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बुलंदशहर में पंचायत चुनाव के बाद मौत, मृत शिक्षक के परिवार ने बयां किया ये दर्द.. - पंचायत चुनाव के बाद मौत

परिवार वालों की मानें तो अनिल का स्वास्थ्य चुनावी ड्यूटी के बाद से ही बिगड़ा और उनकी मृत्यु हो गई. परिवार में एक बेटा आदित्य व बेटी अदिति है. पत्नी प्रवेश कहती हैं कि वह अपना परिवार किस तरह चलाएंगी. एक बेटा और एक बेटी है. जब उसका बेटा ढाई साल का था तो उसका सीधा हाथ मशीन में आ गया था. बेटा अपाहिज है.

बुलंदशहर में पंचायत चुनाव के बाद मौत, मृत शिक्षक के परिवार ने बयां किया ये दर्द..
बुलंदशहर में पंचायत चुनाव के बाद मौत, मृत शिक्षक के परिवार ने बयां किया ये दर्द..
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Published : May 21, 2021, 5:51 PM IST

बुलंदशहर : शिक्षक संगठनों की माने तो उत्तर प्रदेश में हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है. संगठनों ने सभी के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि और आश्रितों को सरकारी नौकरी की मांग की है. हालांकि यूपी सरकार के मुताबिक यह आंकड़ा महज 3 ही है.

बुलंदशहर में पंचायत चुनाव के बाद मौत, मृत शिक्षक के परिवार ने बयां किया ये दर्द..

शिक्षक का परिवार आज बेसहारा

जिन परिवारों में यह मौतें हुईं हैं, उनकी सुध लेने के लिए कोई भी आगे आते दिखायी नहीं दे रहा है. ऐसा ही एक मामला पंचायत चुनाव के बाद बुलंदशहर के एक शिक्षक अनिल कुमार की मौत का भी है. अनिल अपने पीछे दो बच्चे और पत्नी छोड़कर गए हैं. परिवार आज बेसहारा है.

शिक्षक संगठनों की मानें तो उत्तर प्रदेश के पंचायती चुनाव में ड्यूटी करने वाले बुलंदशहर थाना शिकारपुर के शिक्षक अनिल कुमार की मौत हो गयी. पत्नी प्रवेश का भी दावा है कि पति 28 तारीख को वोट डलवाने चुनावी ड्यूटी में गए थे. जब रात 11:00 बजे वह घर लौटे तो उन्होंने बताया कि उनके सिर में दर्द और बुखार गले में बहुत ज्यादा दर्द है. आंखों से पानी निकल रहा था. सुबह डॉक्टर को दिखाकर दवाई ली जिसके बाद भी उनको कोई आराम नहीं मिला. इसके बाद 2 तारीख को पंचायती चुनाव की वोटिंग में भी ड्यूटी पूरी की. लखावटी ब्लॉक ड्यूटी थी.

अनिल ने पंचायती चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए काफी किया था प्रयास

अनिल ने अपनी ड्यूटी कटवाने की भी कोशिश की पर ड्यूटी नहीं कटी. हालत खराब होने पर पत्नी ने कहा कि मत जाओ. इस पर अनिल ने कहा कि ड्यूटी तो करनी पड़ेगी. ड्यूटी तो ड्यूटी है, कहकर वह चले गए. ड्यूटी देने के बाद जब वह घर पहुंचे तो उन्होंने घरवालों से बताया कि उन्हें तेज बुखार है. गला भी बंद है. उन्हें गले में परेशानी हो रही थी. डॉक्टर से सिटी स्कैन भी कराया गया. डॉक्टर ने अनिल को कोरोनावायरस से ग्रस्त बताया.

यह भी पढ़ें : कोरोना संक्रमितों के लिए मदद की उम्मीद बनी 'ऑक्सीजन वाली बिटिया'

परिवार वालों की मानें तो अनिल का स्वास्थ्य चुनावी ड्यूटी के बाद से ही बिगड़ा और उनकी मृत्यु हो गई. परिवार में एक बेटा आदित्य व बेटी अदिति है. पत्नी प्रवेश कहती हैं कि वह अपना परिवार किस तरह चलाएंगी. एक बेटा और एक बेटी है. जब उसका बेटा ढाई साल का था तो उसका सीधा हाथ मशीन में आ गया था. बेटा अपाहिज है. उसका गुजारा कैसे चलेगा. कहा कि अपने बेटे और बेटी के लिए वह लगातार संघर्ष कर रह थे. इसके कारण वह बहुत चिंतित रहते थे. परिवार की आर्थिक स्थिति सिर्फ पति की नौकरी पर निर्भर थी.


चुनावी ड्यूटी में कोरोना पॉजिटिव होने से हुई मौत

मृत अनिल की बहन अंजू का कहना है कि उनका भाई 28 तारीख को पंचायती चुनाव के लिए गया था. 29 तारीख को घर लौटा. वहीं से भाई करोना पॉजिटिव होकर आया. आते-आते सिर में दर्द और बुखार से बेचैन था. काउंटिंग की ड्यूटी के बाद से काफी बीमार हो गया. 2 अप्रैल के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसकी हालत में कोई सुधार नहीं था. सिटी स्कैन में भी 15 इस्कोर आया था. इसके बाद 10 मई को उसकी डेथ हो गई.

