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पशु वैक्सीन बनी कूड़े का ढेर, सवालों के घेरे में अफसर

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बुलंदशहर जिले को करोड़ों रुपये की वैक्सीन भेजी गई थी, लेकिन बेसुध अफसरों की लापरवाही के चलते ये वैक्सीन खराब हो गई.

पशु वैक्सीन बनी कूड़े का ढेर
पशु वैक्सीन बनी कूड़े का ढेर
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Published : Nov 24, 2020, 12:04 PM IST

बुलंदशहर: राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले को करोड़ों रुपये की वैक्सीन भेजी गई थी, लेकिन बेसुध अफसरों की लापरवाही के चलते यह वैक्सीन खराब हो गई. बड़ी बात यह है कि अधिकारियों को इसकी कोई खबर नहीं है. अफसरों के पास इस मामले में कोई जवाब नहीं है.

कूड़े का ढेर बनी वैक्सीन
उत्तर प्रदेश के कृषि प्रधान जिले के तौर पर अपनी अलग पहचान रखने वाले बुलंदशहर जिले को पशु पालकों का जिला भी कहा जाता है. जिले में पशुपालकों की संख्या भी लाखों में हैं. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण पिछले महीने से टीकाकरण के लिए अभियान चला रहा है. इस अभियान के तहत पशुओं को खुरपका और मुंहपका रोग से बचाने के लिए सरकार की तरफ से लगभग 12 लाख 76 हजार वैक्सीन जिले को भेजी गई थी, लेकिन यह वैक्सीन जानवरों को लगने के बजाए कूड़े का ढेर बन गईं.

न्यूनतम तापमान के बिना 15 दिन से रखी थी वैक्सीन

जिले के स्याना रोड स्थित मोहन कोल्ड स्टोर में पशुपालन विभाग ने पशुओं के लिए वैक्सीन रखी थी. वैक्सीन के लिए 2 से 5 डिग्री सेल्सियस तापमान जरूरी होता है, लेकिन जिस कोल्ड स्टोर में यह वैक्सीन रखी गई थी, वहां टेम्परेचर मेंटेन करने के लिए व्यवस्थाएं नहीं थीं.

हर वैक्सीन का होता है एक फिक्स तापमान

आमतौर पर हर वैक्सीन को रखने का एक तापमान फिक्स होता है, लेकिन इस वैक्सीन को बिना किसी व्यवस्था के एक आलू के स्टोर में रखा गया. जोकि काफी समय से बंद पड़ा हुआ था. ऐसे में इस वैक्सीन का खराब होना तय था. जिले के अफसर इस पूरे मामले पर चुप्पी बनाए हुए हैं.

मामले की होगी जांच
मामले का खुलासा होने पर अधिकारी इसकी जांच की बातें कर रहे हैं. जबकि लाखों रुपये की वैक्सीन यहां बर्बाद हो चुकी है. इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजीव सक्सेना ने बताया कि जिले में कुल 12 लाख 76 हजार वैक्सीन आई थीं.

7 लाख वैक्सीन की गई थी स्टोर

सीवीओ राजीव सक्सेना ने बताया कि जो वैक्सीन जिले को प्राप्त हुई थी. उसमें से करीब 6 लाख वैक्सीन सदर पशु चिकित्सालय में मौजूद डीप फ्रीजर्स में रखी गई थी. जबकि वैक्सीन की संख्या अधिक होने की वजह से बाकी वैक्सीन रखने के लिए कोल्ड स्टोर की मदद ली गई थी. उनका कहना है इस मामले में जांच-पड़ताल चल रही है. उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान कोल्ड स्टोर में से उपयोग के लिए भी वैक्सीन ली जा रही थी.

रातों-रात उठाई गई कोल्ड स्टोर से वैक्सीन

जो वैक्सीन कोल्ड स्टोर में रखी गई थी, जब वह कोल्ड स्टोर ही बंद पड़ा था, तो समय रहते वैक्सीन को वहां से दूसरी जगह क्यों नहीं रखा गया. हालांकि अब जब यह मामला सुर्खियों में आया तो रातों-रात उस वैक्सीन को कोल्ड स्टोर से निकालकर सदर स्थित हॉस्पिटल में रखवाया गया है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि इसी मामले में वह जानकारी जुटा रहे हैं, जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अभी सभी बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है.


