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कोरोना काल में भी नहीं खुल सका धराऊ प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र, 15 वर्षों से लटका है ताला

बुलंदशहर जिले के खुर्जा तहसील में स्थित धराऊ प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र कोरोना काल में भी नहीं खुल सका. उप स्वास्थ्य केंद्र पर 15 वर्षों से ताला लटका हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह अस्पताल चालू हो जाए तो लगभग एक लाख के करीब आबादी को फायदा होगा.

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Published : May 24, 2021, 7:35 AM IST

dharau primary sub health center
धराऊ प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र.

बुलंदशहर: खुर्जा तहसील के गांव धराऊ में प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है, लेकिन 15 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी अभी तक इसे चालू नहीं किया जा चुका है. उप स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगा हुआ है. लाखों रुपये की लागत से इसे बनवाया गया था. इस उप स्वास्थ्य केंद्र का स्वास्थ्य विभाग कोई फायदा नहीं उठा पा रहा है.

प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र पर 15 वर्षों से लटक रहा ताला.

कोरोना काल में प्राइवेट जगहों पर कोविड हॉस्पिटल बनाए गए हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग लंबा-चौड़ा किराया भी दे रहा है, लेकिन अपनी इस खाली पड़ी बिल्डिंग की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस बिल्डिंग में ताले लगे हुए हैं. मरम्मत न होने के कारण यह अब जर्जर होती जा रही है.

इसे भी पढे़ं: बीवी और दो बेटियों की हत्या का आरोपी गिरफ्तार, बचने के लिए बन गया था भिखारी

ग्रामीणों का आरोप है कि यदि यह अस्पताल चालू हो जाए तो लगभग एक लाख के करीब आबादी को फायदा होगा. कोरोना काल में भी लोग अस्पताल का उपयोग कर सकते हैं. कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बुलंदशहर: खुर्जा तहसील के गांव धराऊ में प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है, लेकिन 15 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी अभी तक इसे चालू नहीं किया जा चुका है. उप स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगा हुआ है. लाखों रुपये की लागत से इसे बनवाया गया था. इस उप स्वास्थ्य केंद्र का स्वास्थ्य विभाग कोई फायदा नहीं उठा पा रहा है.

प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र पर 15 वर्षों से लटक रहा ताला.

कोरोना काल में प्राइवेट जगहों पर कोविड हॉस्पिटल बनाए गए हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग लंबा-चौड़ा किराया भी दे रहा है, लेकिन अपनी इस खाली पड़ी बिल्डिंग की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस बिल्डिंग में ताले लगे हुए हैं. मरम्मत न होने के कारण यह अब जर्जर होती जा रही है.

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ग्रामीणों का आरोप है कि यदि यह अस्पताल चालू हो जाए तो लगभग एक लाख के करीब आबादी को फायदा होगा. कोरोना काल में भी लोग अस्पताल का उपयोग कर सकते हैं. कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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