बुलंदशहर: कोरोना वायरस को मात देने के लिए देशभर में लॉकडाउन है. ऐसे में जहां आम आदमी के सामने रोजी रोटी का संकट है, वहीं बुलंदशहर जिला प्रशासन ने जिले में स्वयं सहायता समूहों को मास्क बनाने का प्रशिक्षण देकर वृहद स्तर पर उच्चकोटि के मास्क बनाने की योजना बनाई है, जिसमें एक डिजाइनर का भी सहयोग लिया जा रहा है. माना जा रहा है इससे जिले में स्वंय सहायता समूहों से जुड़े ढाई से तीन हजार हुनरमंदों को रोजगार मिलेगा.
बुलंदशहर में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रशिक्षण देने के बाद मास्क बनाने की शुरुआत हो चुकी है, जिसके लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी दिल्ली से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई करने के बाद अपना काम कर रहे मनीष त्रिपाठी को स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण देने और मास्क बनवाने का जिम्मा दिया है.
ईटीवी भारत ने मनीष त्रिपाठी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि एनएसआईसी में उन्होंने मास्क बनाने के लिए सम्पर्क किया था. उन्हें बड़े पैमाने पर मास्क बनाने के लिए टीम की आवश्यकता थी, जिस पर NSIC ने उन्हें बुलंदशहर जिला प्रशासन के पास सम्पर्क करने को कहा.
बुलंदशहर में उन्होंने जिले के स्वयं सहायता समूहों के वर्कर्स को प्रशिक्षण दिया, जिसके बाद उच्चकोटि के इंटरनेशनल मानक के मुताबिक मास्क बनाने का काम शुरू किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि वृहद स्तर पर ये मास्क बिक्री किये जायेंगे, जबकि ऑनलाइन बिक्री के सभी प्लेटफॉर्म पर भी डिजाइनर मास्क उपलब्ध होंगे, वहीं मेडिसिन मार्केट तक भी इन मास्क को बिक्री करने का फुलप्रूफ प्लान तैयार किया गया है.
इसे भी पढ़ें:-वाराणसी: डिजाइनर फेस मास्क रखेंगे सुरक्षित और भीड़ में जुदा
बुलंदशहर जिले को पहली बार 2020-2021 के लिए इंटेंसिव श्रेणी में शामिल किया गया है. जिले के पांच ब्लॉक में विशेषतौर से स्वंय सहायता समूहों को एक्टिव करते हुए नवीन स्वयं सहायता समूहों का गठन करने के लिए जिला प्रशासन प्रत्यनशील है. देशभर में कोरोना महामारी की वजह से लंबे समय तक भी मास्क की आवश्यकता सभी को होने वाली है. ऐसे में बुलंदशहर में स्वयं सहायता समूहों को हुनरमंद बनाकर उनसे मास्क तैयार कराए जा रहे हैं.
-साहित्य प्रकाश मिश्रा, डीडीओ