मचारी आकर अपनी पीढ़ा बताया रहे हैं। और वो ऐसे लोगों को चिन्हित कर रहे हैं जो अक्षम हैं।

dierct बाइट...अम्बरीश कुमार,बेसिक शिक्षा अधिकारी,





Conclusion:फिलहाल बड़ा सवाल ये है कि जब पांच साल में कई मर्तबा अलग अलग चुनावों की प्रक्रिया होती ही है ,तो फिर उसके बावजूद भी क्यों आखिर ये लापरवाही पूर्ण रवैया अपनाया गया कि बिना जांच किये दूत्य लगा दी गयी,हालांकि अब अधिकारी मौन हैं और उनका कहना इतना है कि वो पड़ताल के बाद ऐसे कर्मचारियों को राहत जरूर देंगे जो अक्षम हैं।फिलहाल अगर पहले से अगर विभाग ने होमवर्क किया होता तो बेवजह के चक्कर बीमार और विकलांग कर्मचारियों को न लगाने पड़ते ।

पीटीसी....श्रीपाल तेवतिया।
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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