बहन ने कहा, कैसे होगी बच्चों की परवरिश

बेसिक शिक्षा मंत्री से अनिल की बहन ने कहा है कि उसका भाई इलेक्शन से पहले ठीक था. पंचायती चुनाव के दौरान ही वह संक्रमित हुआ. सरकार को परिवार के विषय में भी सोचना चाहिए.

शिक्षा-दीक्षा में सहायता मांगी

मृत शिक्षक के बेटी वह बेटा ने भी सरकार से मांग की है कि उनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकार उनकी शिक्षा-दीक्षा को लेकर उनकी मदद करे.

बुलंदशहर : शिक्षक संगठनों की माने तो उत्तर प्रदेश में हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है. संगठनों ने सभी के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि और आश्रितों को सरकारी नौकरी की मांग की है. हालांकि यूपी सरकार के मुताबिक यह आंकड़ा महज 3 ही है.

बुलंदशहर में पंचायत चुनाव के बाद मौत, मृत शिक्षक के परिवार ने बयां किया ये दर्द..

शिक्षक का परिवार आज बेसहारा

जिन परिवारों में यह मौतें हुईं हैं, उनकी सुध लेने के लिए कोई भी आगे आते दिखायी नहीं दे रहा है. ऐसा ही एक मामला पंचायत चुनाव के बाद बुलंदशहर के एक शिक्षक अनिल कुमार की मौत का भी है. अनिल अपने पीछे दो बच्चे और पत्नी छोड़कर गए हैं. परिवार आज बेसहारा है.

शिक्षक संगठनों की मानें तो उत्तर प्रदेश के पंचायती चुनाव में ड्यूटी करने वाले बुलंदशहर थाना शिकारपुर के शिक्षक अनिल कुमार की मौत हो गयी. पत्नी प्रवेश का भी दावा है कि पति 28 तारीख को वोट डलवाने चुनावी ड्यूटी में गए थे. जब रात 11:00 बजे वह घर लौटे तो उन्होंने बताया कि उनके सिर में दर्द और बुखार गले में बहुत ज्यादा दर्द है. आंखों से पानी निकल रहा था. सुबह डॉक्टर को दिखाकर दवाई ली जिसके बाद भी उनको कोई आराम नहीं मिला. इसके बाद 2 तारीख को पंचायती चुनाव की वोटिंग में भी ड्यूटी पूरी की. लखावटी ब्लॉक ड्यूटी थी.

अनिल ने पंचायती चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए काफी किया था प्रयास

अनिल ने अपनी ड्यूटी कटवाने की भी कोशिश की पर ड्यूटी नहीं कटी. हालत खराब होने पर पत्नी ने कहा कि मत जाओ. इस पर अनिल ने कहा कि ड्यूटी तो करनी पड़ेगी. ड्यूटी तो ड्यूटी है, कहकर वह चले गए. ड्यूटी देने के बाद जब वह घर पहुंचे तो उन्होंने घरवालों से बताया कि उन्हें तेज बुखार है. गला भी बंद है. उन्हें गले में परेशानी हो रही थी. डॉक्टर से सिटी स्कैन भी कराया गया. डॉक्टर ने अनिल को कोरोनावायरस से ग्रस्त बताया.

यह भी पढ़ें : कोरोना संक्रमितों के लिए मदद की उम्मीद बनी 'ऑक्सीजन वाली बिटिया'

परिवार वालों की मानें तो अनिल का स्वास्थ्य चुनावी ड्यूटी के बाद से ही बिगड़ा और उनकी मृत्यु हो गई. परिवार में एक बेटा आदित्य व बेटी अदिति है. पत्नी प्रवेश कहती हैं कि वह अपना परिवार किस तरह चलाएंगी. एक बेटा और एक बेटी है. जब उसका बेटा ढाई साल का था तो उसका सीधा हाथ मशीन में आ गया था. बेटा अपाहिज है. उसका गुजारा कैसे चलेगा. कहा कि अपने बेटे और बेटी के लिए वह लगातार संघर्ष कर रह थे. इसके कारण वह बहुत चिंतित रहते थे. परिवार की आर्थिक स्थिति सिर्फ पति की नौकरी पर निर्भर थी.


चुनावी ड्यूटी में कोरोना पॉजिटिव होने से हुई मौत

मृत अनिल की बहन अंजू का कहना है कि उनका भाई 28 तारीख को पंचायती चुनाव के लिए गया था. 29 तारीख को घर लौटा. वहीं से भाई करोना पॉजिटिव होकर आया. आते-आते सिर में दर्द और बुखार से बेचैन था. काउंटिंग की ड्यूटी के बाद से काफी बीमार हो गया. 2 अप्रैल के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसकी हालत में कोई सुधार नहीं था. सिटी स्कैन में भी 15 इस्कोर आया था. इसके बाद 10 मई को उसकी डेथ हो गई.

बहन ने कहा, कैसे होगी बच्चों की परवरिश

बेसिक शिक्षा मंत्री से अनिल की बहन ने कहा है कि उसका भाई इलेक्शन से पहले ठीक था. पंचायती चुनाव के दौरान ही वह संक्रमित हुआ. सरकार को परिवार के विषय में भी सोचना चाहिए.

शिक्षा-दीक्षा में सहायता मांगी

मृत शिक्षक के बेटी वह बेटा ने भी सरकार से मांग की है कि उनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकार उनकी शिक्षा-दीक्षा को लेकर उनकी मदद करे.

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