बुलंदशहर: राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले को करोड़ों रुपये की वैक्सीन भेजी गई थी, लेकिन बेसुध अफसरों की लापरवाही के चलते यह वैक्सीन खराब हो गई. बड़ी बात यह है कि अधिकारियों को इसकी कोई खबर नहीं है. अफसरों के पास इस मामले में कोई जवाब नहीं है.

कूड़े का ढेर बनी वैक्सीन
उत्तर प्रदेश के कृषि प्रधान जिले के तौर पर अपनी अलग पहचान रखने वाले बुलंदशहर जिले को पशु पालकों का जिला भी कहा जाता है. जिले में पशुपालकों की संख्या भी लाखों में हैं. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण पिछले महीने से टीकाकरण के लिए अभियान चला रहा है. इस अभियान के तहत पशुओं को खुरपका और मुंहपका रोग से बचाने के लिए सरकार की तरफ से लगभग 12 लाख 76 हजार वैक्सीन जिले को भेजी गई थी, लेकिन यह वैक्सीन जानवरों को लगने के बजाए कूड़े का ढेर बन गईं.

न्यूनतम तापमान के बिना 15 दिन से रखी थी वैक्सीन

जिले के स्याना रोड स्थित मोहन कोल्ड स्टोर में पशुपालन विभाग ने पशुओं के लिए वैक्सीन रखी थी. वैक्सीन के लिए 2 से 5 डिग्री सेल्सियस तापमान जरूरी होता है, लेकिन जिस कोल्ड स्टोर में यह वैक्सीन रखी गई थी, वहां टेम्परेचर मेंटेन करने के लिए व्यवस्थाएं नहीं थीं.

हर वैक्सीन का होता है एक फिक्स तापमान

आमतौर पर हर वैक्सीन को रखने का एक तापमान फिक्स होता है, लेकिन इस वैक्सीन को बिना किसी व्यवस्था के एक आलू के स्टोर में रखा गया. जोकि काफी समय से बंद पड़ा हुआ था. ऐसे में इस वैक्सीन का खराब होना तय था. जिले के अफसर इस पूरे मामले पर चुप्पी बनाए हुए हैं.

मामले की होगी जांच
मामले का खुलासा होने पर अधिकारी इसकी जांच की बातें कर रहे हैं. जबकि लाखों रुपये की वैक्सीन यहां बर्बाद हो चुकी है. इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजीव सक्सेना ने बताया कि जिले में कुल 12 लाख 76 हजार वैक्सीन आई थीं.

7 लाख वैक्सीन की गई थी स्टोर

सीवीओ राजीव सक्सेना ने बताया कि जो वैक्सीन जिले को प्राप्त हुई थी. उसमें से करीब 6 लाख वैक्सीन सदर पशु चिकित्सालय में मौजूद डीप फ्रीजर्स में रखी गई थी. जबकि वैक्सीन की संख्या अधिक होने की वजह से बाकी वैक्सीन रखने के लिए कोल्ड स्टोर की मदद ली गई थी. उनका कहना है इस मामले में जांच-पड़ताल चल रही है. उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान कोल्ड स्टोर में से उपयोग के लिए भी वैक्सीन ली जा रही थी.

रातों-रात उठाई गई कोल्ड स्टोर से वैक्सीन

जो वैक्सीन कोल्ड स्टोर में रखी गई थी, जब वह कोल्ड स्टोर ही बंद पड़ा था, तो समय रहते वैक्सीन को वहां से दूसरी जगह क्यों नहीं रखा गया. हालांकि अब जब यह मामला सुर्खियों में आया तो रातों-रात उस वैक्सीन को कोल्ड स्टोर से निकालकर सदर स्थित हॉस्पिटल में रखवाया गया है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि इसी मामले में वह जानकारी जुटा रहे हैं, जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अभी सभी बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है.


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